कुशीनगर: कसया थानाक्षेत्र के एक मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग के अपहरण व रेप के अभियुक्त को दोषी पाए जाने पर सात साल के सश्रम कारावास की सजा दी है. साथ ही कोर्ट ने 40 हजार के अर्थदंड से दंडित भी किया है.
ये था पूरा मामला
कसया थाने में 2010 में पीड़ित नाबालिग के पिता की तहरीर पर केस दर्ज करते हुए उसकी नाबालिग बेटी को भैसही निवासी गब्बू उर्फ अभिषेक के यहां से एक माह बाद बरामद किया गया था. अभियुक्त पर आरोप था कि नाबालिग को बहला फुसला कर अपहरण कर ले गया था. जहां से पुलिस ने एक महीने के बाद लड़की को बरामद कर लिया. गब्बू को गिरफ्तार किया गया. लड़की ने मजिस्ट्रेटी बयान में बताया कि गब्बू उसे धमका कर सहारनपुर ले जाकर वहां एक कमरे में रखा और दुष्कर्म किया. पुलिस ने अपहरण और रेप के इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. अदालत ने दोनों पक्षों के जिरह और बयानों तथा उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर गब्बू उर्फ अभिषेक को नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म का दोषी पाया.
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अदालत ने दिए आदेश
न्यायाधीश श्याम मोहन जायसवाल ने अपहरण का दोषी पाए जाने पर गब्बू उर्फ अभिषेक को तीन व पांच साल की सजा व 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया. दुष्कर्म का दोषी पाए जाने पर सात साल के सश्रम कारावास व 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया. अदालत ने आदेश दिया है कि तीनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अदा किए गए अर्थदंड में से 30 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे. पूर्व में जेल बिताया समय भी सजा में समायोजित किया जाएगा.