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एटा से पैदल चल लखीमपुर खीरी पहुंचे अहमद और रामसागर, नहीं छोड़ा मुसीबत में साथ

एटा से 300 किलोमीटर पैदल चलकर अहमद और रामसागर लखीमपुर खीरी पहुंचे. यह दोनों एटा में सीवर बनाने का काम करते थे. दोनों ने मुसीबत के समय में भी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा और अपने मंजिल तक पहुंचे.

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एटा से पैदल चल लखीमपुर खीरी पहुंचे दो दोस्त.
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Published : Mar 26, 2020, 6:13 PM IST

लखीमपुर खीरी: देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद सबसे ज्यादा मार अगर पड़ी है तो गरीब मजदूरों पर. ऐसे ही खीरी के दो मजदूर एटा से पैदल चलकर खीरी के ईसानगर इलाके के अपने गांव पहुंचे हैं. इनमें से एक अनिल अहमद है और दूसरा रामसागर.


एटा में सीवर बनाने का करते थे काम
जिले के ईसानगर इलाके के जगदीशपुर गांव के रहने वाले 32 साल के अनिल अहमद पुत्र अजीज अहमद गांव के रहने वाले थे. अनिल अपने साथी 30 वर्षीय रामसागर पुत्र अजोध्या प्रसाद के साथ एटा में सीवर बनाने के काम मे मजदूरी कर रहे थे.

कोरोना वायरस का देशव्यापी लॉकडाउन हुआ तो अनिल अहमद और रामसागर एटा में फंस गए. मकान मालिक ने कमरा खाली करने का फरमान सुना दिया. इसपर दोनों सड़क पर आ गए. पर अनिल और रामसागर ने पैदल ही घर चलने की ठानी.

नेता क्रांति कुमार सिंह बने सहारा
एटा से करीब 300 किलोमीटर मैगलगंज तक यह पैदल ही आ गए. मैगलगंज में इनकी मुलाकात समाजवादी पार्टी के नेता क्रांति कुमार सिंह से हुई. क्रांति ने मजदूरों का हाल देखा तो पैरों में छाले पड़े हुए थे और मुश्किल से ही चल पा रहे थे.

क्रांति कुमार सिंह ने इन दोनों मजदूरों के रहने की व्यवस्था लखीमपुर रोड पर सदरपुर गांव के ग्राम प्रधान पति सतीश चंद्र अवस्थी के यहां करवाई. दोनों को रात में खाना खिलाया. उसके बाद वहां से आ रहे एक वाहन पर दोनों को बैठलवाकर लखीमपुर पहुंचाया.

डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कमजोर लोगों की मदद करने की बात कही
डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने अनिल और अजोध्या की तरह ही एक मजदूर परिवार को बहराइच तो एक को बलरामपुर भी पहुंचवाया है. डीएम ने इसी तरह बेसहारा और कमजोर लोगों की मदद करने का आह्वान भी किया.

लखीमपुर खीरी: देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद सबसे ज्यादा मार अगर पड़ी है तो गरीब मजदूरों पर. ऐसे ही खीरी के दो मजदूर एटा से पैदल चलकर खीरी के ईसानगर इलाके के अपने गांव पहुंचे हैं. इनमें से एक अनिल अहमद है और दूसरा रामसागर.


एटा में सीवर बनाने का करते थे काम
जिले के ईसानगर इलाके के जगदीशपुर गांव के रहने वाले 32 साल के अनिल अहमद पुत्र अजीज अहमद गांव के रहने वाले थे. अनिल अपने साथी 30 वर्षीय रामसागर पुत्र अजोध्या प्रसाद के साथ एटा में सीवर बनाने के काम मे मजदूरी कर रहे थे.

कोरोना वायरस का देशव्यापी लॉकडाउन हुआ तो अनिल अहमद और रामसागर एटा में फंस गए. मकान मालिक ने कमरा खाली करने का फरमान सुना दिया. इसपर दोनों सड़क पर आ गए. पर अनिल और रामसागर ने पैदल ही घर चलने की ठानी.

नेता क्रांति कुमार सिंह बने सहारा
एटा से करीब 300 किलोमीटर मैगलगंज तक यह पैदल ही आ गए. मैगलगंज में इनकी मुलाकात समाजवादी पार्टी के नेता क्रांति कुमार सिंह से हुई. क्रांति ने मजदूरों का हाल देखा तो पैरों में छाले पड़े हुए थे और मुश्किल से ही चल पा रहे थे.

क्रांति कुमार सिंह ने इन दोनों मजदूरों के रहने की व्यवस्था लखीमपुर रोड पर सदरपुर गांव के ग्राम प्रधान पति सतीश चंद्र अवस्थी के यहां करवाई. दोनों को रात में खाना खिलाया. उसके बाद वहां से आ रहे एक वाहन पर दोनों को बैठलवाकर लखीमपुर पहुंचाया.

डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कमजोर लोगों की मदद करने की बात कही
डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने अनिल और अजोध्या की तरह ही एक मजदूर परिवार को बहराइच तो एक को बलरामपुर भी पहुंचवाया है. डीएम ने इसी तरह बेसहारा और कमजोर लोगों की मदद करने का आह्वान भी किया.

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