कुशीनगर: बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर लुम्बिनी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेपाली पीएम शेर बहादुर देउबा ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक साथ लुम्बिनी के मायादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना की. साथ ही उन्होंने पुष्कर्णी तलाब की परिक्रमा के उपरांत पवित्र बोधि वृक्ष की भी पूजा की. वहीं, मायादेवी मंदिर में पूजा के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि नेपाल के शानदार लोगों के बीच में आकर बेहद खुश है. बता दें कि पीएम मोदी आज कई कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे. वहीं, वापसी में वो लखनऊ में सीएम योगी के आवास पर जाएंगे, जहां यूपी के मंत्रियों संग उनकी मीटिंग होगी.
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ऐसे नेपाल में कम होगा चीनी प्रभाव: नेपाल में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए भारत ने साझा बौद्ध सांस्कृतिक संबंधों को आधार बनाया है. बीते साल 20-21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर श्रीलंका के विशेष राजनयिक व बौद्ध दल को बुलाया गया था. श्रीलंका से संबंध प्रगाढ़ करने की दिशा में प्राचीन संबंधों को आधार बनाया गया. चीन के कारण नेपाल से चल रही खटास को कम करने और संबंध मजबूत करने में, भारत सांस्कृतिक कूटनीति का इस्तेमाल कर रहा है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नेपाली व भारतीय बौद्ध सर्किट को वायु सेवा व सड़क मार्ग से जोड़कर आवागमन सुगम बनाने के लिए किसी बड़ी परियोजना की भी घोषणा कर सकते हैं.
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गौर हो कि भगवान बुद्ध के तीन महत्वपूर्ण स्थल भारत में स्थित हैं. महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर, सारनाथ वाराणसी में प्रथम उपदेश स्थल व बिहार के बोधगया स्थित ज्ञान प्राप्ति स्थल. लुंबिनी सहित यह सभी स्थल दुनिया भर के बौद्ध श्रद्धालुओं का केंद्र हैं. भारतीय बौद्ध सर्किट में आने वाले विभिन्न देशों के श्रद्धालु नेपाल भी जाते हैं. नेपाल जाने वालों में भारतीय बौद्धों का भी एक बड़ा वर्ग है. कुछ समय पहले तीन भारत और जन्मस्थली नेपाल को रेलवे से जोड़ने की चर्चा जोरों पर थी. इस बार महापरिनिर्वाण और बुद्ध जन्मस्थली के दौरे से इसकी उम्मीद बढ़ गई है.
बुद्ध के सहारे यूपी-बिहार को साधेंगे पीएम: भारत में भगवान बुद्ध के तीन विशेष स्थल हैं, जिसमें दो उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में वाराणसी और कुशीनगर हैं. वहीं, तीसरा बिहार के गया में है. वहीं, सियासी विशेषज्ञों की मानें तो पीएम अपने इस दौरे के दौरान यूपी-बिहार को एक साथ साधने की कोशिश करेंगे, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर माहौल बनाया जा सके.
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