लखीमपुर: हिंदुस्तान में हर व्यक्ति को दो हजार घनमीटर पानी की उपलब्धता है, लेकिन आने वाले 20-25 सालों में यह तादाद घटकर 1500 घन मीटर रह जाएगी. आने वाले समय में दैनिक उपयोग के लिए लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिलेगा. खेतों की सिंचाई के लिए भी पानी की कमी हो जाएगी. इन सभी समस्याओं को देखते हुए डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह, सीडीओ रवि रंजन और बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने मिलकर भूगर्भ जल को बचाने की अनोखी योजना बनाई.
शहर और गांव में हो रहा अंधाधुंध पानी का दोहन-
- खीरी जिले के तराई इलाके में हर साल 20 सेंटीमीटर से ज्यादा वाटर लेबल नीचे जा रहा है.
- इस समस्या के चलते डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने भूजल बचाने की पहल की है.
- जिले के 3856 स्कूलों में पांच लाख से ज्यादा छात्रों को पानी का महत्व बताया जाएगा.
- जिले के 3856 स्कूलों में रेनवाटर हार्वेस्ट करने के तरीके भी.
- खीरी जिले के 3865 स्कूलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाएगा.
- अभियान के तहत एक सोक पिट बनाया जाएगा जिसमें पाइप के माध्यम से स्कूल का पानी भूगर्भ में जाएगा.
हमें समय रहते सचेत होना पड़ेगा. तराई में भी वाटर लेबल तेजी से नीचे जा रहा है. ये सिस्टम पानी बचाने में सहायता करेगा.
शैलेन्द्र कुमार सिंह, डीएमहम बाल संसद की तरह स्कूलों में 'जलसंसद' बनाएंगे. बच्चों को पानी का महत्व बताएंगे. उनके जरिए अभिभावकों को भी यह समझाएंगे कि पानी का उपयोग जितनी जरूरत हो उतना ही करें.
बुद्धप्रिय सिंह, बीएसए