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लॉकडाउन: दिल्ली से पैदल बहराइच के नानपारा पहुंचे मजदूर - पैदल बहराइच के लिए निलके मजदूर

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के एक गांव के कुछ मजदूर दिल्ली में अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए रहते हैं. लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से इन लोगों को कई दिनों से कोई काम नहीं मिल रहा था, जिससे इनके पास पैसे खत्म हो गए. तो सारे मजदूर एक साथ ही पैदल दिल्ली से अपने गांव के लिए निकल गए और चार दिन से पैदल चलते ही जा रहे हैं.

लॉकडाउन
लॉकडाउन होने पर पैदल ही दिल्ली से बहराइच पहुंचे मजदूर.
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Published : Mar 28, 2020, 12:55 PM IST

लखीमपुर खीरी: कोरोना वायरस को लेकर खौफ का आलम हर तरफ है. दिल्ली से पलायन करने वाले मजदूरों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. दिल्ली से पैदल इंडो नेपाल बॉर्डर की सीमा से सटे बहराइच जिले के नानपारा इलाके के रहने वाले मजदूर चार दिन से पैदल चलकर लखीमपुर खीरी के बेल्जियम के पास पहुंचे हैं.

वहीं मजदूरों का जत्था पैदल चलता ही जा रहा है. जब उनसे पूछा गया कि कहां से आ रहे हैं तो मजदूरों ने बताया कि दिल्ली में मजदूरी करते हैं पर कोरोना वायरस के लॉकडाउन में वह दिल्ली में ही फंस गए. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दिल्ली से ही पैदल चल दिए. चार दिन हो गए हैं पैदल चलते जा रहे हैं अभी करीब सवा सौ किलोमीटर और आगे लखीमपुर से नानपारा तक जाना है.

लॉकडाउन होने पर पैदल ही दिल्ली से बहराइच पहुंचे मजदूर.
इंडो नेपाल बॉर्डर से सटे बहराइच जिले के नानपारा इलाके के भीखमपुर गांव के रहने वाले इकबाल ने बताया कि दिल्ली की गाजीपुर मंडी में वो पल्लेदारी का काम करते थे. कोरोना वायरस को लेकर जनता कर्फ्यू के आगे 21 दिन का लॉकडाउन हुआ, तो काम नहीं है और न ही पैसा इसलिए दिल्ली से गांव के लिए चल दिए.


दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाइवे नम्बर 24 के खीरी जिले के मैगलगंज से ये मजदूर लखीमपुर की तरफ मुड़ गए. बहराइच के नानपारा जाना है तो धीरे-धीरे ही सहीं कछुआ चाल से चलते जा रहे. मजदूरों का ये जत्था दिल्ली से अपनी रोजी रोटी चला रहा थे, पर कोरोना वायरस का खौफ ने इनको भागने पर मजबूर कर दिया.

इसे भी पढ़ें-लखीमपुर खीरी: लॉकडाउन के बाद इंडो-नेपाल सीमा सील, सुरक्षा बढ़ी

लखीमपुर खीरी: कोरोना वायरस को लेकर खौफ का आलम हर तरफ है. दिल्ली से पलायन करने वाले मजदूरों का सिलसिला बदस्तूर जारी है. दिल्ली से पैदल इंडो नेपाल बॉर्डर की सीमा से सटे बहराइच जिले के नानपारा इलाके के रहने वाले मजदूर चार दिन से पैदल चलकर लखीमपुर खीरी के बेल्जियम के पास पहुंचे हैं.

वहीं मजदूरों का जत्था पैदल चलता ही जा रहा है. जब उनसे पूछा गया कि कहां से आ रहे हैं तो मजदूरों ने बताया कि दिल्ली में मजदूरी करते हैं पर कोरोना वायरस के लॉकडाउन में वह दिल्ली में ही फंस गए. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दिल्ली से ही पैदल चल दिए. चार दिन हो गए हैं पैदल चलते जा रहे हैं अभी करीब सवा सौ किलोमीटर और आगे लखीमपुर से नानपारा तक जाना है.

लॉकडाउन होने पर पैदल ही दिल्ली से बहराइच पहुंचे मजदूर.
इंडो नेपाल बॉर्डर से सटे बहराइच जिले के नानपारा इलाके के भीखमपुर गांव के रहने वाले इकबाल ने बताया कि दिल्ली की गाजीपुर मंडी में वो पल्लेदारी का काम करते थे. कोरोना वायरस को लेकर जनता कर्फ्यू के आगे 21 दिन का लॉकडाउन हुआ, तो काम नहीं है और न ही पैसा इसलिए दिल्ली से गांव के लिए चल दिए.


दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाइवे नम्बर 24 के खीरी जिले के मैगलगंज से ये मजदूर लखीमपुर की तरफ मुड़ गए. बहराइच के नानपारा जाना है तो धीरे-धीरे ही सहीं कछुआ चाल से चलते जा रहे. मजदूरों का ये जत्था दिल्ली से अपनी रोजी रोटी चला रहा थे, पर कोरोना वायरस का खौफ ने इनको भागने पर मजबूर कर दिया.

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