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लखीमपुर खीरी: स्कूलों में नहीं बंट पाए स्वेटर, ठंड से ठिठुर रहे बच्चे - परिषदीय स्कूलों

यूपी के लखीमपुर खीरी में परिषदीय स्कूलों के सैकड़ों बच्चों को अब तक स्वेटर नहीं मिले हैं. इस वजह से मजबूरन उन्हें स्कूल से मिली शर्ट को ही पहनकर आना पड़ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा यूपिका हैंडलूम को ही स्वेटर वितरण के लिए अधिकृत किया गया, लेकिन एजेंसी की सप्लाई का काम बेहद धीमा है.

बच्चों को अब तक स्वेटर नहीं मिले.
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Published : Nov 24, 2019, 2:18 PM IST

लखीमपुर खीरी: दिन-प्रतिदिन सर्दी बढ़ती जा रही है. परिषदीय स्कूलों के लाखों बच्चे बिना स्वेटर के कांप रहे हैं. सरकार ने जिस यूपिका हैंडलूम को स्वेटर वितरण करने का टेंडर दिया है, वह सप्लाई पूरा नहीं कर पा रही है. हालात यह हैं कि परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत जिले के कुल 5.32 लाख बच्चों में अब तक सिर्फ 1.50 लाख बच्चों को ही स्वेटर दिया जा सका है.

बच्चों को अब तक स्वेटर नहीं मिले.

बच्चे स्वेटर से वंचित
शासन ने स्कूलों में स्वेटर वितरण के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया है. ऐसे में अधिकारियों के सामने बचे दिनों में शत-प्रतिशत स्वेटर बांटना बड़ी चुनौती है. स्वेटर वितरण का आंकड़ा धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. नवंबर माह के पहले सप्ताह में सबसे पहले जिले में स्वेटर वितरण पलिया और लखीमपुर ब्लॉक से हुई, लेकिन आज भी इन दोनों ब्लॉकों के सैंकड़ों बच्चे स्वेटर से वंचित हैं.

इसे भी पढे़ं:- चित्रकूट: परिषदीय विद्यालयों में घट रही बच्चों की तादाद, नहीं चेत रहे जिम्मेदार

मौजूदा समय में एजेंसी द्वारा स्वेटर जिले के सभी ब्लॉकों में पहुंचाया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा यूपिका हैंडलूम को ही स्वेटर वितरण के लिए अधिकृत किया गया है, लेकिन एजेंसी की सप्लाई का काम बेहद धीमा है. बता दें कि इस धीमी गति के कारण अब तक जिले के लाखों स्कूली बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं. इस वजह से मजबूरन उन्हें स्कूल से मिली शर्ट को ही पहनकर आना पड़ रहा है.

लखीमपुर खीरी: दिन-प्रतिदिन सर्दी बढ़ती जा रही है. परिषदीय स्कूलों के लाखों बच्चे बिना स्वेटर के कांप रहे हैं. सरकार ने जिस यूपिका हैंडलूम को स्वेटर वितरण करने का टेंडर दिया है, वह सप्लाई पूरा नहीं कर पा रही है. हालात यह हैं कि परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत जिले के कुल 5.32 लाख बच्चों में अब तक सिर्फ 1.50 लाख बच्चों को ही स्वेटर दिया जा सका है.

बच्चों को अब तक स्वेटर नहीं मिले.

बच्चे स्वेटर से वंचित
शासन ने स्कूलों में स्वेटर वितरण के लिए 30 नवंबर तक का समय दिया है. ऐसे में अधिकारियों के सामने बचे दिनों में शत-प्रतिशत स्वेटर बांटना बड़ी चुनौती है. स्वेटर वितरण का आंकड़ा धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. नवंबर माह के पहले सप्ताह में सबसे पहले जिले में स्वेटर वितरण पलिया और लखीमपुर ब्लॉक से हुई, लेकिन आज भी इन दोनों ब्लॉकों के सैंकड़ों बच्चे स्वेटर से वंचित हैं.

इसे भी पढे़ं:- चित्रकूट: परिषदीय विद्यालयों में घट रही बच्चों की तादाद, नहीं चेत रहे जिम्मेदार

मौजूदा समय में एजेंसी द्वारा स्वेटर जिले के सभी ब्लॉकों में पहुंचाया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा यूपिका हैंडलूम को ही स्वेटर वितरण के लिए अधिकृत किया गया है, लेकिन एजेंसी की सप्लाई का काम बेहद धीमा है. बता दें कि इस धीमी गति के कारण अब तक जिले के लाखों स्कूली बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं. इस वजह से मजबूरन उन्हें स्कूल से मिली शर्ट को ही पहनकर आना पड़ रहा है.

Intro:
लखीमपुर सर्दी बढ़ती जा रही है, परिषदीय स्कूलों के 3.60 लाख बच्चे बिना स्वेटर कपकपा रहे हैं लेकिन, हैरत की बात ये है कि सरकार ने जिस यूपिका हैंडलूम को स्वेटर वितरण करने का टेंडर दिया है, वह सप्लाई पूरा नहीं कर पा रही है। हालात ये हैं कि परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत जिले के कुल 5.20 लाख में अभी तक सिर्फ 1.60 लाख बच्चों को ही स्वेटर दिया जा सका है। चूंकि शासन ने स्कूलों में स्वेटर वितरण के लिए 30 नवंबर तक का ही समय दिया है, ऐसे में अधिकारियों के सामने शेष बचे छा दिनों में शत-प्रतिशत स्वेटर बांटने की बड़ी चुनौती है।

Body:स्वेटर वितरण का आंकड़ा धीरे-धीरे ही आगे बढ़ रहा है। नवंबर माह के पहले सप्ताह में सबसे पहले जिले में स्वेटर वितरण पलिया और लखीमपुर ब्लॉक से हुई लेकिन, आज भी इन दोनों ब्लॉकों के सैंकड़ों बच्चे स्वेटर से वंचित हैं। मौजूदा समय में एजेंसी द्वारा स्वेटर जिले के सभी ब्लॉकों में पहुंचाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा यूपिका हैंडलूम को ही स्वेटर वितरण के लिए अधिकृत किया गया है लेकिन, एजेंसी की सप्लाई का कार्य बेहद धीमा है। बता दें कि इस धीमी गति के कारण अभी तक जिले के लाखों स्कूली बच्चे ठंड से सिकुड़ रहे हैं। शिक्षा ग्रहण के लिए मजबूरन उन्हें स्कूल से मिली शर्ट को ही पहनकर आना पड़ रहा है।

बाईट- शेलेन्द्र कुमार सिंह जिलाधिकारी खीरीConclusion:
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