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आवास योजना में लगा भ्रष्टाचार का दीमक, अधिकारियों पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप, जानें क्या है मामला - आवास योजना में पात्र लोगों से पैसे मांगने का आरोप

कुशीनगर में जरूरतमंद गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन किस्तों में एक लाख 30 हजार की धनराशि (जिसमें पहली 40 हजार, दूसरी 70 हजार और तीसरी 20 हजार रुपये है) सीधे उनके खातों में भेजी जा रही है. जनपद के अक गांव के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के साथी और सचिव पर आवास दिलाने के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाया है. मामला सामने आने के बाद ब्लॉक प्रमुख ने ग्राम विकास अधिकारी के साथ गांव में जाकर जांच कराने की बात कही है.

आवास योजना में लगा भ्रष्टाचार का दीमक, अधिकारियों पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप
आवास योजना में लगा भ्रष्टाचार का दीमक, अधिकारियों पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप
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Published : Sep 18, 2021, 9:18 AM IST

कुशीनगर : सरकार गरीबों को घर देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चला रही है. हालांकि भ्रष्टाचार का दीमक सरकारी योजनाओं को ध्वस्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. इसका ताजा उदाहरण कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया ब्लाॅक के भूमिहारी पट्टी गांव में देखने को मिला.

यहां ग्रामीणों ने गांव के प्रधान के साथी और सचिव पर आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाया है. मामला सामने आने के बाद ब्लॉक प्रमुख ने ग्राम विकास अधिकारी के साथ गांव में जाकर जांच कराने की बात कही है.

कुशीनगर में जरूरतमंद गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन किस्तों में एक लाख 30 हजार की धनराशि (जिसमें पहली 40 हजार, दूसरी 70 हजार और तीसरी 20 हजार रुपये है) सरकार सीधे उनके खातों में भेजती हैं.

उसकी रिपोर्ट सचिव द्वारा दी जाती है ताकि कोई भी लाभार्थी पैसे का दुरुपयोग न करें. हालांकि नेबुआ नौरंगिया विकासखंड के भूमिहरीपट्टी गांव के चखनी टोले के कुछ आवास योजना के लाभार्थियों ने सरकार की इस योजना में भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया है. उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगायी है.

इस गांव की रबड़ी बतातीं हैं कि उनका आवास के लिए सरकार की ओर से दो किस्तें आ गईं हैं. इसे लेकर उसने अपना मकान तो बनवा दिया है, पर आवास योजना में लाभ दिलवाने के नाम पर उससे 13 हजार 6 सौ रुपये ले लिया गया.

इसमें 3 हजार रुपये पहले लिया गया जबकि पहली किस्त आने पर 10 हजार प्रधान को देना पड़ा. जब रिपोर्ट लगाने सचिद आये तो 6 सौ उनको भी दिया. अकबर नाम का लाभार्थी जो इस समय प्लास्टिक का टेंट लगाकर गुजारा कर रहा हैं, उसका आवास बन रहा है.

यह भी पढ़ें : ASP की गाड़ी ने 6 साल के बच्चे को रौंदा, मौत के बाद ग्रामीणों ने किया नेशनल हाईवे जाम

बताया कि उसके नाम से आवास के लिए राशि आयी है. इसकी दो क़िस्तों में कुल 1 लाख 10 हजार रुपये मिले हैं. इसमें उन्होंने अपना नीव और चारदिवारी का काम करवाया है. घर का लिंटर लगवाना है. पर प्रधान के लड़के और गाव में प्रधान का सहयोगी रोज उससे 25 हज़ार की मांग रहे हैं.

न देने पर झूठी रिपोर्ट लगाने और तीसरी क़िस्त रोकने की धमकी दे रहे है. नवाजुद्दीन अली ने बताया कि उसकी पहली किस्त 40 हजार की आयी जिसमे उसने काम कराया. उसी दौरान सचिद जांच में आये तो उन्होंने पांच हजार की मांग की. वह नहीं दे पाए तो उन्होंने पक्का मकान होने की रिपोर्ट लगा दी. जिससे अगली क़िस्त नहीं आयी.

आवास योजना में लगा भ्रष्टाचार का दीमक, अधिकारियों पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप

जब पता किया तो फिर सुधार कराया पर अभी तक क़िस्त नहीं आयी. आरोप लगाया कि पिछले प्रधान के एक साथी को 10 हजार दे चुके हैं. अभी उनसे 15 हजार और मांगा जा रहा है.

इस पूरे मामले में प्रधान ने सभी आरोपो को गलत बताया हैं. जब हमने ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि शेषनाथ यादव से बात की तो उन्होंने इस भ्रष्टाचार की जांच बीडीओ से कराकर दोषियों पर कार्यवाही कराने की बात कही.

कुशीनगर : सरकार गरीबों को घर देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चला रही है. हालांकि भ्रष्टाचार का दीमक सरकारी योजनाओं को ध्वस्त करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. इसका ताजा उदाहरण कुशीनगर जिले के नेबुआ नौरंगिया ब्लाॅक के भूमिहारी पट्टी गांव में देखने को मिला.

यहां ग्रामीणों ने गांव के प्रधान के साथी और सचिव पर आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाया है. मामला सामने आने के बाद ब्लॉक प्रमुख ने ग्राम विकास अधिकारी के साथ गांव में जाकर जांच कराने की बात कही है.

कुशीनगर में जरूरतमंद गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन किस्तों में एक लाख 30 हजार की धनराशि (जिसमें पहली 40 हजार, दूसरी 70 हजार और तीसरी 20 हजार रुपये है) सरकार सीधे उनके खातों में भेजती हैं.

उसकी रिपोर्ट सचिव द्वारा दी जाती है ताकि कोई भी लाभार्थी पैसे का दुरुपयोग न करें. हालांकि नेबुआ नौरंगिया विकासखंड के भूमिहरीपट्टी गांव के चखनी टोले के कुछ आवास योजना के लाभार्थियों ने सरकार की इस योजना में भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया है. उच्चाधिकारियों से भी गुहार लगायी है.

इस गांव की रबड़ी बतातीं हैं कि उनका आवास के लिए सरकार की ओर से दो किस्तें आ गईं हैं. इसे लेकर उसने अपना मकान तो बनवा दिया है, पर आवास योजना में लाभ दिलवाने के नाम पर उससे 13 हजार 6 सौ रुपये ले लिया गया.

इसमें 3 हजार रुपये पहले लिया गया जबकि पहली किस्त आने पर 10 हजार प्रधान को देना पड़ा. जब रिपोर्ट लगाने सचिद आये तो 6 सौ उनको भी दिया. अकबर नाम का लाभार्थी जो इस समय प्लास्टिक का टेंट लगाकर गुजारा कर रहा हैं, उसका आवास बन रहा है.

यह भी पढ़ें : ASP की गाड़ी ने 6 साल के बच्चे को रौंदा, मौत के बाद ग्रामीणों ने किया नेशनल हाईवे जाम

बताया कि उसके नाम से आवास के लिए राशि आयी है. इसकी दो क़िस्तों में कुल 1 लाख 10 हजार रुपये मिले हैं. इसमें उन्होंने अपना नीव और चारदिवारी का काम करवाया है. घर का लिंटर लगवाना है. पर प्रधान के लड़के और गाव में प्रधान का सहयोगी रोज उससे 25 हज़ार की मांग रहे हैं.

न देने पर झूठी रिपोर्ट लगाने और तीसरी क़िस्त रोकने की धमकी दे रहे है. नवाजुद्दीन अली ने बताया कि उसकी पहली किस्त 40 हजार की आयी जिसमे उसने काम कराया. उसी दौरान सचिद जांच में आये तो उन्होंने पांच हजार की मांग की. वह नहीं दे पाए तो उन्होंने पक्का मकान होने की रिपोर्ट लगा दी. जिससे अगली क़िस्त नहीं आयी.

आवास योजना में लगा भ्रष्टाचार का दीमक, अधिकारियों पर सुविधा शुल्क मांगने का आरोप

जब पता किया तो फिर सुधार कराया पर अभी तक क़िस्त नहीं आयी. आरोप लगाया कि पिछले प्रधान के एक साथी को 10 हजार दे चुके हैं. अभी उनसे 15 हजार और मांगा जा रहा है.

इस पूरे मामले में प्रधान ने सभी आरोपो को गलत बताया हैं. जब हमने ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि शेषनाथ यादव से बात की तो उन्होंने इस भ्रष्टाचार की जांच बीडीओ से कराकर दोषियों पर कार्यवाही कराने की बात कही.

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