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कुशीनगर में नहीं खुल रही दुकानें, व्यापारियों में जीएसटी की छापेमारी का भय - GST raid in Kushinagar

कुशीनगर में बीते 5 दिनों से प्रतिदिन जीएसटी टीम की छापेमारी (GST team raid) मारी चल रही है. ऐसे में व्यापारी संगठनों ने विरोध जताया है. व्यापारियों ने सरकार के दिशा- निर्देशों का पालन करने की दुहाई दी है.

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जीएसटी टीम की छापेमारी
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Published : Dec 10, 2022, 10:24 AM IST

कुशीनगरः जिले में जीएसटी टीम की छापेमारी (GST team raid) को लेकर सोमवार से ही लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी हुई है. सभी दुकानदार दुकान बंद कर रह रहे हैं, जिससे दुकानों पर खरीदारी के लिए पहुंचे ग्राहकों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. कहीं व्यापारी संगठनों ने विरोध जताया, तो कहीं सरकार के दिशा- निर्देशों का पालन करने की दुहाई दी. वहीं, व्यपारियों में भय का माहौल भी देखने को मिला.

पडरौना, कप्तानगंज, हाटा, रामकोला, तमकुहीराज, कसया आदि शहरों, कस्बों व चौराहों पर जीएसटी टीम के अधिकारियों का खौफ बीते पांच दिनों से देखने को मिल रहा है. बताया जा रहा है कि दुकानों पर अधिकारी अचानक धमक जा रहे हैं. दुकानदारों को सवालों के कटघरे खड़ा कर दे रहे हैं और लंबा जुर्माना काट रहे हैं. व्यापारी इससे भयभीत हैं. शुक्रवार को कसया में कस्बे में जीएसटी के छापेमारी को लेकर पूरा दिन हड़कंप मचा रहा. इस दौरान सभी दुकानें बंद रहीं. बाजार में सन्नाटा पसर गया. जीएसटी की छापेमारी की अफवाह इतनी तेज है कि दुकानदार दुकानें खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. कोई भी दुकानदार दुकान खोलने को तैयार नहीं है.

व्यापारियों का कहना है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है. पेपर होने के बाद अधिकारी तंग कर रहे हैं. इस दशा में दुकान खोल कर हम व्यापारी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. व्यापारियों ने बताया कि हम सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें बिना वजह परेशान न किया जाए. व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष ने लाल बाबू गुप्ता ने बतया की हम लोग इस छापेमारी पर प्रशासन से बात कर रहे, ताकि किसी व्यापारी को परेशान न किया जाए. जिनका सालाना टर्नओवर 40 लाख के नीचे है उन्हें न तो जीएसटी लेने की जरूरत है और न डरकर दुकान बंद करने की. अगर जांच टीम बिल काटना चाहती हैं, तो आधार के साथ बिल काट सकती है, लेकिन अगर परेशान करती है तो व्यापार मंडल को सूचना दें, ताकि सवाल जबाब किया जाए.

जिला आयकर और जीएसटी से जुड़े अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय के डाटा और इंटेलिजेंस की रिपोर्ट पर जाच चल रही. सोमवार से पूरे प्रदेश में ही यह कार्यवाही हो रही. हमें प्रदेश से ही चिह्नित फर्मों की सूची मिली. इसकी कोई क्राइटेरिया निर्धारित नहीं है. कम रकम देने वालो की जांच चल रही.

पढ़ेंः विधायक निधि से जीएसटी काटने से यूपी के विधायक नाराज, माननीयों ने कही ये बात

कुशीनगरः जिले में जीएसटी टीम की छापेमारी (GST team raid) को लेकर सोमवार से ही लॉकडाउन जैसी स्थिति बनी हुई है. सभी दुकानदार दुकान बंद कर रह रहे हैं, जिससे दुकानों पर खरीदारी के लिए पहुंचे ग्राहकों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. कहीं व्यापारी संगठनों ने विरोध जताया, तो कहीं सरकार के दिशा- निर्देशों का पालन करने की दुहाई दी. वहीं, व्यपारियों में भय का माहौल भी देखने को मिला.

पडरौना, कप्तानगंज, हाटा, रामकोला, तमकुहीराज, कसया आदि शहरों, कस्बों व चौराहों पर जीएसटी टीम के अधिकारियों का खौफ बीते पांच दिनों से देखने को मिल रहा है. बताया जा रहा है कि दुकानों पर अधिकारी अचानक धमक जा रहे हैं. दुकानदारों को सवालों के कटघरे खड़ा कर दे रहे हैं और लंबा जुर्माना काट रहे हैं. व्यापारी इससे भयभीत हैं. शुक्रवार को कसया में कस्बे में जीएसटी के छापेमारी को लेकर पूरा दिन हड़कंप मचा रहा. इस दौरान सभी दुकानें बंद रहीं. बाजार में सन्नाटा पसर गया. जीएसटी की छापेमारी की अफवाह इतनी तेज है कि दुकानदार दुकानें खोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. कोई भी दुकानदार दुकान खोलने को तैयार नहीं है.

व्यापारियों का कहना है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है. पेपर होने के बाद अधिकारी तंग कर रहे हैं. इस दशा में दुकान खोल कर हम व्यापारी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. व्यापारियों ने बताया कि हम सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें बिना वजह परेशान न किया जाए. व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष ने लाल बाबू गुप्ता ने बतया की हम लोग इस छापेमारी पर प्रशासन से बात कर रहे, ताकि किसी व्यापारी को परेशान न किया जाए. जिनका सालाना टर्नओवर 40 लाख के नीचे है उन्हें न तो जीएसटी लेने की जरूरत है और न डरकर दुकान बंद करने की. अगर जांच टीम बिल काटना चाहती हैं, तो आधार के साथ बिल काट सकती है, लेकिन अगर परेशान करती है तो व्यापार मंडल को सूचना दें, ताकि सवाल जबाब किया जाए.

जिला आयकर और जीएसटी से जुड़े अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय के डाटा और इंटेलिजेंस की रिपोर्ट पर जाच चल रही. सोमवार से पूरे प्रदेश में ही यह कार्यवाही हो रही. हमें प्रदेश से ही चिह्नित फर्मों की सूची मिली. इसकी कोई क्राइटेरिया निर्धारित नहीं है. कम रकम देने वालो की जांच चल रही.

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