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अस्पताल की चौखट पर मरीज ने तोड़ा दम, परिजन ठेले पर ले गए शव

यूपी के लखीमपुर खीरी में एक महिला का शव जिला अस्पताल के गेट पर कई घंटे तक पड़ा रहा. अस्पताल महिला का शव के लिए एक एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कहा सका. आखिरकार कई घंटे चीखने-चिल्लाने के बाद मृतक महिला के परिजन उसके शव को ठेले पर लादकर चले गए.

अस्पताल की चौखट पर पड़ा मरीज का शव.
अस्पताल की चौखट पर पड़ा मरीज का शव.
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Published : Dec 9, 2020, 5:21 PM IST

लखीमपुर खीरी: जनपद में एक बार फिर जिला अस्पताल प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां एक गरीब महिला अपनी मां को इलाज के लिए एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लेकर आई थी. जहां डॉक्टरों ने उसकी मां को देखते ही मृत घोषित कर दिया. महिला की मां का शव अस्पताल के गेट पर घंटों पड़ा रहा. अस्पताल प्रशासन उसे शव वाहन तक मुहैया नहीं करा सका. बेबस बेटी घंटों अस्पताल के गेट पर चीखती चिल्लाती रही, लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. थक हारकर महिला अपने भाई के साथ मां के शव को ठेले पर लादकर घर ले गई.

अस्पताल की चौखट पर मरीज ने तोड़ा दम

जानें पूरा मामला
मंगलवार को शहर के डीसी रोड काशीराम कालोनी निवासी नैमून अचानक काफी बीमार हो गईं. नैमून के बच्चे एम्बुलेंस से जिला अस्पताल इलाज के लिए लेकर आए थे. जहां डॉक्टरों ने उनकी मां को देखते ही मृत घोषित कर दिया. भाई-बहन का आरोप है कि डॉक्टरों ने उनकी मां को कोरोना के खौफ से हाथ तक नहीं लगाया. एंबुलेंस चालक ने उनकी मां के शव को अस्पताल के गेट पर ही जमीन पर उतार दिया. कई घंटों तक उनकी मां का शव जमीन पर पड़ा रहा, जिसको घर भेजने के लिए शव वाहन तक अस्पताल प्रशासन मुहैया नहीं करा सका. महिला काफी देर चीखती चिल्लाती रही, मगर किसी ने उसकी मां के शव को घर भेजने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराया. आखिर में थक हारकर भाई- बहन अपनी मां के शव को ठेले पर लादकर ले गए. मामला जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अस्पताल प्रशासन सारा ठीकरा 108 एंबुलेंस पर फोड़ने में जुटा है. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरसी अग्रवाल अपनी लापरवाही छुपाते नजर आए.

बता दें कि जिला अस्पताल का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार ऐसी तस्वीरें सामने आती रही हैं, बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा अपनी गलतियों को सुधार नहीं रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद निर्देश दिए हैं कि मरीजों को हर सुविधा मुहैया होनी चाहिए, लेकिन लापरवाह अधिकारी सरकार को पलीता लगा रहे हैं.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
सीएमएस आरसी अग्रवाल ने बताया कि एक महिला नैमून निवासी काशीराम कालोनी एम्बुलेंस 108 नम्बर UP 32 BG 9592 के द्वारा लाया गया था. महिला के परिजनों ने एमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर से मरीज को देखने के लिए कहा. ईएमओ ने बाहर आकर एम्बुलेंस में उसको देखा तो पाया वह मृत अवस्था में थी. उसके बाद एम्बुलेंस वाले बाहर ही जमीन पर उसके शव को उतार कर चले गए. ईएमओ ने महिला से कहा कि गाड़ी से शव को भेज देंगे, अभी ड्राइवर खाना खा रहा है. इसी बीच परिजन शव को लेकर चले गए. उन्होंने बताया कि कार्रवाई के लिए एम्बुलेंस इंचार्ज को नोटिस जारी किया गया है.

लखीमपुर खीरी: जनपद में एक बार फिर जिला अस्पताल प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां एक गरीब महिला अपनी मां को इलाज के लिए एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लेकर आई थी. जहां डॉक्टरों ने उसकी मां को देखते ही मृत घोषित कर दिया. महिला की मां का शव अस्पताल के गेट पर घंटों पड़ा रहा. अस्पताल प्रशासन उसे शव वाहन तक मुहैया नहीं करा सका. बेबस बेटी घंटों अस्पताल के गेट पर चीखती चिल्लाती रही, लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. थक हारकर महिला अपने भाई के साथ मां के शव को ठेले पर लादकर घर ले गई.

अस्पताल की चौखट पर मरीज ने तोड़ा दम

जानें पूरा मामला
मंगलवार को शहर के डीसी रोड काशीराम कालोनी निवासी नैमून अचानक काफी बीमार हो गईं. नैमून के बच्चे एम्बुलेंस से जिला अस्पताल इलाज के लिए लेकर आए थे. जहां डॉक्टरों ने उनकी मां को देखते ही मृत घोषित कर दिया. भाई-बहन का आरोप है कि डॉक्टरों ने उनकी मां को कोरोना के खौफ से हाथ तक नहीं लगाया. एंबुलेंस चालक ने उनकी मां के शव को अस्पताल के गेट पर ही जमीन पर उतार दिया. कई घंटों तक उनकी मां का शव जमीन पर पड़ा रहा, जिसको घर भेजने के लिए शव वाहन तक अस्पताल प्रशासन मुहैया नहीं करा सका. महिला काफी देर चीखती चिल्लाती रही, मगर किसी ने उसकी मां के शव को घर भेजने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं कराया. आखिर में थक हारकर भाई- बहन अपनी मां के शव को ठेले पर लादकर ले गए. मामला जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो अस्पताल प्रशासन सारा ठीकरा 108 एंबुलेंस पर फोड़ने में जुटा है. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरसी अग्रवाल अपनी लापरवाही छुपाते नजर आए.

बता दें कि जिला अस्पताल का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार ऐसी तस्वीरें सामने आती रही हैं, बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा अपनी गलतियों को सुधार नहीं रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद निर्देश दिए हैं कि मरीजों को हर सुविधा मुहैया होनी चाहिए, लेकिन लापरवाह अधिकारी सरकार को पलीता लगा रहे हैं.

क्या कहते हैं जिम्मेदार
सीएमएस आरसी अग्रवाल ने बताया कि एक महिला नैमून निवासी काशीराम कालोनी एम्बुलेंस 108 नम्बर UP 32 BG 9592 के द्वारा लाया गया था. महिला के परिजनों ने एमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर से मरीज को देखने के लिए कहा. ईएमओ ने बाहर आकर एम्बुलेंस में उसको देखा तो पाया वह मृत अवस्था में थी. उसके बाद एम्बुलेंस वाले बाहर ही जमीन पर उसके शव को उतार कर चले गए. ईएमओ ने महिला से कहा कि गाड़ी से शव को भेज देंगे, अभी ड्राइवर खाना खा रहा है. इसी बीच परिजन शव को लेकर चले गए. उन्होंने बताया कि कार्रवाई के लिए एम्बुलेंस इंचार्ज को नोटिस जारी किया गया है.

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