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वसूली करने आए बैंककर्मियों ने किसान को जीप में बैठाकर गांव में घुमाया, हार्ट अटैक से हुई मौत - Farmer dies in Jamalpur village

लखीमपुर खीरी में वसूली करने गए बैंक कर्मियों द्वारा धमकाने और बेइज्जती करने के बाद किसान की मौत हो गई. परिजनों ने तहरीर देकर बैंक कर्मियो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

किसान छोटेलाल की फाइल फोटो
किसान छोटेलाल की फाइल फोटो
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 9:28 PM IST

मृतक के बेटे ने बैंककर्मियों पर लगाया गंभीर आरोप.

लखीमपुर खीरी: जनपद के हैदराबाद कोतवाली इलाके के जमालपुर गांव में एक किसान की मौत हो गई. परिजनों को कहना है कि बैंक कर्मचारियों की बेइज्जती के कारण किसान की मौत हुई है. परिजनों ने थाने में तहरीर देकर बैंक कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. दरअसल, मंगलवार रात जमालपुर गांव निवासी किसान छोटे लाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई.

छोटेलाल के बेटे गोपीचंद का कहना है कि मंगलवार को भूमि विकास बैंक के अफसर गांव आए थे. उन्होंने पिता छोटे लाल को जीप में बैठाकर आधे घंटे तक पूरे गांव में घुमाया. इसके बदा जेल में भेजने की धमकी दी. बैंक कर्मचारी कहने लगे कि पैसा जमा करो नहीं तो जेल में सड़ जाओगे. इसके साथ जमीन भी नीलाम करने की धमकी दी. जीप में बैठा कर घुमाने का ग्रामीणों ने विरोध किया. जिस पर बैंक कर्मचारियों ने 500 रुपये लेकर पिता को जीप से उतार दिया और तीन से चार दिन की मोहलत देकर चले गए.

गोपीचंद ने बताया कि पिता ने साल 2011 में 60 हजार का लोन भूमि विकास बैंक से लिया था. जोकि अब तीन लाख के ऊपर हो गया है. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण लोन जमा नहीं कर पाए थे. मंगलवार को बैंक वालों ने की बेइज्जी की और धमकाया भी. बैंक वाले पिता की 8 बीघा जमीन को नीलाम करने के लिए कह रहे थे. बैंक अफसरों और पुलिस के जाने के बाद पिता काफी व्यथित हुए. बोले ऐसी बेइज्जती कभी नहीं हुई और बिस्तर पर जाकर लेट गए. गोपीचंद ने बताया पिता छोटेलाल को हर रोज सुबह चार बजे उठ जाते थे, लेकिन बुधवार को नहीं उठे. शायद बैंक वालों द्वारा की गई बेइज्जती को बर्दाश्त नहीं कर पाए और हर्ट अटैक पड़ गया.

गोपीचंद ने पुलिस को एक तहरीर देकर आरोपी बैंककर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. छोटेलाल सन् 1995 में गांव के प्रधान भी रह चुके है. छोटेलाल की मौत पर किसान मजदूर संगठन, भारतीय किसान यूनियन के लोग उनके घर जमालपुर पहुंचे है. पुलिस ने परिजनों से पोस्टमार्टम के बाद कार्रवाई करने की बात कही है. इस पर परिजन शव को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए. जमालपुर गांव के प्रधान पति दिनेश राज ने बताय कि करीब 10 महीने पहले भी बैंक कर्मी छोटेलाल के घर आए थे. तब बैंक कर्मियों ने छोटे लाल के घर पर फीता डालकर नाप जोख की थी.

जब भूमि विकास बैंक के मैनेजर से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो उनका फोन नहीं उठा. सीतापुर रोड स्थित भूमि विकास बैंक(सहकारी ग्राम विकास बैंक) के अकाउंटेंट अमित कुमार ने बताया कि छोटेलाल ने 2010 में मुर्गी पालन के लिए 11 प्रतिशत सालाना ब्याज पर 60 हजार रुपए कर्ज लिया था. छोटेलाल लाल की 2017-18 में आरसी जारी की गई थी. तब से छोटेलाल से पैसा जमा करने को कहा जा रहा. मंगलवार को टीम गई थी या नहीं इसकी जानकारी नहीं है.


वहीं, किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष अंजनी दीक्षित ने कहा कि एक तरफ चीनी मिलों का पेमेंट नहीं हो रहा. दूसरी तरफ भूमि विकास बैंक किसानों को प्रताड़ित कर रहा है. भूमि विकास बैंक किसानों से 15 से 20 फीसदी तक ब्याज वसूल रही. इस बरसात के मौसम में भी किसानों को जबरन प्रताड़ित किया जा रहा है. किसान की मौत पर सरकार कम से कम परिजनों को 10 लाख का मुआवजा दे. वहीं, भूमि विकास बैंक की वसूली इस वक्त रोकी जाए और मृतक किसान का कर्ज माफ किया जाए.

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी में गायब हो रही थी बकरियां और कुत्ते, चोर निकला मगरमच्छ!

यह भी पढे़ं: Watch Video: किसान की मौत पर दोस्त बंदर फूट-फूटकर रोया, मना रहा मातम

मृतक के बेटे ने बैंककर्मियों पर लगाया गंभीर आरोप.

लखीमपुर खीरी: जनपद के हैदराबाद कोतवाली इलाके के जमालपुर गांव में एक किसान की मौत हो गई. परिजनों को कहना है कि बैंक कर्मचारियों की बेइज्जती के कारण किसान की मौत हुई है. परिजनों ने थाने में तहरीर देकर बैंक कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. दरअसल, मंगलवार रात जमालपुर गांव निवासी किसान छोटे लाल की हार्ट अटैक से मौत हो गई.

छोटेलाल के बेटे गोपीचंद का कहना है कि मंगलवार को भूमि विकास बैंक के अफसर गांव आए थे. उन्होंने पिता छोटे लाल को जीप में बैठाकर आधे घंटे तक पूरे गांव में घुमाया. इसके बदा जेल में भेजने की धमकी दी. बैंक कर्मचारी कहने लगे कि पैसा जमा करो नहीं तो जेल में सड़ जाओगे. इसके साथ जमीन भी नीलाम करने की धमकी दी. जीप में बैठा कर घुमाने का ग्रामीणों ने विरोध किया. जिस पर बैंक कर्मचारियों ने 500 रुपये लेकर पिता को जीप से उतार दिया और तीन से चार दिन की मोहलत देकर चले गए.

गोपीचंद ने बताया कि पिता ने साल 2011 में 60 हजार का लोन भूमि विकास बैंक से लिया था. जोकि अब तीन लाख के ऊपर हो गया है. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण लोन जमा नहीं कर पाए थे. मंगलवार को बैंक वालों ने की बेइज्जी की और धमकाया भी. बैंक वाले पिता की 8 बीघा जमीन को नीलाम करने के लिए कह रहे थे. बैंक अफसरों और पुलिस के जाने के बाद पिता काफी व्यथित हुए. बोले ऐसी बेइज्जती कभी नहीं हुई और बिस्तर पर जाकर लेट गए. गोपीचंद ने बताया पिता छोटेलाल को हर रोज सुबह चार बजे उठ जाते थे, लेकिन बुधवार को नहीं उठे. शायद बैंक वालों द्वारा की गई बेइज्जती को बर्दाश्त नहीं कर पाए और हर्ट अटैक पड़ गया.

गोपीचंद ने पुलिस को एक तहरीर देकर आरोपी बैंककर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. छोटेलाल सन् 1995 में गांव के प्रधान भी रह चुके है. छोटेलाल की मौत पर किसान मजदूर संगठन, भारतीय किसान यूनियन के लोग उनके घर जमालपुर पहुंचे है. पुलिस ने परिजनों से पोस्टमार्टम के बाद कार्रवाई करने की बात कही है. इस पर परिजन शव को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए. जमालपुर गांव के प्रधान पति दिनेश राज ने बताय कि करीब 10 महीने पहले भी बैंक कर्मी छोटेलाल के घर आए थे. तब बैंक कर्मियों ने छोटे लाल के घर पर फीता डालकर नाप जोख की थी.

जब भूमि विकास बैंक के मैनेजर से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो उनका फोन नहीं उठा. सीतापुर रोड स्थित भूमि विकास बैंक(सहकारी ग्राम विकास बैंक) के अकाउंटेंट अमित कुमार ने बताया कि छोटेलाल ने 2010 में मुर्गी पालन के लिए 11 प्रतिशत सालाना ब्याज पर 60 हजार रुपए कर्ज लिया था. छोटेलाल लाल की 2017-18 में आरसी जारी की गई थी. तब से छोटेलाल से पैसा जमा करने को कहा जा रहा. मंगलवार को टीम गई थी या नहीं इसकी जानकारी नहीं है.


वहीं, किसान मजदूर संगठन के जिलाध्यक्ष अंजनी दीक्षित ने कहा कि एक तरफ चीनी मिलों का पेमेंट नहीं हो रहा. दूसरी तरफ भूमि विकास बैंक किसानों को प्रताड़ित कर रहा है. भूमि विकास बैंक किसानों से 15 से 20 फीसदी तक ब्याज वसूल रही. इस बरसात के मौसम में भी किसानों को जबरन प्रताड़ित किया जा रहा है. किसान की मौत पर सरकार कम से कम परिजनों को 10 लाख का मुआवजा दे. वहीं, भूमि विकास बैंक की वसूली इस वक्त रोकी जाए और मृतक किसान का कर्ज माफ किया जाए.

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