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छत पर गिरा तार तो करंट से हुई मौत, गुस्साए लोगों ने शव रोड पर रखकर जाम लगाया - लखीमपुर में हादसा

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में करंट लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और बेटा भी झुलस गए. लोगों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी
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Published : Jun 15, 2021, 2:23 PM IST

लखीमपुर खीरीः शहर के बाहरी इलाके में दो दिन लगातार बरसात के बाद मंगलवार की सुबह बिजली का तार टूट कर एक छत पर गिर पड़ा. इससे पूरे घर में करंट फैल गया. करंट की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा और पत्नी गंभीर रूप से झुलस गए. इसके बाद घटना से आक्रोशित लोगों ने ऐरा रोड पर जाम लगा दिया. सूचना पाकर सीओ सिटी और कोतवाल फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका.


घटना शहर के मोहल्ला गोविंदनगर सलेमपुर कोन की है. यहां रहने वाले माता प्रसाद उर्फ मत्तू (50) सिक्योरिटी गार्ड थे. मंगलवार की सुबह अपने घर पर ही थे. बताया जाता है कि उनकी छत के ऊपर से 440 बोल्ट की बिजली की लाइन निकली हुई है. मंगलवार की सुबह बिजली लाइन का तार टूटकर उनकी छत पर गिर पड़ा. इससे पूरे घर में करंट फैल गया. घर में मौजूद माता प्रसाद की पत्नी मुन्नी देवी और बेटे आकाश को करंट महसूस हुआ तो उन्होंने शोर-शराबा किया. यह सुनकर माता प्रसाद भी उनको बचाने के लिए भागे. बताया जाता है कि जैसे ही माता प्रसाद ने घर का दरवाजा पकड़ा, वह भी करंट की चपेट में आ गए. उनकी पत्नी और बेटे तो किसी तरह बच गए पर झुलसकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई. शोर शराबा सुनकर आसपास के लोग मौके पर आ गए और मामले की सूचना बिजली विभाग को दी गई. बिजली की सप्लाई काटी गई. मां-बेटे भी करंट से झुलस गए थे.

लखीमपुर खीरी में हादसा

घटना से गुस्साए परिजनों और मोहल्लेवासियों ने माता प्रसाद के शव को घर से बाहर निकाला और उसे ले जाकर सलेमपुर गांव के बाहर ऐरा रोड पर रख दिया और प्रदर्शन करने लगे. उनकी मांग थी कि मुआवजा दिया जाए. मुआवजे के बिना शव हटाने नहीं देंगे. देखते-देखते रोड पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं.

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सूचना पाकर सीओ सिटी अरविंद कुमार वर्मा और शहर कोतवाल प्रभातेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंच गए. उन्होंने परिजनों को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने. शव रोड पर ही रखा रहा. आखिर में अधिकारियों ने उनको आश्वासन दिया कि नियमानुसार जो भी मुआवजा बनता है, वह दिलाया जाएगा, तब कहीं जाकर परिजन मानें और जाम खोला. प्रदर्शन के दौरान करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा. इससे लोगों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. प्रदर्शन खत्म होने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

इसे भी पढ़ेंः महिलाओं को सरेआम लाठी-डंडों से पीटा, लोग बने रहे तमाशबीन

लखीमपुर खीरीः शहर के बाहरी इलाके में दो दिन लगातार बरसात के बाद मंगलवार की सुबह बिजली का तार टूट कर एक छत पर गिर पड़ा. इससे पूरे घर में करंट फैल गया. करंट की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा और पत्नी गंभीर रूप से झुलस गए. इसके बाद घटना से आक्रोशित लोगों ने ऐरा रोड पर जाम लगा दिया. सूचना पाकर सीओ सिटी और कोतवाल फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सका.


घटना शहर के मोहल्ला गोविंदनगर सलेमपुर कोन की है. यहां रहने वाले माता प्रसाद उर्फ मत्तू (50) सिक्योरिटी गार्ड थे. मंगलवार की सुबह अपने घर पर ही थे. बताया जाता है कि उनकी छत के ऊपर से 440 बोल्ट की बिजली की लाइन निकली हुई है. मंगलवार की सुबह बिजली लाइन का तार टूटकर उनकी छत पर गिर पड़ा. इससे पूरे घर में करंट फैल गया. घर में मौजूद माता प्रसाद की पत्नी मुन्नी देवी और बेटे आकाश को करंट महसूस हुआ तो उन्होंने शोर-शराबा किया. यह सुनकर माता प्रसाद भी उनको बचाने के लिए भागे. बताया जाता है कि जैसे ही माता प्रसाद ने घर का दरवाजा पकड़ा, वह भी करंट की चपेट में आ गए. उनकी पत्नी और बेटे तो किसी तरह बच गए पर झुलसकर उनकी मौके पर ही मौत हो गई. शोर शराबा सुनकर आसपास के लोग मौके पर आ गए और मामले की सूचना बिजली विभाग को दी गई. बिजली की सप्लाई काटी गई. मां-बेटे भी करंट से झुलस गए थे.

लखीमपुर खीरी में हादसा

घटना से गुस्साए परिजनों और मोहल्लेवासियों ने माता प्रसाद के शव को घर से बाहर निकाला और उसे ले जाकर सलेमपुर गांव के बाहर ऐरा रोड पर रख दिया और प्रदर्शन करने लगे. उनकी मांग थी कि मुआवजा दिया जाए. मुआवजे के बिना शव हटाने नहीं देंगे. देखते-देखते रोड पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं.

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सूचना पाकर सीओ सिटी अरविंद कुमार वर्मा और शहर कोतवाल प्रभातेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंच गए. उन्होंने परिजनों को समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने. शव रोड पर ही रखा रहा. आखिर में अधिकारियों ने उनको आश्वासन दिया कि नियमानुसार जो भी मुआवजा बनता है, वह दिलाया जाएगा, तब कहीं जाकर परिजन मानें और जाम खोला. प्रदर्शन के दौरान करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा. इससे लोगों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. प्रदर्शन खत्म होने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है.

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