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कुशीनगर: जमीन पर बैठकर एसडीएम ने की सुनवाई, 500 एकड़ भूमि कब्जा मुक्त

यूपी के कुशीनगर जिले में एसडीएम खड्डा ने भूमि माफियाओं पर सख्त एक्शन लिया है, जहां उन्होंने कार्रवाई करते हुए भूमि माफियाओं के कब्जे से 500 एकड़ जमीन मुक्त करवाई.

जमीन पर लगी SDM की कोर्ट.
जमीन पर लगी SDM की कोर्ट.
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Published : Oct 24, 2020, 9:46 AM IST

कुशीनगर: यूपी के कुशीनगर जनपद में बिहार प्रांत की सीमा से सटे नारायणी नदी के किनारे की जमीनों पर अवैध कब्जा जमाए लोगों पर एसडीएम खड्डा ने बड़ी कार्रवाई की है.

नदी किनारे मौके पर ही जमीन पर बैठकर एसडीएम ने मामले की सुनवाई की और 500 एकड़ से अधिक जमीन जब्त करते हुए रिसीवर के हवाले कर दिया. बता दें, ईटीवी भारत ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले से जुड़ी खबर बीते 16 अक्टूबर को चलाई थी. इसी खबर के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

ईटीवी भारत की पहल का असर
16 अक्टूबर को ईटीवी भारत ने अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया था. एक अधिवक्ता की शिकायत का हवाला देते हुए खड्डा क्षेत्र के महदेवा व उससे सटे नदी के रेता क्षेत्र में लगभग 50 एकड़ कृषि योग्य जमीन पर कब्जे की बात ईटीवी भारत द्वारा उठाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर खबर की काफी सराहना भी हुई थी. बाद में डीएम ने खबर का संज्ञान लेकर एसडीएम को कार्रवाई के लिए निर्देशित भी किया था.

नारायणी नदी किनारे का है यह खेल
जिले के खड्डा तहसील के नारायणी नदी के किनारे बालगोविन्द छपरा मौजे में लगभग 500 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर कुछ लोग काफी दिनों से फसल बोकर लाभ ले रहे थे. 2011 में दोनों प्रदेशों के सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों ने संयुक्त रूप से पैमाइश करवाकर सीमा का निर्धारण कर पीलर भी लगवा दिया था, लेकिन बिहार प्रान्त के कुछ दबंग किस्म के लोग तब भी अपना कब्जा जमाए हुए थे.

एसडीएम ने मौके पर लगाया कोर्ट
अवैध कब्जे की सूचना के बाद क्षेत्रीय एसडीएम अरविन्द कुमार, तहसीलदार डॉ. एसके राय टीम के साथ रेता क्षेत्र के दुर्गम इलाके में 3 किलोमीटर तक ट्रैक्टर और फिर पैदल चलकर बालगोविन्द छपरा पहुंचे. वहां बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर अधिकारियों ने जमीन पर ही बैठकर कोर्ट की कार्रवाई पूरी की.

कोर्ट ने मौके पर ही फैसला सुनाया
प्रशासनिक सूत्रों द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मौके पर ही कोर्ट ने सभी पक्षों का बयान दर्ज करने के साथ ही संबंधित पक्षों से साक्ष्य मांगा. साक्ष्य नहीं मिलने के बाद ग्राम सभा के भूमि प्रबंधन समिति के बयान व अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने लगभग 500 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा पाते हुए उक्त जमीन व फसल को जब्त करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर थानाध्यक्ष खड्डा और ग्राम सभा को रिसीवर नियुक्त कर दिया गया, साथ ही कोर्ट द्वारा अवैध कब्जेदारों से जुर्माना वसूली व मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का आदेश सुनाया गया.

एसडीएम अरविंद कुमार ने बताया कि खड्डा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा नदी के किनारे बिहार प्रांत की सीमा से सटा हुआ है. जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायत जहां से मिल रही है. उसे प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- बस्ती: पिता फर्जी प्रिंसिपल तो बेटा निकला फर्जी टीचर, एफआईआर दर्ज

कुशीनगर: यूपी के कुशीनगर जनपद में बिहार प्रांत की सीमा से सटे नारायणी नदी के किनारे की जमीनों पर अवैध कब्जा जमाए लोगों पर एसडीएम खड्डा ने बड़ी कार्रवाई की है.

नदी किनारे मौके पर ही जमीन पर बैठकर एसडीएम ने मामले की सुनवाई की और 500 एकड़ से अधिक जमीन जब्त करते हुए रिसीवर के हवाले कर दिया. बता दें, ईटीवी भारत ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले से जुड़ी खबर बीते 16 अक्टूबर को चलाई थी. इसी खबर के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है.

ईटीवी भारत की पहल का असर
16 अक्टूबर को ईटीवी भारत ने अवैध कब्जे का मुद्दा उठाया था. एक अधिवक्ता की शिकायत का हवाला देते हुए खड्डा क्षेत्र के महदेवा व उससे सटे नदी के रेता क्षेत्र में लगभग 50 एकड़ कृषि योग्य जमीन पर कब्जे की बात ईटीवी भारत द्वारा उठाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर खबर की काफी सराहना भी हुई थी. बाद में डीएम ने खबर का संज्ञान लेकर एसडीएम को कार्रवाई के लिए निर्देशित भी किया था.

नारायणी नदी किनारे का है यह खेल
जिले के खड्डा तहसील के नारायणी नदी के किनारे बालगोविन्द छपरा मौजे में लगभग 500 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर कुछ लोग काफी दिनों से फसल बोकर लाभ ले रहे थे. 2011 में दोनों प्रदेशों के सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों ने संयुक्त रूप से पैमाइश करवाकर सीमा का निर्धारण कर पीलर भी लगवा दिया था, लेकिन बिहार प्रान्त के कुछ दबंग किस्म के लोग तब भी अपना कब्जा जमाए हुए थे.

एसडीएम ने मौके पर लगाया कोर्ट
अवैध कब्जे की सूचना के बाद क्षेत्रीय एसडीएम अरविन्द कुमार, तहसीलदार डॉ. एसके राय टीम के साथ रेता क्षेत्र के दुर्गम इलाके में 3 किलोमीटर तक ट्रैक्टर और फिर पैदल चलकर बालगोविन्द छपरा पहुंचे. वहां बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर अधिकारियों ने जमीन पर ही बैठकर कोर्ट की कार्रवाई पूरी की.

कोर्ट ने मौके पर ही फैसला सुनाया
प्रशासनिक सूत्रों द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, मौके पर ही कोर्ट ने सभी पक्षों का बयान दर्ज करने के साथ ही संबंधित पक्षों से साक्ष्य मांगा. साक्ष्य नहीं मिलने के बाद ग्राम सभा के भूमि प्रबंधन समिति के बयान व अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने लगभग 500 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा पाते हुए उक्त जमीन व फसल को जब्त करने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर थानाध्यक्ष खड्डा और ग्राम सभा को रिसीवर नियुक्त कर दिया गया, साथ ही कोर्ट द्वारा अवैध कब्जेदारों से जुर्माना वसूली व मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का आदेश सुनाया गया.

एसडीएम अरविंद कुमार ने बताया कि खड्डा क्षेत्र का बड़ा हिस्सा नदी के किनारे बिहार प्रांत की सीमा से सटा हुआ है. जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायत जहां से मिल रही है. उसे प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

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