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उत्तराखंड जल प्रलय: लखीमपुर खीरी के 31 मजदूर लापता

उत्तराखंड में आए हिम प्रलय के में यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के करीब 31 मजदूर लापता हो गए हैं. रविवार को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद भारी तबाही की घटना हुई थी. इस हादसे में कई लोग बह गए. अभी तक पन्द्रह लोगों के शव बरामद हुए हैं. मौके पर राहत बचाव कार्य जारी है.

लखीमपुर खीरी के 31 मजदूर लापता
लखीमपुर खीरी के 31 मजदूर लापता
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Published : Feb 8, 2021, 12:23 PM IST

लखीमपुर खीरी: उत्तराखंड के चमोली में आए जल प्रलय में खीरी जिले के भी 31 मजदूर लापता हैं. इन सभी मजदूरों का संपर्क परिवारों से नहीं हो पा रहा है. खीरी जिले से करीब 60 के करीब मजदूर उत्तराखंड के तपोवन में धौलीगंगा पर बन रहे बिजली डैम में काम कर रहे थे. उत्तराखण्ड सरकार से यूपी सरकार को हादसे में लापता मजदूरों के बाबत अभी कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है. लापता मजदूरों की खबर मिलने के बाद खीरी जिला प्रसाशन अलर्ट हो गया है. डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि हम परिवारीजनों से बात कर रहे हैं. लापता लोगों के बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. लिस्ट बनवाई जा रही है. निघासन तहसील के भैरमपुर और इच्छानगर के करीब दो दर्जन से ज्यादा लोगों से सम्पर्क न होने की खबर मिल रही है.

इन गांवों के मजदूर लापता

खीरी जिले में इंडो नेपाल बार्डर की तहसील निघासन के चार गांवों भेडॉरी के मजरा बाबूपुरवा,कड़िया,इच्छानगर,और भैरमपुर के करीब 31 मजदूर अभी भी लापता हैं, जिसमें माझा के मजरा इच्छानगर के 40 मजदूर तपोवन मजदूरी करने के लिए गए थे. इसमें से 16 का पता चल गया है. वहीं बाकी का पता नहीं चल रहा है. यही हाल भैरमपुर गांव का है. यहां के 18 मजदूर तपोवन में थे, जिसमें दस से परिजनों का सम्पर्क हो गया है लेकिन आठ मजदूरों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. वहीं दो मजदूर उमरा के मिर्जागंज गांव का भी लापता बताया जा रहा है. परिजनों से इनका कोई सम्पर्क नहीं हो सका है.

भेदौरी के बाबूपुरवा के रहने वाले विमल का आखिरी बार तपोवन से फोन आया कि यहां बाढ़ आ गई है. इसमें कई लोग फंस गए हैं. कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. गांव के हीरालाल,विमलेश,सूरज,अर्जुन लापता हैं. वहीं कड़िया गांव के रहने वाले अरुण ने बताया कि उनके दो बेटे भी तपोवन में डैम निर्माण में काम करने गए थे, उनसे कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. वहीं भैरमपुर गांव के विनोद,सत्येंद्र,पैकरमा, रंजीत,अर्जुन,जितेंद्र,संतोष और मनोज लापता हैं.

डीएम एसपी रवाना

रविवार को उत्तराखण्ड के चमोली जिले में तपोवन डैम पर हुए हादसे के बाद सोमवार सुबह डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और एसपी अमित ढुल इंडो नेपाल बॉर्डर के निघासन तहसील के गांव में लापता लोगों के परिजनों से मिलने के लिए मुख्यालय से रवाना हो गए थे. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अलग-अलग गांव से तहसील निघासन प्रशासन को लगाकर लिस्ट बनवाई जा रही है, जिन परिजनों का वहां गए मजदूरों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, उनका पता लगाया जा रहा है.

डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने एक अपील भी की कि जिन परिवारों के मजदूर उत्तराखंड के तपोवन और चमोली इलाके में काम करने के लिए गए हुए थे, वह परिवार तहसील प्रशासन से मिलकर उनको नाम नोट भी करवा दें. हम पता लगा रहे हैं कि कितने मजदूर ऐसे हैं, जिनसे परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है. हम एक लिस्ट बनाकर उत्तर प्रदेश शासन को भेजेंगे. इसके बाद उत्तराखंड सरकार से संपर्क किया जाएगा.

लखीमपुर खीरी: उत्तराखंड के चमोली में आए जल प्रलय में खीरी जिले के भी 31 मजदूर लापता हैं. इन सभी मजदूरों का संपर्क परिवारों से नहीं हो पा रहा है. खीरी जिले से करीब 60 के करीब मजदूर उत्तराखंड के तपोवन में धौलीगंगा पर बन रहे बिजली डैम में काम कर रहे थे. उत्तराखण्ड सरकार से यूपी सरकार को हादसे में लापता मजदूरों के बाबत अभी कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है. लापता मजदूरों की खबर मिलने के बाद खीरी जिला प्रसाशन अलर्ट हो गया है. डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि हम परिवारीजनों से बात कर रहे हैं. लापता लोगों के बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता. लिस्ट बनवाई जा रही है. निघासन तहसील के भैरमपुर और इच्छानगर के करीब दो दर्जन से ज्यादा लोगों से सम्पर्क न होने की खबर मिल रही है.

इन गांवों के मजदूर लापता

खीरी जिले में इंडो नेपाल बार्डर की तहसील निघासन के चार गांवों भेडॉरी के मजरा बाबूपुरवा,कड़िया,इच्छानगर,और भैरमपुर के करीब 31 मजदूर अभी भी लापता हैं, जिसमें माझा के मजरा इच्छानगर के 40 मजदूर तपोवन मजदूरी करने के लिए गए थे. इसमें से 16 का पता चल गया है. वहीं बाकी का पता नहीं चल रहा है. यही हाल भैरमपुर गांव का है. यहां के 18 मजदूर तपोवन में थे, जिसमें दस से परिजनों का सम्पर्क हो गया है लेकिन आठ मजदूरों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. वहीं दो मजदूर उमरा के मिर्जागंज गांव का भी लापता बताया जा रहा है. परिजनों से इनका कोई सम्पर्क नहीं हो सका है.

भेदौरी के बाबूपुरवा के रहने वाले विमल का आखिरी बार तपोवन से फोन आया कि यहां बाढ़ आ गई है. इसमें कई लोग फंस गए हैं. कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. गांव के हीरालाल,विमलेश,सूरज,अर्जुन लापता हैं. वहीं कड़िया गांव के रहने वाले अरुण ने बताया कि उनके दो बेटे भी तपोवन में डैम निर्माण में काम करने गए थे, उनसे कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा है. वहीं भैरमपुर गांव के विनोद,सत्येंद्र,पैकरमा, रंजीत,अर्जुन,जितेंद्र,संतोष और मनोज लापता हैं.

डीएम एसपी रवाना

रविवार को उत्तराखण्ड के चमोली जिले में तपोवन डैम पर हुए हादसे के बाद सोमवार सुबह डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और एसपी अमित ढुल इंडो नेपाल बॉर्डर के निघासन तहसील के गांव में लापता लोगों के परिजनों से मिलने के लिए मुख्यालय से रवाना हो गए थे. डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अलग-अलग गांव से तहसील निघासन प्रशासन को लगाकर लिस्ट बनवाई जा रही है, जिन परिजनों का वहां गए मजदूरों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, उनका पता लगाया जा रहा है.

डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने एक अपील भी की कि जिन परिवारों के मजदूर उत्तराखंड के तपोवन और चमोली इलाके में काम करने के लिए गए हुए थे, वह परिवार तहसील प्रशासन से मिलकर उनको नाम नोट भी करवा दें. हम पता लगा रहे हैं कि कितने मजदूर ऐसे हैं, जिनसे परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है. हम एक लिस्ट बनाकर उत्तर प्रदेश शासन को भेजेंगे. इसके बाद उत्तराखंड सरकार से संपर्क किया जाएगा.

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