कुशीनगरः हाईकोर्ट के आदेश पर रविवार को हाटा कोतवाली के पिपरा उर्फ तितिला गांव में अवैध अतिक्रमणों को तहसील प्रशासन ने ध्वस्त करा दिया. पुलिस फोर्स व पीएसी बल के साथ तहसील प्रशासन की मौजूदगी में पोखरे की जमीन पर बने दस मकानों को बुलडोजर से धवस्त करा दिया गया. अतिक्रमण ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गयी. वहीं अपना आशियाना टूटते देख कब्जाधारी परिवार चीखते-चिल्लाते रहे.
पोखरे की जमीन पर बने थे मकान
हाटा तहसील क्षेत्र के पिपरा उर्फ तितिला गांव में गाटा संख्या 221 जो पोखरे के नाम दर्ज है. इस पस 72 डिस्मिल जमीन पर कई लोगों ने पक्का निर्माण कराया था. शिकायत के बाद भी जब अतिक्रमण नहीं हटा तो गांव के ही दो लोगों ने उच्च न्यायालय में वाद दाखिल कर दिया था.
स्थानीय स्तर पर नहीं हुई थी सुनवाई
गांव के सार्वजनिक पोखरे के जमीन पर हुए कब्जे पर विरोध जताते हुए नर्मदा प्रजापति और वीरेंद्र सिंह ने स्थानीय तहसील से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों के सामने बात को रखा था. यहां सुनवाई नहीं होते देख उच्च न्यायालय में मामले को जनहित याचिका दाखिल कर बताया गया कि 0.292 हेक्टेयर अराजी नं 221 पोखरी के नाम है, जिस पर कई परिवार द्वारा जबरदस्ती पक्का निर्माण कर लिया गया है.
चार घंटे तक चली कार्रवाई
हाईकोर्ट के आदेश पर एसडीएम प्रमोद तिवारी के नेतृत्व में हाटा, अहिरौली, कप्तानगंज व कसया थाने की पुलिस और पीएसी की टुकड़ी रविवार को पिपरा उर्फ तितिला गांव पहुंची. लगभग चार घंटे की कार्यवाही में चिन्हित पक्के निर्माण को ध्वस्त करा दिया गया. इस दौरान तहसील से जुड़े अधिकारी, कर्मचारियों के साथ पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे.
घंटों तक मची रही चीख पुकार
पोखरी की जमीन पर वर्षों से मकान बना कर रह रहे लगभग आधा दर्जन परिवारों में मकान ध्वस्त होते देख चीख़-पुकार मच गयी. अपना आशियाना टूटता देख घरों की महिलाएं और बच्चियां रोते-चिल्लाते रहे. बताया जा रहा है कि प्रशासन के इस कार्रवाई से चार परिवार खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हो गये हैं.
हाईकोर्ट में दाखिल तितला गांव के एक मुकदमे में न्यायालय द्वारा जो आदेश जारी किए गए हैं उसी अनुसार पूरी कार्रवाई की गयी है. पोखरी पर अवैध तरीके से हुए अतिक्रमण को हटवा दिया गया है, न्यायालय को कार्यवाही की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाएगी.
-प्रमोद तिवारी, एसडीएम