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सियासी रुदाली बने नेताओं की नहीं गली दाल, किसान योगी सरकार के निर्णयों से संतुष्ट : सिद्धार्थनाथ सिंह - लखीमपुर की खबरें

लखीमपुर घटना के नाम पर विपक्षी दलों द्वारा आयोजित कार्यक्रम पर कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने निशाना साधा है. बीजेपी नेता ने कहा कि लखीमपुर में विपक्ष का फ्लॉप शो रहा, वहां के किसानों ने विपक्षी नेताओं को आइना दिखा दिया है.

सिद्धार्थ नाथ सिंह
सिद्धार्थ नाथ सिंह
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Published : Oct 12, 2021, 10:18 PM IST

लखनऊ : लखीमपुर की घटना के नाम पर विपक्षी दलों द्वारा आयोजित कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने फ्लॉप शो करार दिया है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए समाज को बांटने के अभियान पर निकले विपक्ष को, लखीमपुर के किसानों व वहां की जनता ने मंगलवार को आईना दिखा दिया है. सियासी रुदाली बने इन नेताओं की दाल नहीं गली है. लखीमपुर ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता लखीमपुर की घटना पर योगी सरकार के त्वरित निर्णयों से संतुष्ट है.

उन्होंने कहा कि इसकी तस्दीक इसी से हो जाती है कि पचास हजार की भीड़ जुटाने का दावा करने वाले विपक्षी दलों के नेता एक हजार की भीड़ भी नहीं जुटा पाए. यही नहीं, वोट बैंक की आपसी होड़ में किसानों के मुद्दे पर विपक्षी एकता भी तब धराशायी दिखी, जब घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को मंच से बोलने तक का मौका नहीं मिला. किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की प्रियंका जैसे नेताओं की कोशिशों का स्थानीय जनता ने ऐसा कड़ा जवाब दिया कि उन्हें बोलने तक का मौका नहीं मिला. यह ऐसे अन्य नेताओं के लिए भी सबक है.

सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि पूरे प्रदेश की जनता इस बात को भली भांति जानती है कि समूचा विपक्ष किसानों के नाम पर राजनीतिक ड्रामा कर रहा है. जब चीनी मिलें बंद थीं, गन्ना किसानों का करोड़ों रुपये बाकी थे, औने-पौने दाम पर किसानों की फसल बिचौलिए खरीद लेते थे, तब यह नेता कहां थे. कोरोना काल में जब प्रदेश की जनता जीवन और जीविका के द्वंद्व में थी, तब ये नेता अपने घरों में आराम फरमा रहे थे.

उनका कहना था- 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में जो ऐतिहासिक कार्य किए हैं, उसके साक्षी न केवल किसान बल्कि पूरी दुनिया है. कोरोनाकाल में सीएम योगी ने प्रदेशवासियों के जीवन और जीविका की रक्षा की, जो नजीर पेश की उसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने की. सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि लखीमपुर कि घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस पर कई बार दुख जता चुके हैं. यही नहीं उन्होंने तत्काल मामले में एफआईआर कराने, घटना की न्यायिक जांच कराने, किसानों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया. सीएम ने स्पष्ट कर रखा है कि जिसके खिलाफ भी साक्ष्य मिलेगा, उसकी गिरफ्तारी के साथ कठोरतम कार्रवाई होगी, चाहे वह कोई भी क्यों न हो. उनके इस फैसले का अनुपालन सब देख भी रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- CM Yogi Janta Darbar: मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आये युवक ने खाया जहर


सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि लखीमपुर के तिकुनिया में आज विपक्ष के नेताओं के ड्रामे को जनता ने बुरी तरह तिरस्कृत कर दिया. यह इस बात का भी प्रमाण है कि जनता योगी सरकार के फैसलों के साथ है. इससे विपक्ष बौखलाहट में है और स्थिति यह हो गई है कि विपक्ष आपस में ही भिड़ने लगा है. प्रियंका गांधी को मंच पर बोलने से रोक देना, इस बात का सबूत है कि विपक्ष के नेता किसानों के नाम पर एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं.

लखनऊ : लखीमपुर की घटना के नाम पर विपक्षी दलों द्वारा आयोजित कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने फ्लॉप शो करार दिया है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए समाज को बांटने के अभियान पर निकले विपक्ष को, लखीमपुर के किसानों व वहां की जनता ने मंगलवार को आईना दिखा दिया है. सियासी रुदाली बने इन नेताओं की दाल नहीं गली है. लखीमपुर ही नहीं पूरे प्रदेश की जनता लखीमपुर की घटना पर योगी सरकार के त्वरित निर्णयों से संतुष्ट है.

उन्होंने कहा कि इसकी तस्दीक इसी से हो जाती है कि पचास हजार की भीड़ जुटाने का दावा करने वाले विपक्षी दलों के नेता एक हजार की भीड़ भी नहीं जुटा पाए. यही नहीं, वोट बैंक की आपसी होड़ में किसानों के मुद्दे पर विपक्षी एकता भी तब धराशायी दिखी, जब घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को मंच से बोलने तक का मौका नहीं मिला. किसानों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने की प्रियंका जैसे नेताओं की कोशिशों का स्थानीय जनता ने ऐसा कड़ा जवाब दिया कि उन्हें बोलने तक का मौका नहीं मिला. यह ऐसे अन्य नेताओं के लिए भी सबक है.

सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि पूरे प्रदेश की जनता इस बात को भली भांति जानती है कि समूचा विपक्ष किसानों के नाम पर राजनीतिक ड्रामा कर रहा है. जब चीनी मिलें बंद थीं, गन्ना किसानों का करोड़ों रुपये बाकी थे, औने-पौने दाम पर किसानों की फसल बिचौलिए खरीद लेते थे, तब यह नेता कहां थे. कोरोना काल में जब प्रदेश की जनता जीवन और जीविका के द्वंद्व में थी, तब ये नेता अपने घरों में आराम फरमा रहे थे.

उनका कहना था- 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में जो ऐतिहासिक कार्य किए हैं, उसके साक्षी न केवल किसान बल्कि पूरी दुनिया है. कोरोनाकाल में सीएम योगी ने प्रदेशवासियों के जीवन और जीविका की रक्षा की, जो नजीर पेश की उसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने की. सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि लखीमपुर कि घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस पर कई बार दुख जता चुके हैं. यही नहीं उन्होंने तत्काल मामले में एफआईआर कराने, घटना की न्यायिक जांच कराने, किसानों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया. सीएम ने स्पष्ट कर रखा है कि जिसके खिलाफ भी साक्ष्य मिलेगा, उसकी गिरफ्तारी के साथ कठोरतम कार्रवाई होगी, चाहे वह कोई भी क्यों न हो. उनके इस फैसले का अनुपालन सब देख भी रहे हैं.

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सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि लखीमपुर के तिकुनिया में आज विपक्ष के नेताओं के ड्रामे को जनता ने बुरी तरह तिरस्कृत कर दिया. यह इस बात का भी प्रमाण है कि जनता योगी सरकार के फैसलों के साथ है. इससे विपक्ष बौखलाहट में है और स्थिति यह हो गई है कि विपक्ष आपस में ही भिड़ने लगा है. प्रियंका गांधी को मंच पर बोलने से रोक देना, इस बात का सबूत है कि विपक्ष के नेता किसानों के नाम पर एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं.

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