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Good News! दुधवा में टाइगर बढ़ा रहे अपना कुनबा, इस रिपोर्ट में मिले शुभ संकेत - विश्व प्रकृति निधि

दुधवा टाइगर रिजर्व से इस बार बाघों को लेकर एक बड़ी खुशखबरी है. आल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन की रिपोर्ट में बाघों की तादात ज्यादा होने के संकेत है. बाघों के साथ उनके शावकों की तस्वीरें भी कैमरे में कैद हुई है.

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दुधवा में टाइगर बढ़ा रहे अपना कुनबा
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Published : Apr 4, 2022, 3:18 PM IST

Updated : Apr 4, 2022, 5:10 PM IST

लखीमपुर खीरी: यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व से इस बार बाघों को लेकर एक बड़ी खुशखबरी आने वाली है. ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन की रिपोर्ट में बाघ अपना कुनबा बढ़ा रहे हैं. इससे दुधवा टाइगर रिजर्व और खीरी के नॉर्थ-साउथ डिवीजन के जंगलों के स्टाफ में खुशी है. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार ने बताया कि इस्टीमेशन में दुधवा और आस-पास के जंगलों से शुभ संकेत मिल रहे हैं. बाघों के साथ उनके शावकों का मिलना बताता है कि उनका कुनबा फल-फूल रहा है.

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी देश में सभी जगह ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन करवा रहा है. इससे देश भर में बाघों की तादाद पता चलेगी. कई सहयोगी संगठन यूपी में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ बाघों के इस्टीमेशन के लिए बने प्रारूप पर कार्य कर रहे है. रिपोर्ट के अनुसार दुधवा टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा बाघों की तादाद हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व और खीरी के नॉर्थ-साउथ डिवीजन के जंगल भी बाघों की रिहायश बने हुए हैं. यहां बाघ प्रजनन भी कर रहे हैं.

दुधवा में टाइगर बढ़ा रहे अपना कुनबा

यह भी पढ़ें : जगन्नाथ मंदिर में उपद्रवियों ने 40 मिट्टी के चूल्हे तोड़े

टाइगर रिजर्व और जंगलों को ट्रांजेक्ट्स में विभाजित किया जाता है. इसके बाद पहले फेज में हर्बिवोर (Herbivore), कार्निवोर (Carnivore) और जंगलों की वेजिटेशन का अध्ययन होता है. बाघों के लिए जंगल में पर्याप्त शाकाहारी मांसाहारी जानवरों के रूप में भोजन है या नहीं जानने का प्रयास किया जाता है. दुधवा टाइगर रिजर्व में चल रही टाइगर इस्टीमेशन में फेज वन का कार्य यूपी में पूरा हो चुका है. इस बार डिजिटल टाइगर इस्टीमेश कराने का निर्णय लिया गया है.

टाइगर इस्टीमेशन के फेज टू में जंगलों में कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों-जंगली जानवरों की तादात का अनुमान लगाया जाता है. दुधवा टाइगर रिजर्व में ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन का कार्य विश्व प्रकृति निधि संस्था कर रही है. जंगलों की झाड़ियों में सेंसर कैमरा लगाये जाते है. दिन या रात के समय कैमरे के सामने से किसी भी जानवर के निकलने पर क्लिक हो जाता है. उसके बाद डेटा को इकट्ठा कर विश्व प्रकृति निधि (WWF) का फील्ड स्टाफ वन विभाग के सहयोग से इसे WII भेजता है. जहां डेटा मिलान के बाद बाघों की तादाद की फाइनल रिपोर्ट दी जाती है.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार ने बताया कि 20 अप्रैल तक सेकेंड ब्लॉक में भी कैमरा ट्रैप का कार्य पूरा हो जाएगा. इस बार बाघों की तादाद बढ़ी हुई लग रही है. कई जगह से शावकों के साथ तस्वीरें भी कैमरे में कैद हुई है. अभी शुरुआती दौर है. लेकिन फाइनल फिगर भी बढ़कर आने की संभावना है.

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लखीमपुर खीरी: यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व से इस बार बाघों को लेकर एक बड़ी खुशखबरी आने वाली है. ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन की रिपोर्ट में बाघ अपना कुनबा बढ़ा रहे हैं. इससे दुधवा टाइगर रिजर्व और खीरी के नॉर्थ-साउथ डिवीजन के जंगलों के स्टाफ में खुशी है. दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार ने बताया कि इस्टीमेशन में दुधवा और आस-पास के जंगलों से शुभ संकेत मिल रहे हैं. बाघों के साथ उनके शावकों का मिलना बताता है कि उनका कुनबा फल-फूल रहा है.

नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी देश में सभी जगह ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन करवा रहा है. इससे देश भर में बाघों की तादाद पता चलेगी. कई सहयोगी संगठन यूपी में फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के साथ बाघों के इस्टीमेशन के लिए बने प्रारूप पर कार्य कर रहे है. रिपोर्ट के अनुसार दुधवा टाइगर रिजर्व में सबसे ज्यादा बाघों की तादाद हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व और खीरी के नॉर्थ-साउथ डिवीजन के जंगल भी बाघों की रिहायश बने हुए हैं. यहां बाघ प्रजनन भी कर रहे हैं.

दुधवा में टाइगर बढ़ा रहे अपना कुनबा

यह भी पढ़ें : जगन्नाथ मंदिर में उपद्रवियों ने 40 मिट्टी के चूल्हे तोड़े

टाइगर रिजर्व और जंगलों को ट्रांजेक्ट्स में विभाजित किया जाता है. इसके बाद पहले फेज में हर्बिवोर (Herbivore), कार्निवोर (Carnivore) और जंगलों की वेजिटेशन का अध्ययन होता है. बाघों के लिए जंगल में पर्याप्त शाकाहारी मांसाहारी जानवरों के रूप में भोजन है या नहीं जानने का प्रयास किया जाता है. दुधवा टाइगर रिजर्व में चल रही टाइगर इस्टीमेशन में फेज वन का कार्य यूपी में पूरा हो चुका है. इस बार डिजिटल टाइगर इस्टीमेश कराने का निर्णय लिया गया है.

टाइगर इस्टीमेशन के फेज टू में जंगलों में कैमरा ट्रैप लगाकर बाघों-जंगली जानवरों की तादात का अनुमान लगाया जाता है. दुधवा टाइगर रिजर्व में ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन का कार्य विश्व प्रकृति निधि संस्था कर रही है. जंगलों की झाड़ियों में सेंसर कैमरा लगाये जाते है. दिन या रात के समय कैमरे के सामने से किसी भी जानवर के निकलने पर क्लिक हो जाता है. उसके बाद डेटा को इकट्ठा कर विश्व प्रकृति निधि (WWF) का फील्ड स्टाफ वन विभाग के सहयोग से इसे WII भेजता है. जहां डेटा मिलान के बाद बाघों की तादाद की फाइनल रिपोर्ट दी जाती है.

दुधवा के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार ने बताया कि 20 अप्रैल तक सेकेंड ब्लॉक में भी कैमरा ट्रैप का कार्य पूरा हो जाएगा. इस बार बाघों की तादाद बढ़ी हुई लग रही है. कई जगह से शावकों के साथ तस्वीरें भी कैमरे में कैद हुई है. अभी शुरुआती दौर है. लेकिन फाइनल फिगर भी बढ़कर आने की संभावना है.

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Last Updated : Apr 4, 2022, 5:10 PM IST
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