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पांच साल में हुए विकास की कहानी, जानें ग्रामीणों की जुबानी - कुशीनगर में विकास को लेकर प्रतिक्रिया

यूपी के कुशीनगर जिले में पिछले पांच वर्षों में क्या काम हुए इसकी ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की. सरकार ने यहां करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. इसके बाद भी लोग लोग अभी तक मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं.

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पांच साल में कितना हुआ विकास
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Published : Mar 8, 2021, 3:26 PM IST

कुशीनगर: रामकोला विकासखंड स्थित सपहा गांव के भरपटिया टोले में बीते पांच साल में हुए विकास की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची. पंचायत भवन पर गांव का नाम धुंधला दिख रहा हैं, वैसी ही हकीकत यहां के पांच साल के विकास की भी है. यहां सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, जिससे क्षेत्र का विकास हो सके. इसके बाद भी लोग अभी मूलभूत सुविधाओं के इंतजार में हैं.

कुशीनगर के लोगों को है विकास का इंतजार.

इसे भी पढ़ें- बीते पांच वर्षों में इस ग्राम पंचायत में कितना हुआ विकास, सुनिए ग्रामीणों की जुबानी

जलभराव की है समस्या

सुमित्रा ने बताया कि गांव में नाली न होने के कारण पानी को लेकर बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. आए दिन इसकी वजह से विवाद झेलना पड़ता हैं. दूसरी महिला शैला ने बताया कि हम वोट देते हैं. इसके बाद विकास के लिए इंतजार के सिवा कुछ नहीं मिलता. बरसात में सड़क को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. राजनेता चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं. जनता के जीने मरने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता.

प्रधान तोड़ देते हैं विश्वास को

ओमकार सिंह ने बताया कि इस गांव में लोग भरोसे के साथ प्रधान चुनते हैं, मगर उनके साथ धोखा किया जाता है. ग्राम प्रधान लोगों से सरकारी मूलभूत सुविधाओं के लिए पैसे लेते है. उसके बाद भी उन्हें मूलभूत सरकारी सुविधाओं के नाम पर निराशा हाथ लगती है.

लंबे समय से खराब है नल
गांव के एक युवा राघवेंद्र ने बताया कि यहां सड़क, स्वास्थ्य, शौचालय और आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं भी लोगो को नहीं मिल पा रही है. लोगों तक पहुंचने वाली सुविधाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं. इंडियन मार्का नल लंबे समय से खराब है. इसकी वजह से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मरम्मत न होने की वजह से शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी जाती हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता.

कुशीनगर: रामकोला विकासखंड स्थित सपहा गांव के भरपटिया टोले में बीते पांच साल में हुए विकास की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची. पंचायत भवन पर गांव का नाम धुंधला दिख रहा हैं, वैसी ही हकीकत यहां के पांच साल के विकास की भी है. यहां सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, जिससे क्षेत्र का विकास हो सके. इसके बाद भी लोग अभी मूलभूत सुविधाओं के इंतजार में हैं.

कुशीनगर के लोगों को है विकास का इंतजार.

इसे भी पढ़ें- बीते पांच वर्षों में इस ग्राम पंचायत में कितना हुआ विकास, सुनिए ग्रामीणों की जुबानी

जलभराव की है समस्या

सुमित्रा ने बताया कि गांव में नाली न होने के कारण पानी को लेकर बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. आए दिन इसकी वजह से विवाद झेलना पड़ता हैं. दूसरी महिला शैला ने बताया कि हम वोट देते हैं. इसके बाद विकास के लिए इंतजार के सिवा कुछ नहीं मिलता. बरसात में सड़क को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं. राजनेता चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं. जनता के जीने मरने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता.

प्रधान तोड़ देते हैं विश्वास को

ओमकार सिंह ने बताया कि इस गांव में लोग भरोसे के साथ प्रधान चुनते हैं, मगर उनके साथ धोखा किया जाता है. ग्राम प्रधान लोगों से सरकारी मूलभूत सुविधाओं के लिए पैसे लेते है. उसके बाद भी उन्हें मूलभूत सरकारी सुविधाओं के नाम पर निराशा हाथ लगती है.

लंबे समय से खराब है नल
गांव के एक युवा राघवेंद्र ने बताया कि यहां सड़क, स्वास्थ्य, शौचालय और आवास जैसी मूलभूत सुविधाएं भी लोगो को नहीं मिल पा रही है. लोगों तक पहुंचने वाली सुविधाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं. इंडियन मार्का नल लंबे समय से खराब है. इसकी वजह से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मरम्मत न होने की वजह से शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी जाती हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता.

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