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लखीमपुर हिंसा मामला: BJP सभासद सुमित जायसवाल समेत चार आरोपियों की जमानत खारिज

लखीमपुरखीरी तिकुनिया में तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों पर थार चढ़ाने के मामले में आरोपी बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल समेत चार आरोपियों की जमानत सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सुमित जायसवाल और उनके साथ साथियों की जमानत अर्जी सीजेएम की कोर्ट में डाली गई थी.

लखीमपुर हिंसा मामला
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Published : Nov 1, 2021, 6:44 PM IST

लखीमपुरखीरीः प्रदर्शनकारी किसानों पर थार चढ़ाने के मामले में आरोपी बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल समेत चार आरोपियों की जमानत सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी. सुमित जायसवाल और उनके साथियों की जमानत पर आज बचाव और अभियोजन पक्ष के बीच में बहस हुई. बचाव पक्ष ने सुमित को जमानत देने की तमाम दलीलें दी, लेकिन अभियोजन ने कोर्ट में कहा कि अगर इनको जमानत मिलती है, तो ये सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे.

अभी मामले की जांच चल रही है. सीजेएम चिंताराम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुमित जायसवाल, नन्दन विष्ट, शिशुपाल और सत्यम त्रिपाठी की जमानत खारिज कर दी है. इधर तिकोनियां काण्ड की जांच कर रही एसआईटी के सामने बयान दर्ज कराने को दोनों ही मुकदमों में प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बयान दर्ज कराए. चार गवाहों के 164 में भी कोर्ट में बयान दर्ज किए गए.

तिकोनिया में तीन अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पैतृक गांव बनवीर जाना था. जहां दंगल का प्रोग्राम था. केशव प्रसाद मौर्य दंगल में मुख्य अतिथि थे. लेकिन कुछ दिन पहले कृषि कानूनों के विरोध में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के वायरल वीडियो से नाराज किसान केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्र टेनी को काले झंडे दिखाने के लिए तिकुनिया में हेलीपैड पर इकट्ठा हुए थे. केशव प्रसाद मौर्य बनबीरपुर पहुंचते, इसके पहले ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की थार की टक्कर से चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई. वहीं तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को भी भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में यूपी सरकार की ओर से बनाई गई एसआईटी डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में जांच कर रही है. अब तक दो सौ से ज्यादा प्रत्यक्षदर्शियों के बयान एसआईटी दर्ज कर चुकी है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद 80 से ज्यादा लोगों की अब तक कोर्ट में 164 के बयान भी दर्ज कराए जा चुके हैं. आज सीजेएम कोर्ट में बीजेपी सभासद और तिकोनिया थार मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के साथी सुमित जायसवाल, नंदन बिष्ट, शिशुपाल और सत्यम त्रिपाठी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. सुमित के वकीलों ने बचाव पक्ष की ओर से जमानत देने को लेकर तमाम दलीलें दी. लेकिन अभियोजन ने उन दलीलों को अपने तर्कों से काटा और कहा कि इन आरोपियों को जमानत मिलती है, तो यह केस की तफ्तीश में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. सीजेएम चिंताराम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुमित जायसवाल, नंदन विष्ट, शिशुपाल और सत्यम त्रिपाठी की जमानत खारिज कर दी है. एसपीओ एसपी यादव ने बताया जमानत खारिज हो गई है.

आज मामले में चार और गवाहों के 164 के तहत बयान भी दर्ज कराए गए. तिकोनियां हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बड़े बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू हैं. वहीं सुमित जायसवाल, अंकित दास समेत 13 आरोपियों को एसआईटी अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. कई आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भी ले चुकी है. इधर सुमित जायसवाल की तहरीर पर दर्ज एक दूसरे मामले में दो किसानों गुरविंदर सिंह और विचित्र सिंह को भी भाजपा कार्यकर्ताओं की हुई हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. एसआईटी अभी मामले की पड़ताल बारीकी से कर रही है. एक-एक पहलू को रिकार्ड कर रही है.

लखीमपुर हिंसा मामले में अब तक तेरह आरोपियों की गिरफ्तारी किसानों पर थार चढ़ाने के मामले में हो चुकी है. वही दो आरोपियों की गिरफ्तारी भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में हो चुकी है. तिकोनिया हिंसा में तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों पर थार चढ़ाने के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पाण्डेय, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, सुमित जायसवाल, नंदन विष्ट, शिशुपाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम त्रिपाठी, मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र की गिरफ्तारी अब तक एसआईटी कर चुकी है.

इसे भी पढ़ें- अखिलेश यादव गरीबों और किसानों की आवाज, 2012 का भी चुनाव नहीं लड़े लेकिन बने थे सीएम- फखरुल हसन

वहीं सुमित जायसवाल की ओर से दर्ज दूसरी एफआईआर में अब तक दो आरोपी गुरविंदर और विचित्र सिंह की गिरफ्तारी हुई है. कुल मिलाकर तिकुनिया हिंसा मामले में आठ लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में दोनों ओर से अब तक 15 आरोपियों की गिरफ्तारी एसआईटी कर चुकी है. एसआईटी तेजी से पूरे मामले की जांच भी कर रही है. मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत पर सुनवाई जिला जज की अदालत में तीन नवंबर को होगी. लोवर कोर्ट से आशीष की जमानत खारिज हो चुकी है. उसके साथ दो और आरोपियों की जमानत पर भी सुनवाई तीन नवम्बर को ही होगी.

लखीमपुरखीरीः प्रदर्शनकारी किसानों पर थार चढ़ाने के मामले में आरोपी बीजेपी सभासद सुमित जायसवाल समेत चार आरोपियों की जमानत सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी. सुमित जायसवाल और उनके साथियों की जमानत पर आज बचाव और अभियोजन पक्ष के बीच में बहस हुई. बचाव पक्ष ने सुमित को जमानत देने की तमाम दलीलें दी, लेकिन अभियोजन ने कोर्ट में कहा कि अगर इनको जमानत मिलती है, तो ये सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेंगे.

अभी मामले की जांच चल रही है. सीजेएम चिंताराम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुमित जायसवाल, नन्दन विष्ट, शिशुपाल और सत्यम त्रिपाठी की जमानत खारिज कर दी है. इधर तिकोनियां काण्ड की जांच कर रही एसआईटी के सामने बयान दर्ज कराने को दोनों ही मुकदमों में प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बयान दर्ज कराए. चार गवाहों के 164 में भी कोर्ट में बयान दर्ज किए गए.

तिकोनिया में तीन अक्टूबर को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पैतृक गांव बनवीर जाना था. जहां दंगल का प्रोग्राम था. केशव प्रसाद मौर्य दंगल में मुख्य अतिथि थे. लेकिन कुछ दिन पहले कृषि कानूनों के विरोध में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के वायरल वीडियो से नाराज किसान केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्र टेनी को काले झंडे दिखाने के लिए तिकुनिया में हेलीपैड पर इकट्ठा हुए थे. केशव प्रसाद मौर्य बनबीरपुर पहुंचते, इसके पहले ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की थार की टक्कर से चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई. वहीं तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को भी भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में यूपी सरकार की ओर से बनाई गई एसआईटी डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में जांच कर रही है. अब तक दो सौ से ज्यादा प्रत्यक्षदर्शियों के बयान एसआईटी दर्ज कर चुकी है.

वहीं सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद 80 से ज्यादा लोगों की अब तक कोर्ट में 164 के बयान भी दर्ज कराए जा चुके हैं. आज सीजेएम कोर्ट में बीजेपी सभासद और तिकोनिया थार मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के साथी सुमित जायसवाल, नंदन बिष्ट, शिशुपाल और सत्यम त्रिपाठी की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. सुमित के वकीलों ने बचाव पक्ष की ओर से जमानत देने को लेकर तमाम दलीलें दी. लेकिन अभियोजन ने उन दलीलों को अपने तर्कों से काटा और कहा कि इन आरोपियों को जमानत मिलती है, तो यह केस की तफ्तीश में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. सीजेएम चिंताराम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुमित जायसवाल, नंदन विष्ट, शिशुपाल और सत्यम त्रिपाठी की जमानत खारिज कर दी है. एसपीओ एसपी यादव ने बताया जमानत खारिज हो गई है.

आज मामले में चार और गवाहों के 164 के तहत बयान भी दर्ज कराए गए. तिकोनियां हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बड़े बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू हैं. वहीं सुमित जायसवाल, अंकित दास समेत 13 आरोपियों को एसआईटी अब तक गिरफ्तार कर चुकी है. कई आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भी ले चुकी है. इधर सुमित जायसवाल की तहरीर पर दर्ज एक दूसरे मामले में दो किसानों गुरविंदर सिंह और विचित्र सिंह को भी भाजपा कार्यकर्ताओं की हुई हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. एसआईटी अभी मामले की पड़ताल बारीकी से कर रही है. एक-एक पहलू को रिकार्ड कर रही है.

लखीमपुर हिंसा मामले में अब तक तेरह आरोपियों की गिरफ्तारी किसानों पर थार चढ़ाने के मामले में हो चुकी है. वही दो आरोपियों की गिरफ्तारी भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में हो चुकी है. तिकोनिया हिंसा में तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों पर थार चढ़ाने के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा, लवकुश, आशीष पाण्डेय, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, सुमित जायसवाल, नंदन विष्ट, शिशुपाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी उर्फ सत्यम त्रिपाठी, मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र की गिरफ्तारी अब तक एसआईटी कर चुकी है.

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वहीं सुमित जायसवाल की ओर से दर्ज दूसरी एफआईआर में अब तक दो आरोपी गुरविंदर और विचित्र सिंह की गिरफ्तारी हुई है. कुल मिलाकर तिकुनिया हिंसा मामले में आठ लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में दोनों ओर से अब तक 15 आरोपियों की गिरफ्तारी एसआईटी कर चुकी है. एसआईटी तेजी से पूरे मामले की जांच भी कर रही है. मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत पर सुनवाई जिला जज की अदालत में तीन नवंबर को होगी. लोवर कोर्ट से आशीष की जमानत खारिज हो चुकी है. उसके साथ दो और आरोपियों की जमानत पर भी सुनवाई तीन नवम्बर को ही होगी.

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