कुशीनगर: जिला जज व सत्र न्यायालय में विशेष बने एमपी-एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को अतुल सिंह मामले में सुनवाई की. कोर्ट ने 2006 के मामले में सुनवाई के बाद अतुल सिंह को पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई. दरअसल हियुवा नेता अतुल सिंह ने अपने भाषण के दौरान एक धर्म विशेष के लोगों के प्रति उत्तेजक शब्दों का इस्तेमाल किया था.कोर्ट के इस फैसले के बाद अतुल सिंह को देवरिया जेल भेज दिया गया.
2006 में दिया था उत्तेजक बयान
24 नवम्बर 2006 को कप्तानगंज थाना क्षेत्र के मोहन मुंडेरा गांव में हिन्दू युवा वाहिनी ने एक सहभोज का आयोजन किया था. आरोप था कि उसी दौरान वहां लगे मंच से हियुवा नेता अतुल सिंह ने अपने भाषण के दौरान एक धर्म विशेष के लोगों के प्रति उत्तेजक शब्दों का इस्तेमाल किया था.
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कप्तानगंज थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
गांव के ही खैराती पुत्र तूफानी ने मामले को लेकर कप्तानगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें पुलिस की विवेचना के बाद से मामला न्यायालय में विचाराधीन था. एमपी-एमएलए से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए विशेष रूप से बने कोर्ट के न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने इस मामले में अपना फैसला तब सुनाया जब आरोपी अतुल सिंह कोर्ट में हाजिर हुए.
क्या बोले एडीजीसी क्रिमिनल
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार दुबे ने फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि 2006 में धारा 147, 148, 153 ए, 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज था. आपत्तिजनक भाषण से जुड़े इस मामले में आज न्यायालय ने पूर्व विधायक अतुल सिंह को पांच साल की सजा सुनाई है.
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न्यायालय द्वारा दिए गए इस फैसले की सूचना आम होते ही राजनीतिक हल्के में भूचाल की स्थिति पैदा होती देखी गई, क्योंकि एक अन्य मामले में शुक्रवार को न्यायालय में सरकार के वरिष्ठ मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या को हाजिर होना है.