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राज्य सूचना आयुक्त बोले, आदतन RTI डालने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करें

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Published : Nov 5, 2022, 10:52 PM IST

कुशीनगर पहुंचे राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश सुभाष चंद्र सिंह ने समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया.राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि थोक में RTI की सुनवाई अगले वर्ष से अब जिले में होगी. आरटीआई का उद्देश्य पारदर्शिता और भ्रष्टाचार का खात्मा है. साथ ही आदतन आरटीआई एक्टिविस्ट की सूची भी बनाने को निर्देशित किया है.

राज्य सूचना आयुक्त ने की समीक्षा बैठक,
राज्य सूचना आयुक्त ने की समीक्षा बैठक,

कुशीनगर: राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश सुभाष चंद्र सिंह कुशीनगर पहुंचे. जहां कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद कुशीनगर व जनपद देवरिया के राजस्व विभाग स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के जन सूचना अधिकारियों सहायक जन सूचना अधिकारियों व संबंधित पटल सहायकों के साथ समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि थोक में आरटीआई की सुनवाई अगले वर्ष से अब जिले में होगी. आरटीआई का उद्देश्य पारदर्शिता और भ्रष्टाचार का खात्मा है.


जिले में आयोजित समीक्षा बैठक में जनपद कुशीनगर से शिक्षा संबंधी 95 मामले, राजस्व संबंधी 116 व चिकित्सा संबंधी 22 मामले तथा जनपद देवरिया से शिक्षा संबंधी 302, चिकित्सा संबंधी 88 तथा राजस्व के 415 मामले मिले. राज्य सूचना आयुक्त ने आदतन आरटीआई एक्टिविस्ट की सूची भी बनाने को निर्देशित किया. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आरटीआई एक्ट के अधिनियम के उद्देश्य का पालन होना चाहिए. समाज समूह संगठन और प्रशासन के स्तर पर पारदर्शिता हो, उचित आरटीआई की उपेक्षा ना की जाए. उचित आरटीआई का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो. उन्होंने बताया कि थोक के भाव में लगाए गए आरटीआई का एकमुश्त निस्तारण हो. उपस्थित सभी अधिकारियों को उन्होंने आरटीआई के संदर्भ में समय से जानकारी देने को कहा तथा आपत्तियों का निस्तारण भी समय से हो.

राज्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों को बताया कि आरटीआई को कैसे अच्छे एवं सरल तरीके से निपटाया जाए. राज्य सूचना आयुक्त ने आरटीआई को एक सतत और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया बताई तथा अधिकारियों को अपने अधिकारों के प्रति संवेदनशील होने को कहा. आरटीआई कोई बोझ नहीं है, बल्कि यह एक दायित्व है. आरटीआई संबंधी सवालों का जवाब देना आपका कर्तव्य बनता यह आपके नौकरी का हिस्सा है. उन्होनें कहा कि भाव और भावना से सद्भावनापूर्ण तरीके से कार्य करें.उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि कानून का पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पालन करना हमारी जिम्मेदारी और दायित्व बनता है. आरटीआई एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है. समय से आपत्ति का निस्तारण किया जाए.


इस क्रम में उपस्थित अधिकारियों की आशंकाओं का समाधान भी आयुक्त द्वारा किया गया, जैसे पुरानी व अनुपलब्ध सूचना के जवाब में क्या किया जाए. व्यक्तिगत सूचनाएं को जनहित का संदर्भ बताते हुए मांगी गई सूचनाओं पर क्या किया जाए. सरकार से वित्त पोषित और मान्यता प्राप्त संस्थाओं से मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में जितनी सूचनाओं का संबंध सरकार से है उतनी ही सूचना प्रदान की जाएगी. व्यक्तिगत मांगी गई सूचनाओं के बारे में भी कई शंकाओं का माननीय सूचना आयुक्त ने समाधान किया. उन्होनें कहा कि आदतन आरटीआई एक्टिविस्ट को चिन्हित करें.

कुशीनगर अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा ने माननीय राज्य सूचना आयुक्त का धन्यवाद दिया. एडीएम ने कहा कि उनके माध्यम से कई सारी जिज्ञासाएं दूर हुई. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सभी लंबित मामलों का गुणवत्तापूर्ण व ससमय निस्तारण किया जाएगा. बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश पटारिया, जिला सैनिक कल्याण पुनर्वास अधिकारी आलोक सक्सेना, उप जिलाधिकारी सी एल सोनकर, बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलेन्द्र कुशवाहा, जिला विद्यालय निरीक्षक रविंद्र सिंह, जनपद देवरिया से अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नागेंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी(न्यायिक) राजपति वर्मा, ए ओ सुशील कुमार श्रीवास्तव, सुमंत यादव के साथ संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.

यह भी पढे़ं: साइबर अपराधी गिरफ्तार, लोगों के फर्जी खाते खुलवाकर हैकर्स को देते थे डिटेल्स

कुशीनगर: राज्य सूचना आयुक्त उत्तर प्रदेश सुभाष चंद्र सिंह कुशीनगर पहुंचे. जहां कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद कुशीनगर व जनपद देवरिया के राजस्व विभाग स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के जन सूचना अधिकारियों सहायक जन सूचना अधिकारियों व संबंधित पटल सहायकों के साथ समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया. राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि थोक में आरटीआई की सुनवाई अगले वर्ष से अब जिले में होगी. आरटीआई का उद्देश्य पारदर्शिता और भ्रष्टाचार का खात्मा है.


जिले में आयोजित समीक्षा बैठक में जनपद कुशीनगर से शिक्षा संबंधी 95 मामले, राजस्व संबंधी 116 व चिकित्सा संबंधी 22 मामले तथा जनपद देवरिया से शिक्षा संबंधी 302, चिकित्सा संबंधी 88 तथा राजस्व के 415 मामले मिले. राज्य सूचना आयुक्त ने आदतन आरटीआई एक्टिविस्ट की सूची भी बनाने को निर्देशित किया. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि आरटीआई एक्ट के अधिनियम के उद्देश्य का पालन होना चाहिए. समाज समूह संगठन और प्रशासन के स्तर पर पारदर्शिता हो, उचित आरटीआई की उपेक्षा ना की जाए. उचित आरटीआई का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हो. उन्होंने बताया कि थोक के भाव में लगाए गए आरटीआई का एकमुश्त निस्तारण हो. उपस्थित सभी अधिकारियों को उन्होंने आरटीआई के संदर्भ में समय से जानकारी देने को कहा तथा आपत्तियों का निस्तारण भी समय से हो.

राज्य सूचना आयुक्त ने अधिकारियों को बताया कि आरटीआई को कैसे अच्छे एवं सरल तरीके से निपटाया जाए. राज्य सूचना आयुक्त ने आरटीआई को एक सतत और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया बताई तथा अधिकारियों को अपने अधिकारों के प्रति संवेदनशील होने को कहा. आरटीआई कोई बोझ नहीं है, बल्कि यह एक दायित्व है. आरटीआई संबंधी सवालों का जवाब देना आपका कर्तव्य बनता यह आपके नौकरी का हिस्सा है. उन्होनें कहा कि भाव और भावना से सद्भावनापूर्ण तरीके से कार्य करें.उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि कानून का पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पालन करना हमारी जिम्मेदारी और दायित्व बनता है. आरटीआई एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है. समय से आपत्ति का निस्तारण किया जाए.


इस क्रम में उपस्थित अधिकारियों की आशंकाओं का समाधान भी आयुक्त द्वारा किया गया, जैसे पुरानी व अनुपलब्ध सूचना के जवाब में क्या किया जाए. व्यक्तिगत सूचनाएं को जनहित का संदर्भ बताते हुए मांगी गई सूचनाओं पर क्या किया जाए. सरकार से वित्त पोषित और मान्यता प्राप्त संस्थाओं से मांगी गई सूचनाओं के संदर्भ में जितनी सूचनाओं का संबंध सरकार से है उतनी ही सूचना प्रदान की जाएगी. व्यक्तिगत मांगी गई सूचनाओं के बारे में भी कई शंकाओं का माननीय सूचना आयुक्त ने समाधान किया. उन्होनें कहा कि आदतन आरटीआई एक्टिविस्ट को चिन्हित करें.

कुशीनगर अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा ने माननीय राज्य सूचना आयुक्त का धन्यवाद दिया. एडीएम ने कहा कि उनके माध्यम से कई सारी जिज्ञासाएं दूर हुई. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सभी लंबित मामलों का गुणवत्तापूर्ण व ससमय निस्तारण किया जाएगा. बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश पटारिया, जिला सैनिक कल्याण पुनर्वास अधिकारी आलोक सक्सेना, उप जिलाधिकारी सी एल सोनकर, बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलेन्द्र कुशवाहा, जिला विद्यालय निरीक्षक रविंद्र सिंह, जनपद देवरिया से अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व नागेंद्र सिंह, उपजिलाधिकारी(न्यायिक) राजपति वर्मा, ए ओ सुशील कुमार श्रीवास्तव, सुमंत यादव के साथ संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.

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