लखीमपुर खीरी: जिले में ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार की खुदकुशी मामले ने तूल पकड़ लिया है. आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से कर्मचारियों का गुस्सा पुलिस के खिलाफ बढ़ गया है. कर्मचारियों ने शनिवार को विकास भवन में ताला लगाकर कामकाज ठप कर दिया. कर्मचारियों ने एक स्वर में एलान किया कि अगर सोमवार तक गिरफ्तारी नहीं हुई तो जिले के सभी दफ्तर बंद करा दिए जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी.
कई संगठनों के कर्मचारी हुए एक जुट
विकास भवन में शनिवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी संघ समेत तमाम विभागों के कर्मचारी संगठनों ने एक साथ प्रदर्शन किया. ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार की खुदकुशी मामले में मंच से जलील करने वाले मुख्य आरोपी राकेश सिंह चौहान और उसके चार साथियों की गिरफ्तारी न होने से कर्मचारी नाराज हैं. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि दिन-रात ग्राम विकास अधिकारी गांव के विकास के लिए काम करते हैं, उसके बाद भी उनके साथ किसान नेताओं ने ऐसा सुलूक किया, जिससे उनको खुदकुशी करने के लिए मजबूर होना पड़ा. VDO त्रिवेंद्र कुमार को जातिसूचक शब्द कहे गए,अपशब्द कहे गए जिससे आहत होकर उन्होने पांच सितंबर को घर में खुदकुशी कर ली.
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किसान यूनियन लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष पर है आरोप
भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान पर VDO के आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है. एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें ग्राम विकास अधिकारी को जलील करते देखा जा सकता है. मामले में त्रिवेंद्र के परिजनों की तहरीर पर नौ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, जिनमें से पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य आरोपी राकेश चौहान, श्यामू शुक्ला समेत चार अभी भी फरार चल रहे हैं. कर्मचारियों ने सरकार से त्रिवेंद्र के परिजनों को 50 लाख मुआवजा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की.
आज सभी संगठनों ने हमें समर्थन दिया है. सोमवार तक का वक्त हमने पुलिस प्रशासन को दिया है. गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन पूरे जिले में फैलेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
-भजनलाल, अध्यक्ष विकास भवन कर्मचारी संघ