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कुशीनगर: सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर, जिलाध्यक्ष ने किया खारिज

कांग्रेस के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह (RPN Singh) के भाजपा में शामिल होने की खबर को कुशीनगर के जिला अध्यक्ष ने किया खारिज, सोशल मीडिया पर चली खबरों को बताया अफवाह.

सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज
सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज
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Published : Dec 13, 2021, 8:41 AM IST

कुशीनगर: यूपी में विधानसभा चुनाव ( UP Assembly Election 2022) को लेकर नेताओं के दलबदल का सिलसिला चालू है. इसी क्रम में रविवार को कांग्रेस के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह (RPN Singh) के भाजपा में शामिल होने की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से चलने लगी. इसके साथ ही कुछ प्रतिष्ठित न्यूज चैनलों पर भी पडरौना के पूर्व सांसद व यूपीए सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाबत खबर चलने लगी और कहा जाने लगा कि वे अब कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामेंगे.

इधर, तेजी से फैली इस खबर के कारण लोग एक-दूसरे से फोन पर संपर्क करने लगे. हालांकि, कुछ समय बाद पार्टी के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये खबर पूरी तरह से गलत है और इसे योजनाबद्ध तरीके से सोशल मीडिया पर फैलाया गया है. यहां तक कि कुछ मीडिया संस्थान ने भी अफवाहों के आधार पर खबर चलाई हैं. लेकिन हकीकत यह है कि पूर्व मंत्री कांग्रेस में हैं और आगे भी बने रहेंगे.

सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज
सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज

इसे भी पढ़ें -श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से पहले भारतीय मूल के विदेशियों ने जताई खुशी

आरपीएन सिंह कांग्रेस के जाने-पहचाने नेताओं में से एक हैं. वह कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं. पार्टी ने उन्हें झारखंड का प्रदेश प्रभारी भी बनाया गया है. लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनकी खटपट की खबरें भी सियासी हलकों में चर्चा बटौरती रही है. पिछले कई महीनों से एक तरह से नेपथ्य में चले गए थे. सियासी जानकार कांग्रेस से आरपीएन के मोहभंग की यही वजह बता रहे हैं. लेकिन कांग्रेस के जुड़े सूत्रों ने बताया कि उनकी तबियत खराब होने से वे सक्रिय नहीं है. इसी का लाभ उठाकर अफवाह उड़ा दी गई.

राज घराने से ताल्लुक रखते हैं आरपीएन सिंह

पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. उनके बारे में कहना न होगा कि पडरौना, यूपी और बिहार की सीमा पर स्थित एक कस्बा है, जिसे अब देवरिया जिले से अलग कर कुशीनगर जिला बना दिया गया है. आरपीएन सिंह इसी कुशीनगर के पडरौना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1996, 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में 3 बार विधायक रह चुके हैं.

सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज
सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज

इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में जीतकर वह सांसद बने और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में गृह राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली. हालांकि इसके बाद के चुनावों में उन्हें लगातार हार ही मिली हैं. बता दें कि इंदिरा गांधी आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह को राजनीति में लेकर आई थीं. सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में ताकतवर मंत्री माने जाते थे.

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कुशीनगर: यूपी में विधानसभा चुनाव ( UP Assembly Election 2022) को लेकर नेताओं के दलबदल का सिलसिला चालू है. इसी क्रम में रविवार को कांग्रेस के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह (RPN Singh) के भाजपा में शामिल होने की खबरें सोशल मीडिया पर तेजी से चलने लगी. इसके साथ ही कुछ प्रतिष्ठित न्यूज चैनलों पर भी पडरौना के पूर्व सांसद व यूपीए सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाबत खबर चलने लगी और कहा जाने लगा कि वे अब कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामेंगे.

इधर, तेजी से फैली इस खबर के कारण लोग एक-दूसरे से फोन पर संपर्क करने लगे. हालांकि, कुछ समय बाद पार्टी के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये खबर पूरी तरह से गलत है और इसे योजनाबद्ध तरीके से सोशल मीडिया पर फैलाया गया है. यहां तक कि कुछ मीडिया संस्थान ने भी अफवाहों के आधार पर खबर चलाई हैं. लेकिन हकीकत यह है कि पूर्व मंत्री कांग्रेस में हैं और आगे भी बने रहेंगे.

सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज
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आरपीएन सिंह कांग्रेस के जाने-पहचाने नेताओं में से एक हैं. वह कांग्रेस की राष्ट्रीय टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं. पार्टी ने उन्हें झारखंड का प्रदेश प्रभारी भी बनाया गया है. लेकिन झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनकी खटपट की खबरें भी सियासी हलकों में चर्चा बटौरती रही है. पिछले कई महीनों से एक तरह से नेपथ्य में चले गए थे. सियासी जानकार कांग्रेस से आरपीएन के मोहभंग की यही वजह बता रहे हैं. लेकिन कांग्रेस के जुड़े सूत्रों ने बताया कि उनकी तबियत खराब होने से वे सक्रिय नहीं है. इसी का लाभ उठाकर अफवाह उड़ा दी गई.

राज घराने से ताल्लुक रखते हैं आरपीएन सिंह

पडरौना राजघराने से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. उनके बारे में कहना न होगा कि पडरौना, यूपी और बिहार की सीमा पर स्थित एक कस्बा है, जिसे अब देवरिया जिले से अलग कर कुशीनगर जिला बना दिया गया है. आरपीएन सिंह इसी कुशीनगर के पडरौना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 1996, 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में 3 बार विधायक रह चुके हैं.

सोशल मीडिया पर उड़ी आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर खारिज
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इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में जीतकर वह सांसद बने और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में गृह राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली. हालांकि इसके बाद के चुनावों में उन्हें लगातार हार ही मिली हैं. बता दें कि इंदिरा गांधी आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह को राजनीति में लेकर आई थीं. सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में ताकतवर मंत्री माने जाते थे.

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