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सरकारी योजनाओं के बाद भी बदहाल है कुशीनगर का मुसहर गांव

यूपी के कुशीनगर में मुसहरों के गांव में विकास आस धुंधली पड़ती जा रही है. सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने गांव में जाकर विकास कार्यों की पड़ताल की.

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Published : Feb 2, 2020, 5:18 AM IST

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कुशीनगर में मुसहरों के गांव

कुशीनगर: अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आने वाले गरीब मुसहरों के गांवों का कायाकल्प और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी कई योजनाओं का जिम्मेदार ही बंटाधार करने में जुटे हैं. कुशीनगर में दुदही विकास खण्ड क्षेत्र के मुख्यालय पर ही स्थित मुसहर बस्ती का नजारा कुछ ऐसा ही है. दुदही ग्राम सभा के मइहरवा टोले पर मुसहर समुदाय के लोग परेशानी में जीवन जीने को मजबूर हैं.

मुसहरों के गांवों की हालत बदतर.

दुदही विकास खण्ड मुख्यालय से महज एक किमी दूर दुदही ग्राम सभा के मुसहरों का टोला मइहरवा स्थित है. गांव में विकास की हालत इस कदर बदतर है कि खुली आंखों से भ्रष्टाचार का नजारा देखा जा सकता है. गांव के विकास से जुड़े जिम्मेदारों की खुली लूट के कारण प्रधानमंत्री आवास और शौचालय का पैसा डकार लिया गया है.

ये भी पढ़ें: कुशीनगर: ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी पर साधा निशाना, सरकार से अलग होने की गिनाईं वजह

गांव में पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने आधे-अधूरे खड़े हो चुके कई प्रधानमंत्री आवासों और शौचालय की हकीकत देखी तो भ्रष्टाचार का खेल खुलकर सामने आ गया. लोगों ने आबादी के बीच पेयजल आपूर्ति करने वाले एक इंडिया मार्का हैण्डपम्प दिखाया जो कि खुद ही गंदे पानी में है.

मइहरवा की रीमा मुसहर ने ईटीवी भारत को बताया कि एक साल पहले उनको आवास का आवंटन हुआ था, तभी पैसा भी खाते से निकाल लिया गया, लेकिन आज तक वो बना नहीं. सिर्फ मकान की नींव डालकर छोड़ दिया गया है. पूछने पर लोग कहते हैं जल्द ही बनेगा.

ये भी पढ़ें: शिक्षा के जरिए किसी भी काम पर पाई जा सकती है विजय : आनंदीबेन

गांव के ही जयकार चंद गुप्ता ने बताया कि मुसहरों के लिए एक साल पहले 39 आवास आए. सभी का पैसा खाते से निकलवा लिया गया. आवास बने हैं तो आधे अधूरे, जो बन गए हैं उनकी छत टेढ़ी हो गई है. लोग बांस और लोहे के एंगल के सहारे उसे रोके हुए हैं. यही हाल गांव के शौचालयों का भी है.

गांव की तस्वीर ये खुद ही बयां कर रही थी कि विकास कार्यों को लेकर हर रोज दावा करने वाले किसी अधिकारी ने यहां का दौरा ही नहीं किया है. मीडिया टीम की पड़ताल के बाद फिलहाल थोड़ी हलचल बढ़ी नजर आयी, लेकिन देखने वाली बात होगी कि मुसहरों के इस गांव की तस्वीर आखिर कब बदली नजर आएगी.

कुशीनगर: अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आने वाले गरीब मुसहरों के गांवों का कायाकल्प और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गयी कई योजनाओं का जिम्मेदार ही बंटाधार करने में जुटे हैं. कुशीनगर में दुदही विकास खण्ड क्षेत्र के मुख्यालय पर ही स्थित मुसहर बस्ती का नजारा कुछ ऐसा ही है. दुदही ग्राम सभा के मइहरवा टोले पर मुसहर समुदाय के लोग परेशानी में जीवन जीने को मजबूर हैं.

मुसहरों के गांवों की हालत बदतर.

दुदही विकास खण्ड मुख्यालय से महज एक किमी दूर दुदही ग्राम सभा के मुसहरों का टोला मइहरवा स्थित है. गांव में विकास की हालत इस कदर बदतर है कि खुली आंखों से भ्रष्टाचार का नजारा देखा जा सकता है. गांव के विकास से जुड़े जिम्मेदारों की खुली लूट के कारण प्रधानमंत्री आवास और शौचालय का पैसा डकार लिया गया है.

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गांव में पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने आधे-अधूरे खड़े हो चुके कई प्रधानमंत्री आवासों और शौचालय की हकीकत देखी तो भ्रष्टाचार का खेल खुलकर सामने आ गया. लोगों ने आबादी के बीच पेयजल आपूर्ति करने वाले एक इंडिया मार्का हैण्डपम्प दिखाया जो कि खुद ही गंदे पानी में है.

मइहरवा की रीमा मुसहर ने ईटीवी भारत को बताया कि एक साल पहले उनको आवास का आवंटन हुआ था, तभी पैसा भी खाते से निकाल लिया गया, लेकिन आज तक वो बना नहीं. सिर्फ मकान की नींव डालकर छोड़ दिया गया है. पूछने पर लोग कहते हैं जल्द ही बनेगा.

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गांव के ही जयकार चंद गुप्ता ने बताया कि मुसहरों के लिए एक साल पहले 39 आवास आए. सभी का पैसा खाते से निकलवा लिया गया. आवास बने हैं तो आधे अधूरे, जो बन गए हैं उनकी छत टेढ़ी हो गई है. लोग बांस और लोहे के एंगल के सहारे उसे रोके हुए हैं. यही हाल गांव के शौचालयों का भी है.

गांव की तस्वीर ये खुद ही बयां कर रही थी कि विकास कार्यों को लेकर हर रोज दावा करने वाले किसी अधिकारी ने यहां का दौरा ही नहीं किया है. मीडिया टीम की पड़ताल के बाद फिलहाल थोड़ी हलचल बढ़ी नजर आयी, लेकिन देखने वाली बात होगी कि मुसहरों के इस गांव की तस्वीर आखिर कब बदली नजर आएगी.

Intro:Opening P2C

अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आने वाले गरीब मुसहरों के गाँवो का कायाकल्प और उनका जीवन स्तर ऊँचा उठाने की प्रदेश सरकार द्वारा शुरु की गयी कई योजनाओं का जिम्मेदार ही बंटाधार करने में जुटे हैं. कुशीनगर में दुदही विकास खण्ड क्षेत्र के मुख्यालय पर ही स्थित मुसहर बस्ती का नजारा कुछ ऐसा ही है. दुदही ग्राम सभा के मइहरवा टोले पर मुसहर समुदाय के लोग परेशानी में जीवन जीने को मजबूर हैं.


Body:vo - दुदही विकास खण्ड मुख्यालय से महज एक किमी. दूर दुदही ग्राम सभा के मुसहरों का टोला मइहरवा स्थित है. गाँव में विकास की हालत इस कदर बदत्तर है कि खुली आँखों से भ्रष्टाचार का नजारा देखा जा सकता है. गाँव के विकास से जुड़े जिम्मेदारों की खुली लूट के कारण प्रधानमंत्री आवास और शौचालय का पैसा डकार लिया गया है

गाँव मे पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने आधे अधूरे खड़े हो चुके कई प्रधानमंत्री आवासों और शौचालय की हकीकत देखी तो भ्रष्टाचार का खेल खुलकर सामने आ गया. लोगों ने आबादी के बीच पेयजल आपूर्ति करने वाले एक इंडिया मार्का हैण्डपम्प को दिखाया जो कि खुद ही गन्दे पानी से घिरा हुआ नजर आया

मइहरवा की रीमा मुसहर ने ईटीवी भारत को बताया कि एक साल पहले उसको आवास का आवंटन हुआ था, तभी पैसा भी खाते से निकाल लिया गया लेकिन आज तक वो बना नही सिर्फ मकान का नींव डालकर छोड़ दिया गया है. पूछने पर लोग कहते है जल्द ही बनेगा.

बाइट - रीमा मुसहर, पीड़ित महिला

गाँव के ही जयकार चंद गुप्ता ने बताया कि मुसहरों के लिए एक साल पहले 39 आवास आए, सभी का पैसा खाते से निकलवा लिया गया. आवास बने हैं तो आधे अधूरे, जो बन गए है उनका छत टेढ़ा हो गया है लोग बाँस और लोहे के एंगल के सहारे उसे रोके हुए हैं यही हाल गाँव के शौचालयों का भी है

बाइट - जयकार चंद गुप्ता, स्थानीय नागरिक


Conclusion:गाँव की तस्वीर ये खुद ही बयाँ कर रही थी कि विकास कार्यों को लेकर हर रोज दावा करने वाले किसी अधिकारी ने यहाँ का दौरा किया ही नही है. मीडिया टीम की पड़ताल के बाद फिलहाल थोड़ी हलचल बढ़ी नजर आयी लेकिन देखने वाली बात होगी कि मुसहरों के इस गाँव की तस्वीर आखिर कब बदली नजर आएगी.

End P2C

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
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