देवरिया: लॉकडाउन की मार झेल रहे दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी के साथ-साथ अब आर्थिक तंगी का भी दौर शुरू हो गया है. ताजा मामला देवरिया जनपद के भटनी ब्लाक के एक गांव का हैं, जहां एक दिहाड़ी मजदूर रुपये के आभाव में अपनी पत्नी का श्राद्ध कर पाने में असमर्थ है. सरकार की तरफ से भी उसे कोई मदद नहीं मिल रही. वहीं ईटीवी भारत की अपील पर इस गरीब परिवार की मदद के लिये एक समाजसेवी ने हाथ बढ़ाया है.
लॉकडाउन में खोया पत्नी और रोजगार, श्राद्ध कैसे करें जजमान
भटनी ब्लाक के मठदनउर गांव निवासी जयनाथ गुप्ता मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते थे. वहीं लॉकडाउन होने से अब काम मिलना बंद हो गया है, जिसकी वजह से अब इनके सामने आर्थिक तंगी का दौर शुरू हो गया है. इस दौरान इनकी पत्नी धर्मावती की अचानक तबीयत खराब होने और रुपये के आभव में इलाज न हो पाने की स्थित में मौत हो गई. किसी तरह स्थानीय लोगों की मदद से उनका दाह संस्कार हुआ, लेकिन अब यह गरीब मजदूर रुपये के अभाव में पत्नी का श्राद्ध करने में असमर्थ है.
युवा समाजसेवी ने मदद करने का दिया वादा
ईटीवी भारत की अपील पर एक युवा समाजसेवी ने इस गरीब मजदूर की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. पिपरा शुक्ल गांव निवासी समाजसेवी नृपेन्द्र तिवारी को जब जयनाथ के बारे में पता चला की पैसे के आभाव में वह अपनी पत्नी का श्राद्ध नहीं कर पा रहा है तो उन्होंने तुरंत आर्थिक मदद के रूप में पांच हजार रुपये देकर और कुछ समान मुहैया कराने का वादा किया है. समाजसेवी ने पूरे लॉकडाउन तक इस परिवार का खर्च उठाने का जिम्मा भी लिया है. इस दौरान गरीब मजदूर जयनाथ ने ईटीवी भारत को धन्यवाद भी दिया.
गरीब परिवार की सहायता करने को सौभाग्य मान रहा समाजसेवी
समाजसेवी नृपेन्द्र तिवारी का कहना था कि ईटीवी भारत के माध्यम से मुझे यह जानकारी मिली की एक गरीब दिहाड़ी मजदूर जो आर्थिक तंगी और पैसे के आभाव में अपनी पत्नी का श्राद्ध नहीं कर पा रहा है. इस वजह से इस गरीब परिवार की सहायता करने का सौभाग्य मिला.