लखीमपुर खीरी: जिले में अनुपमा प्रजापति ने आईएससी बोर्ड में टॉप किया है. अनुपमा ने आईएससी बोर्ड परीक्षा में 99.2 फीसदी अंक प्राप्त कर एलपीएस स्कूल की सभी ब्रांच में टॉप किया है. यूपी के गाजीपुर जिले की मूल निवासी अनुपमा का सक्सेज मन्त्र नियमित मन लगाकर पढ़ाई करना है. अनुपमा के पिता सिंचाई विभाग में इंजीनियर हैं.
अनुपमा के सफलता का मूलमंत्र
10 से 12 घण्टे की नियमित पढ़ाई करने वाली अनुपमा प्रजापति लखीमपुर खीरी जिले के रामनगर मोहल्ले की रहने वाली हैं. अनुपमा के पिता सिंचाई विभाग में इंजीनियर हैं. मूल रूप से गाजीपुर जिले के रहने वाले इंजीनियर रामबदन प्रजापति अब लखीमपुर में ही रह रहे हैं. अनुपमा की मां शकुंतला देवी ग्रहणी हैं. बड़े भाई नीतीश इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं. वहीं छोटा रुद्राक्ष तीसरी कक्षा में एलपीएस स्कूल में ही पढ़ाई कर रहा है. अनुपमा कहती है इसके लिए उन्होंने 10 से 12 घण्टे नियमित पढ़ाई की है. अनुपमा की सफलता का मूलमंत्र है, जितना पढ़ो मन से पढ़ो.
डॉक्टर बनना चाहती हैं अनुपमा
99.2 फीसदी अंक लाकर टॉपर अनुपमा डॉक्टर बनकर मानवता की सेवा करना चाहती हैं. उसका सपना है कि वो बेहतर डॉक्टर बने. कोविड 19 को लेकर चिंतित अनुपमा कहती हैं कि उनकी दिली इच्छा है कि कोविड का वैक्सीन जल्द से जल्द बने. अनुपमा लोगों से अपील करती हैं कोविड से डरें नहीं, सतर्क रहकर निपटें. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
गीता रामायण को कई बार पढ़ चुकी हैं अनुपमा
अनुपमा भगवत गीता को कई बार पढ़ चुकी हैं. वे कहती हैं कि गीता में हर प्रश्न का उत्तर है. लॉकडाउन में उन्होंने कई बार गीता पढ़ी. रामायण को भी अनुपमा कई बार पढ़ चुकी हैं. कहती हैं धार्मिक पुस्तकें पढ़ना उनका शौक है.
अनुपमा को नॉवेल्स पसन्द है
अनुपमा कहती हैं कि कोर्स के साथ-साथ वक्त मिलने पर उन्होंने ओ हेनरी की नॉवेल्स भी खूब पढ़ी हैं. उन्हें थ्रिलर नॉवेल्स पढ़ना अच्छा लगता. उनके पसंदीदा लेखक ओ हेनरी है, जो थ्रिलर इंडिग की नॉवेल्स लिखते हैं. इसके अलावा भी कई लेखक की किताबें उनको पढ़नी अच्छी लगती हैं.
मेहनत का कोई विकल्प नहीं
अनुपमा कहती हैं कि सफलता के लिए मेहनत का कोई विकल्प नहीं है न ही कोई शॉर्टकट है.