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लखीमपुर खीरी : कमीशन का धंधा बिगाड़ रहा मरीजों की जेब की सेहत - upnews

सरकारी अस्पताल गरीबों के लिए है पर यहां बेड, खून की जांच और दवाई के लिए हर कदम पर गरीब मरीजों से धरती के भगवान वसूली कर रहे हैं.

कमीशन के नाम पर सरकारी डॉक्टर ने सांसद के कर्मचारी से ही वसूल लिए 4,500 रुपये
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Published : Feb 17, 2019, 3:31 PM IST

लखीमपुर खीरी : कमीशन का धंधा मरीजों की जेब की सेहत बिगाड़ रहा है. यह कमीशन सीधे 'धरती के भगवान' की जेब में जाता है. कमाई के लिए जरूरत से अधिक जांचें कराने का भी खेल होता है. आलम यह कि बड़े-बड़े अस्पतालों में जांच की सुविधा होने के बावजूद सरकारी अस्पतालों के आस-पास बने डायग्नोस्टिक सेंटर्स की मौजूदगी कमीशन के इस खेल की ओर इशारा करते हैं.

कमीशन के नाम पर सरकारी डॉक्टर ने सांसद के कर्मचारी से ही वसूल लिए 4,500 रुपये
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यूपी के सरकारी अस्पतालों का हाल देखना हो तो आप लखीमपुर खीरी चलिए. यहां सरकारी डॉक्टरों ने सांसद के कर्मचारी से ही 4,500 रुपये वसूल लिए.
सन्तोष मिश्रा, खीरी के सांसद के भाई की राईस मिल में चौकीदारी कर अपना पेट पालते हैं. बीबी को पेट मे दर्द हुआ तो अस्पताल आये. जांच हुई तो पता चला कि पथरी है. सरकारी अस्पताल में पथरी के ऑपरेशन की फीस चार सौ रुपए है.


संतोष का आरोप है कि अस्पताल में सर्जन डॉक्टर राजकुमार कोहली के अटेंडेंट सन्तोष ने उनसे आपरेशन के लिये 4500 रुपये मांगे. संतोष को बेड के लिए 200, खून की जांच के लिए 100, और दवाई के लिए भी 200 रूपये देने ही पड़ गए. पर इतना लेने के बाद भी अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ का पेट नहीं भरा. दर्द होने पर इंजेक्शन लगाने पर हर बार 10-20 अलग से देंते रहे.


जब ये पूरी बात सांसद के भतीजों और भाजपा के नगर अध्यक्ष को पता चली तो जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में चल रहे वसूली के खेल का शोर बाहर निकल पड़ा.
शोर ऐसा हुआ कि अस्पताल में मरीज के तीमारदारों के साथ सांसद के भतीजे पहुंच गए. उन्होंने कहा सरकारी तनख्वाह से पेट नहीं भर रहा क्या और सबको जमकर खरी खोटी सुनाई. सरकार गरीबों के लिए इतना कुछ कर रही है पर आप लोग सरकार की बदनामी करा रहे है.

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प्रभारी सीएमएस से जब इस वसूली के बारे में पूछा गया तो संतोष मिश्रा का जवाब था कि अभी हमारे पास कोई लिखित जानकारी नहीं आई है अगर ऐसा हुआ है तो हम कार्रवाई करेंगे.

लखीमपुर खीरी : कमीशन का धंधा मरीजों की जेब की सेहत बिगाड़ रहा है. यह कमीशन सीधे 'धरती के भगवान' की जेब में जाता है. कमाई के लिए जरूरत से अधिक जांचें कराने का भी खेल होता है. आलम यह कि बड़े-बड़े अस्पतालों में जांच की सुविधा होने के बावजूद सरकारी अस्पतालों के आस-पास बने डायग्नोस्टिक सेंटर्स की मौजूदगी कमीशन के इस खेल की ओर इशारा करते हैं.

कमीशन के नाम पर सरकारी डॉक्टर ने सांसद के कर्मचारी से ही वसूल लिए 4,500 रुपये
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यूपी के सरकारी अस्पतालों का हाल देखना हो तो आप लखीमपुर खीरी चलिए. यहां सरकारी डॉक्टरों ने सांसद के कर्मचारी से ही 4,500 रुपये वसूल लिए.
सन्तोष मिश्रा, खीरी के सांसद के भाई की राईस मिल में चौकीदारी कर अपना पेट पालते हैं. बीबी को पेट मे दर्द हुआ तो अस्पताल आये. जांच हुई तो पता चला कि पथरी है. सरकारी अस्पताल में पथरी के ऑपरेशन की फीस चार सौ रुपए है.


संतोष का आरोप है कि अस्पताल में सर्जन डॉक्टर राजकुमार कोहली के अटेंडेंट सन्तोष ने उनसे आपरेशन के लिये 4500 रुपये मांगे. संतोष को बेड के लिए 200, खून की जांच के लिए 100, और दवाई के लिए भी 200 रूपये देने ही पड़ गए. पर इतना लेने के बाद भी अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ का पेट नहीं भरा. दर्द होने पर इंजेक्शन लगाने पर हर बार 10-20 अलग से देंते रहे.


जब ये पूरी बात सांसद के भतीजों और भाजपा के नगर अध्यक्ष को पता चली तो जिला अस्पताल के जनरल वार्ड में चल रहे वसूली के खेल का शोर बाहर निकल पड़ा.
शोर ऐसा हुआ कि अस्पताल में मरीज के तीमारदारों के साथ सांसद के भतीजे पहुंच गए. उन्होंने कहा सरकारी तनख्वाह से पेट नहीं भर रहा क्या और सबको जमकर खरी खोटी सुनाई. सरकार गरीबों के लिए इतना कुछ कर रही है पर आप लोग सरकार की बदनामी करा रहे है.

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प्रभारी सीएमएस से जब इस वसूली के बारे में पूछा गया तो संतोष मिश्रा का जवाब था कि अभी हमारे पास कोई लिखित जानकारी नहीं आई है अगर ऐसा हुआ है तो हम कार्रवाई करेंगे.

Intro:लखीमपुर- यूपी के सरकारी अस्पतालों का हाल देखना हो तो आप हमारे साथ लखीमपुर खीरी चलिए। यहां सरकारी डॉक्टरों ने सांसद के कर्मचारी से ही 45 सौ रुपए वसूल लिए। सरकारी अस्पताल गरीबों के लिए है पर यहां बेड के लिए,खून की जांच के लिए,दवाई के लिए.. हर कदम पर गरीब मरीजों से धरती के भगवान वसूली कर रहे।
ये सन्तोष मिश्रा हैं। खीरी के सांसद के भाई की राईस मिल में चौकीदारी कर अपना पेट पालते हैं। बीबी को पेट मे दर्द हुई,अस्पताल लाए जांच हुई तो पता चला कि पथरी है। गरीब आदमी हैं आपरेशन का जैसे तैसे इंतजाम किया। संतोष का आरोप है कि अस्पताल में सर्जन डॉक्टर राजकुमार कोहली के अटेंडेंट सन्तोष ने 45 सौ रुपए माँगे। बोला आपरेशन कराना है तो जमा कर दो। सरकारी अस्पताल में पथरी के ऑपरेशन की फीस चार सौ रुपए है। मरता क्या न करता 45 सौ जमा करा दिए। इसके बाद की कहानी बताते हुए सन्तोष रो पड़ता है। कहता है। बेड के लिए 200,खून की जांच के लिए 100 दवाई के लिए भी दो सौ देने ही पड़ गए। सवाल बीबी की जिंदगी का है। मुफलिसी का मारा करता भी क्या।


Body:पर इतना लेने के बाद भी अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ का पेट नहीं भरा दर्द होने पर इंजेक्शन लगाने पर हर बार 10-20 अलग से देंते रहे। पर आज कुछ बात बिगड़ गई। जब ये पूरी बात सांसद के भतीजों और भाजपा के नगर अध्यक्ष को पता चली तो जिला अस्पताल के इस गन्दे सन्दे जनरल वार्ड में चल रहे वसूली के खेल का शोर बाहर निकल पड़ा। शोर ऐसा हुआ कि अस्पताल में मरीज के तीमारदारों के साथ सांसद के भतीजे पहुँच गए। जमकर खरी खोटी सुनाई। लताड़ लगाई। कहा सरकारी तनख्वाह से पेट नहीं भर रहा। सरकार गरीबों के लिए इतना कुछ कर रही,आप लोग सरकार की बदनामी करा रहे। अस्पताल का जनरल वार्ड थोड़ी देर रेल का जनरल वार्ड बन गया। जमकर हंगामा हुआ। मरीज भी सहम गए।


Conclusion:जनरल वार्ड में भर्ती मरीजों के तीमारदार ओं में भी यह हंगामा देखकर हौसला आ गया। एक और मरीज के तीमारदार बोले हमसे भी ₹46 लिया गया यहां हर कदम पर वसूली है इंजेक्शन लगाने से लेकर खून की जांच और दवाई तक में। डाक्टरों और यहां काम करने वालों का ऐसा गठजोड़ है कि गरीब मरीजों को बाहर से दवाई लाने के लिए एक ही मेडिकल स्टोर से लाने को कहा जाता है अगर दवा भी कहीं इधर-उधर चले आए कुछ सस्ती ले आए तो मरीजों की खैर नहीं। गरीबों के जनरल वार्ड में ज्यादातर ऐसे ही परिवारों के लोग भर्ती हैं,जो प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करा सकते। उनके पास न पैसा है और ना ही संसाधन। पर सस्ता इलाज कराने के सरकार के दावे इस जनरल वार्ड में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। प्रभारी सीएमएस से जब इस वसूली के बारे में पूछा गया तो संतोष मिश्रा का जवाब था अभी हमारे पास कोई लिखित जानकारी नहीं आई है अगर ऐसा हुआ है तो कार्रवाई करेंगे।
बाइट-सन्तोष मिश्रा(पीड़ित)
बाइट-राशिद(पीड़ित)
पीटीसी-प्रशान्त पाण्डेय
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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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