कुशीनगर : जिले से गुजरने वाली छोटी गण्डक नदी में सफेद बालू का अवैध खनन इन दिनों धड़ल्ले से जारी है. बेखौफ खनन माफिया दिन-रात नदी से सफेद बालू निकालने में जुटे हैं. उनका यह काला कारोबार तेजी से बढ़ रहा है. नावों से सफेद बालू ढोई जा रही है. वहीं, स्थीनय प्रशासन इस पर चुप्पी साधे है. कहीं न कहीं खनन विभाग को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
कुशीनगर जिले से होते हुए छोटी गण्डक नदी देवरिया जनपद की घाघरा नदी में जाकर मिलती है. यह नदी जिले के किसानों के लिए काफी लाभदायक है. नेपाल की पहाड़ियों से निकलने वाली इस नदी की सफेद बालू गृह निर्माण के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है. इस वजह से इसकी सफेद बालू की बाजार में काफी मांग है.
यही वजह है कि खनन माफियाओं की काली नजर इस नदी पर लगी हुई है. वे सफेद बालू के काले कारोबार में जुट गए हैं. बिना मानकों के अवैध बालू खनन ने जब छोटी गण्डक नदी का स्वरूप बिगाड़ा था तब पूर्व की सरकार ने इस नदी के बालू घाटों के पट्टे उठाने बंद कर दिए थे. इसका उद्देश्य था कि खेत और नदी सुरक्षित रहे.
ईटीवी की टीम ने जब छोटी गण्डक नदी की पड़ताल की तो पता चला कि कुशीनगर जिले के कसया तहसील की पुरैनी, परवरपार , सिकटिया घाट, हाटा तहसील के बंटोलवा, दुबौली , सिकटिया, गड़ेरिपट्टी घाटों में सफेद बालू का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है.
यहां नदी से नावों के जरिए सफेद बालू बोरियों में भरकर किनारे लाई जाती है. इसके बाद इसे ट्रैक्टर और ट्रालियों में लोडकर भेज दिया जाता है.
सूत्रों के मुताबिक छोटी गण्डक नदी के मुडिला, हरपुर, फर्दहा , रामजानकी घाट, घिनहरिया, सुअरहा, बभनौली , मलूकही, पगार, मिश्रौलि, हरदीछपरा, खोटही काशी छपरा आदि घाटों पर इन दिनों सफेद बालू का यह अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है.
स्थानीय लोगो का आरोप है कि जो भी लोग इस काले कारोबार में जुड़े हैं उन्हें विभागीय अफसरों का 'आशीर्वाद' प्राप्त है. शायद यही वजह है कि पट्टा बंद होने के बावजूद खनन माफिया बेखौफ गण्डक नदी को छलनी कर रहे हैं. इससे नदी की गहराई बढ़ रही है. साथ ही आसपास के गांवों के लिए खतरा बढ़ रहा है.
ग्रामीणों की माने तो जब इसकी शिकायत की जाती है तो विभाग खानापूरी कर देता है. कुछ दिनों के बाद फिर से अवैध खनन जोरों पर चलने लगता है. विभाग से जुड़े लोग खनन माफिया को शिकायत करने वाले का नाम बता देते हैं. इसके बाद शिकायकर्ता को परेशान किया जाने लगता है.
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इस पूरे मामले पर खनन अधिकारी आरके सिंह का कहना है कि कुशीनगर जिले के साथ महराजगंज का भी प्रभार है. इस वजह से तीन-तीन दिन का समय देता हूं. जिन घाटों पर अवैध बालू का खनन चल रहा है उसके जिम्मेदारों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी.
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