कुशीनगरः जिले के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के कोटवा बाजार के निजी हॉस्पिटल को सील कर दिया गया. गुरुवार को अस्पताल में एक प्रसूता की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बच्चे के जन्म के लिए प्रसूता का ऑपरेशन किया था, जिससे उसकी जान चली गई. इसके बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. साथ ही हॉस्पिटल के प्रबंधक को हिरासत मे लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मामले में पीड़ित पक्ष के तहरीर पर हॉस्पिटल प्रबंधक सहित 4 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया.
दरअसल, महराजगंज की रहने वाली पुष्पा को गुरुवार की दोपहर में प्रसव पीड़ा होने लगी. परिजनों ने उसे घुघली पीएचसी में भर्ती कराया. जहां उसकी हालत खराब देख चिकित्सकों ने पुष्पा को महराजगंज जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. परिजनों के अनुसार, इसी दौरान पीएचसी पर ही उन्हें 2 लोग मिले, जिन्होंने उनको कम खर्च में बेहतरीन इलाज दिलाने की बात कही. वो उनके झांसे में आ गए और कोटवा स्थित प्राईवेट साईं हास्पिटल पहुंच गए. यहां पुष्पा ने ऑपरेशन से एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन, इस दौरान ऑपरेशन में उसका काफी खून बह गया और उसकी मौत हो गई.
परिजनों का आरोप है कि इसके बाद अस्पताल के कर्मी उन्हें सूचना दिए बिना ही एम्बुलेंस से शव जिले से 53 किमी दूर गोरखपुर ले गये. यहां उन्होंने एक अस्पताल से 500 मीटर की दूरी पर ही शव को एम्बुलेंस से सड़क पर उतारकर फरार हो गए. एम्बुलेंस का पीछा कर रहे परिजनों ने शव सड़क पर रखा हुआ देखा. उन्होंने शव को अपनी गाड़ी में रखा और वापस कोटवा ले आए.
स्थानीय लोगों के अनुसार, इसके बाद शव को अस्पताल के बाहर रखकर परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने अस्पताल पर हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा. घटना की जानकरी होने पर नेबुआ नौरंगीया एसएचओ अतुल श्रीवास्तव पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया. पुष्पा के ससुर अकलू की तहरीर पर पुलिस ने महराजगंज के मटिहनिया गांव के रहने वाले दिनेश यादव, पंकज, साईं हास्पीटल कोटवा के प्रबंधक बाल मुकुंद पांडेय और प्रशव कराने वाले डॉक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है.
वहीं इस घटना की चर्चा तेज होने पर स्वास्थ विभाग हरकत में आया और शुक्रवार की देर शाम साईं अस्पताल को सील कर दिया गया. आरोप है कि बीते एक माह में अस्पताल में इस तरह की ये दूसरी मौत थी. अस्पताल के संचालन से लेकर अब तक दो बार इसका नाम और जगह बदला जा चुका है. हॉस्पिटल की शुरू होने से लेकर अब तक 12 से ज्यादा मरीजों की गलत उपचार से मौत की बात भी कही जा रही है. लेकिन, इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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