लखीमपुर खीरी : 3 अक्टूबर को तिकोनिया हिंसा में घायल हुए किसानों की तरफ से मंगलवार को किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल डीएम खीरी महेंद्र बहादुर सिंह से मिला. किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को सरकार का वायदा याद दिलाया और कहा कि 4 मृत किसानों और पत्रकार के परिवार के एक-एक शख्स को सरकार ने नौकरी का वायदा किया था. आखिर उसमें क्या हुआ? वहीं घायल किसानों को मुआवजा कब मिलेगा. इस पर प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से बात की डीएम ने 19 तारीख तक का समय किसानों के प्रतिनिधिमंडल को दिया है और कहा है कि वह अभी नए आए हैं, इसलिए संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर आगे बात करेंगे.
तिकोनिया में किसानों थार गाड़ी चढ़ाने के बाद उपजी हिंसा में 4 किसान, एक पत्रकार और 3 बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी. इस मामले में सरकार की तरफ से एडीजी लॉ एंड ऑर्डर समेत तमाम अफसरों ने तिकोनिया में लाश रखकर प्रदर्शन कर रहे किसानों से तमाम वायदा किए थे. किसान नेता राकेश टिकैत और यूपी सरकार के अफसरों के बीच हुई वार्ता में यह तय हुआ था कि मृतक परिवारों को 45 -45 लाख रुपये मुआवजे और एक-एक सरकारी नौकरी दी जाएगी.
आज भारतीय सिख संगठन के अध्यक्ष जसवीर सिंह विर्क के साथ एक प्रतिनिधिमंडल डीएम खीरी महेंद्र बहादुर सिंह से मिला और उन्होंने मांग की कि इस हिंसा और गाड़ी चढ़ाने के दौरान करीब कई किसानों को चोटें आई थीं. उनमें से कुछ ने अपना खुद इलाज करा लिया और कुछ डर की वजह से उस समय सामने नहीं आए थे. लेकिन घायलों की तादाद ज्यादा है. सिख संगठन की तरफ से मांग की गई कि सभी घायलों को सरकार मुआवजा दे.
डीएम ने सिख संगठन के पदाधिकारियों को बताया कि उन्हें पांच लोगों के घायल होने की आधिकारिक जानकारी है. अगर अन्य लोग भी घायल हैं, तो शासन को अवगत कराया जाएगा और दिशा-निर्देश लेकर आगे काम किया जाएगा.
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जसवीर सिंह विर्क ने डीएम से मिलकर बाहर निकल कर बताया की सरकार ने उस वक्त वायदा किया था. 45-45 लाख रुपये तो मुआवजे के तौर पर मृतक किसानों को दे दिया गया. लेकिन नौकरी अभी तक नहीं दी गई. हम जानना चाहते हैं कि उस दिशा में कहां कि बात पहुंची है. जसवीर सिंह विर्क ने बताया कि डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने 19 नवंबर तक का वक्त मांगा है.
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किसानों के साथ मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन कश्यप भी आए थे. पवन ने भी बताया कि सरकार ने नौकरी का वायदा किया था. हम जानना चाहते हैं कि उस दिशा में क्या प्रगति है. मुआवजा तो सरकार ने दे दिया था लेकिन नौकरी की बात अभी तक पूरी नहीं हुई.
जसवीर सिंह विर्क ने कहा कि अगर सरकार ने नौकरी और घायल किसानों को मुआवजे नहीं दिये तो फिर वह आंदोलन के लिए भी बाध्य होंगे. 19 नवम्बर तक का वक्त डीएम ने दिया है. अगर इस पर अमल नहीं हुआ तो फिर आंदोलन का रास्ता पकड़ा जाएगा.