लखीमपुर खीरी: यूपी के तराई इलाके के जिले में इस बार बारिश कम होने से किसान काफी परेशान हैं. सावन में बहुत कम बारिश हुई थी, वहीं भादों पूरा ही सूखा निकला जा रहा है. इस कारण किसानों की लागत दोगुनी से ज्यादा हो गई. वहीं कुछ इलाकों में किसान धान की फसल जोत रहे हैं.
बनवारी पुर गांव के पटवारी लाल ने चार बीघा खेत बटाई पर लेकर बोया था. उनका कहना है कि सोचा था बारिश अच्छी हो जाएगी तो फसल भी ठीक हो जाएगी. पटवारी रोज अपने धान के हरे भरे खेतों के ऊपर उमड़ते- घुमड़ते बादलों को देखते हैं पर बादल आकर ऐसे ही चले जाते हैं.
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सावन में तो हल्की-फुल्की बारिश हो भी गई थी, लेकिन भादों तो पूरे सूखे निकले जा रहे है. पटवारी जहां जोताई, बोआई, बीज और पानी का हिसाब लगाते हैं वहीं वे उदास हो जाते हैं. बारिश न होने से धान की लागत दोगुनी हो गई. सात पानी लगा चुके तब खेत हरा भरा दिख रहा, लेकिन खेत से मिलेगा क्या ये अभी तक पता नहीं चल पाया है.
तराई के खीरी जिले से इस बार बादल रूठ गए हैं. पटवारी चिंता में कभी धोखेबाज बादलों को देखते हैं, तो कभी अपनी फसल को. वहीं इन दिनों लबालब रहने वाले खेतों में ट्यूबवेल चल रहे हैं.