कुशीनगर : संयुक्त जिला अस्पताल में बुधवार को एक बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर की पिटाई कर दी और जमकर हंगामा किया. वार्ड में लगे उपकरण तोड़ दिए. काफी देर तक अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बना रहा. सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया.
4 वर्षीय बच्चा पीआईसीयू में था भर्ती : पडरौना के बसाहिया बनबीरपुर निवासी फिरोज के 4 वर्षीय बेटे को तेज बुखार था. घरवाले उसे लेकर 29 सितंबर को जिला अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने बच्चे को पीआईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू किया. उसकी तबीयत बुधवार रात को अचानक बिगड़ गई. इलाज के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई.
इलाज में लापरवाही का आरोप : बच्चे की मौत के उसकी मां ने इसकी जानकारी घरवालों को दी. कुछ ही देर बाद 20-25 की संख्या में लोग अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर कृष्ण मुरारी पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनकी पिटाई कर दी. पीआईसीयू वार्ड में तोड़फोड़ से तीमारदारों में अफरातफरी मच गई, परिजनों ने वहां जमकर हंगामा किया. इस दौरान करीब आधा घंटे तक अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित रही.
वेंटिलेटर मशीन, मॉनिटर और ऑक्सीजन चेंबर तोड़ा : गुस्साए परिजनों ने वार्ड में बेड नंबर-4 की वेंटिलेटर मशीन, मॉनिटर, सिरिंज पंप, ऑक्सीजन चेंबर तोड़ दिया. हंगामे और तोड़फोड़ के समय वार्ड में 30 बच्चे भर्ती थे. उपद्रव के कारण भर्ती बच्चे डर गए. स्वास्थ्यकर्मी की सूचना पर पहुंची रविंद्रनगर पुलिस ने नाराज लोगों को वार्ड से बाहर निकाला. इसके बाद मामला शांत हुआ.
मृतक बच्चे के पिता और 25 अज्ञात लोगों पर केस : रविंद्रनगर इंस्पेक्टर राजेश मिश्र ने बताया कि डॉक्टर कृष्ण मुरारी की तहरीर पर मृतक साहबजादा के पिता फिरोज और 25 अज्ञात लोगों पर मारपीट, सरकारी कार्य मे बाधा डालने और तोड़फोड़ का केस दर्ज किया गया है. बच्चे को तेज बुखार था. जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया था, लेकिन घरवाले नहीं ले गए.
बच्चे के परिजनों ने कहा- गलत इंजेक्शन लगाया : पिता फिरोज का कहना था कि जब बच्चे को भर्ती कराया गया, तब उसकी तबीयत ठीक नहीं थी. इलाज के बाद उसकी तबीयत में सुधार हो रहा था. आरोप लगाया कि शाम को सिस्टर ने इंजेक्शन लगाया, इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. स्टॉर्फ नर्स ने फोनकर डॉक्टर को बुलाया और बच्चे को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. फिरोज ने कहा कि इस घटना के दो घंटे पूर्व एक और बच्चे की मौत हो गई थी. घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए. अपनी गलती छिपाने के लिए फर्जी केस दर्ज कराया गया है.