कुशीनगर: दुनिया ग्लोबल हो चुकी है, चांद और मंगल की दूरी नाप रही है लेकिन आज भी हमारे देश में कई इलाके ऐसे हैं जो कबीलाई सोच से बाहर नहीं निकल पा रहे. जिसकी वजह है अंधविश्वास आज भी हमारे समाज के कई तबकों में गहरे से जड़ें जमाकर बैठा है. ताजा मामला कुशीनगर जनपद से सामने आया है, जहां गरीबी, अंधविश्वास और तंत्र मंत्र की भेंट चढ़ गए दो मासूम भाई बहन. चौबीस घंटे में पूरा परिवार उजड़ गया. परिजनों ने डॉक्टर की बजाय झाड़फूंक पर भरोसा किया जिसकी कीमत दोनों मासूमों ने अपनी जान देकर चुकाई.
मिली जानकारी के अनुसार कुशीनगर जनपद के पडरौना कोतवाली थानाक्षेत्र के ग्राम जरार निवासी ओमप्रकाश राजभर मजदूरी का काम कर घर चलता है, जिसके चार वर्षीय मासूम बेटे नीतीश (4) को उल्टी-बुखार हुआ था. पिता ने किसी दुकान से दवा ले ली, लेकिन ओमप्रकाश मासूम को दवा दे पाता उससे पहले पास के रहने वाले एक तांत्रिक ने बच्चे को ठीक करने का दावा किया. मासूम के ऊपर कई दुष्ट काली शक्तिओं के होने का हवाला देते हुए परिजनों से कुछ देर में नीतीश को पूर्णतः ठीक करने का दावा कर तन्त्र-मन्त्र शुरू किया.
तांत्रिक ने इलाज के नाम पर बच्चे की बेरहमी से पीटा, जब बच्चे की हालत खराब होने लगी तो तांत्रिक अपने परिवार समेत भाग गया. जहां, नीतिश की हालत गम्भीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे गोरखपुर रेफर कर दिया. मगर बच्चे का सुचारु इलाज हो पाता उससे पहले ही मासूम ने दम तोड़ दिया. अभी परिजन मासूम नीतीश के दुःखों से नहीं उबर पाए थे नीतीश की 6 वर्षीय बड़ी बहन की भी तबीयत खराब हो गई. जब तक परिवार को पता चलता कि बच्चे की मौत झाड़फूंक की वजह से हुई तब तक उसी तांत्रिक ने उसकी बड़ी बहन की झाड़फूक शुरू कर दी. जिससे बच्ची की भी तबियत खराब हो गई.
परिजन बच्चे का शव और बीमार बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. परिजन आरोपी तांत्रिकों पर कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस से गुहार लगाई है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं दूसरी ओर बीमार बेटी को भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के अभाव में उसने भी शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया.
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चौबीस घंटे में अपने दो बच्चों को गंवा देने वाले मां-बाप के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे. पिता ने बताया कि डॉक्टर की बजाय तांत्रिक पर यकीन कर लिया था नतीजा जिन बच्चों को कलेजे से लगाकर रखना था उन्हें आज कफन में लपेटना पड़ा है.
सरकार पर आरोप लगाते हुए दुखी पिता ने कहा कि सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया, करीब 25 साल से गांव मे रहने के बावजूद न तो हमारे परिवार के पास आधार कार्ड है, न ही राशन कार्ड है, न ही कोई सरकारी दस्तावेज.
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वहीं, घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने तांत्रिक के घर की महिलाओं को हिरासत में ले लिया है. लेकिन तांत्रिक फरार है, फिलहाल पूरे गांव में मातम का माहौल है, तहसील प्रशासन की तरफ से तहसीलदार सदर एसपी सिंह ने परिवार को मदद देने की बात भी कही है. साथ ही बच्चों की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. लेखपाल को मौके पर भेज परिवार के हर सम्भव मदद के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही स्वास्थ विभाग की टीम को भी अवगत कराया गया हैं, जिसकी रिपोर्ट जिलाप्रशासन को भेजी जाएगी.