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कुशीनगर: सरकारी जमीन पर बने विद्यालय को हाईकोर्ट ने हटाने का दिया आदेश

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सिंचाई विभाग की जमीन पर बने विद्यालय को हाईकोर्ट ने हटाने का आदेश दिया है. गांव के ही एक शिकायतकर्ता की सूचना पर ईटीवी भारत ने बीते मई महीने की 16 तारीख को अवैध कब्जा कर चल रहे इस विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया.

संवाददाता.
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Published : Oct 23, 2019, 8:04 PM IST

कुशीनगर: जनपद में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए एक विद्यालय के साथ ही प्रदेश के 38 विद्यालयों पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है. सभी जगहों की अलग-अलग दाखिल जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते 20 सितम्बर को दिए गए अपने आदेश में कुशीनगर के एक विद्यालय को सरकारी भूमि से हटाने का आदेश जारी किया है.

सरकारी जमीन पर बने विद्यालय को हाईकोर्ट ने हटाने का दिया आदेश.

सिंचाई विभाग की काफी जमीन पर बना विद्यालय
जिला मुख्यालय पडरौना से कुछ ही दूरी पर स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव बड़हरा में सिंचाई विभाग की काफी जमीन खाली पड़ी है. सूचना के मुताबिक इसी जमीन के एक बड़े हिस्से पर एक राजनीतिक दल से जुड़े नेता ने कागजी हेरा-फेरी कर अपना नाम दर्ज करा लिया था. नाम दर्ज होने के बाद उन्होंने विभागीय मिलीभगत से उक्त जमीन की पहले चहारदीवारी करवाई और फिर धीरे-धीरे उस पर सीबीएसई बोर्ड की मान्यता लेकर विशालकाय विद्यालय भवन खड़ा कर लिया.

जमीन पर अवैध कब्जा
गांव के ही एक शिकायतकर्ता की सूचना पर ईटीवी भारत ने बीते मई महीने की 16 तारीख को अवैध कब्जा कर चल रहे इस विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद तहसील प्रशासन ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए उक्त जमीन पर सिंचाई विभाग का नाम अंकित करा तो दिया, लेकिन प्रशासन की तरफ से विद्यालय को बंद कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया

प्रदेश के 39 विद्यालयों से जुड़े मामलों की रिट याचिका संख्या 4400/19 की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय भनोट ने बीते 20 सितम्बर को अपना विस्तृत आदेश जारी किया. इसी रिट याचिका के अन्तर्गत ही कुशीनगर से जुड़े रिट संख्या 10099/19 की सुनवाई पूरी हुई.

होईकोर्ट ने फरमान जारी किया
बड़हरा गांव के शिकायतकर्ता एजाज अंसारी ने ईटीवी भारत को बताया कि जब जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन में सुनवाई नहीं हुई तो मैंने हाईकोर्ट जाकर जनहित याचिका दाखिल कर दी. इसी क्रम में हाईकोर्ट ने सुनवाई करने के बाद बीते 20 सितम्बर को फैसला सुनाते हुए सरकारी भूमि से इस विद्यालय को हटाने का फरमान जारी कर दिया है. साथ ही सभी संबंधित पक्षों को नोटिस देकर अनुपालन का आदेश दिया.

न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश की प्रति स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिलाधिकारी कुशीनगर सहित छः अन्य लोगों को याचिकाकर्ता की तरफ से भेजा गया है. देखने वाली बात यह होगी कि आगामी दिनों में इस आदेश के क्रम में जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है.

कुशीनगर: जनपद में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए एक विद्यालय के साथ ही प्रदेश के 38 विद्यालयों पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है. सभी जगहों की अलग-अलग दाखिल जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते 20 सितम्बर को दिए गए अपने आदेश में कुशीनगर के एक विद्यालय को सरकारी भूमि से हटाने का आदेश जारी किया है.

सरकारी जमीन पर बने विद्यालय को हाईकोर्ट ने हटाने का दिया आदेश.

सिंचाई विभाग की काफी जमीन पर बना विद्यालय
जिला मुख्यालय पडरौना से कुछ ही दूरी पर स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव बड़हरा में सिंचाई विभाग की काफी जमीन खाली पड़ी है. सूचना के मुताबिक इसी जमीन के एक बड़े हिस्से पर एक राजनीतिक दल से जुड़े नेता ने कागजी हेरा-फेरी कर अपना नाम दर्ज करा लिया था. नाम दर्ज होने के बाद उन्होंने विभागीय मिलीभगत से उक्त जमीन की पहले चहारदीवारी करवाई और फिर धीरे-धीरे उस पर सीबीएसई बोर्ड की मान्यता लेकर विशालकाय विद्यालय भवन खड़ा कर लिया.

जमीन पर अवैध कब्जा
गांव के ही एक शिकायतकर्ता की सूचना पर ईटीवी भारत ने बीते मई महीने की 16 तारीख को अवैध कब्जा कर चल रहे इस विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद तहसील प्रशासन ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए उक्त जमीन पर सिंचाई विभाग का नाम अंकित करा तो दिया, लेकिन प्रशासन की तरफ से विद्यालय को बंद कराने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया

प्रदेश के 39 विद्यालयों से जुड़े मामलों की रिट याचिका संख्या 4400/19 की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय भनोट ने बीते 20 सितम्बर को अपना विस्तृत आदेश जारी किया. इसी रिट याचिका के अन्तर्गत ही कुशीनगर से जुड़े रिट संख्या 10099/19 की सुनवाई पूरी हुई.

होईकोर्ट ने फरमान जारी किया
बड़हरा गांव के शिकायतकर्ता एजाज अंसारी ने ईटीवी भारत को बताया कि जब जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन में सुनवाई नहीं हुई तो मैंने हाईकोर्ट जाकर जनहित याचिका दाखिल कर दी. इसी क्रम में हाईकोर्ट ने सुनवाई करने के बाद बीते 20 सितम्बर को फैसला सुनाते हुए सरकारी भूमि से इस विद्यालय को हटाने का फरमान जारी कर दिया है. साथ ही सभी संबंधित पक्षों को नोटिस देकर अनुपालन का आदेश दिया.

न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश की प्रति स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिलाधिकारी कुशीनगर सहित छः अन्य लोगों को याचिकाकर्ता की तरफ से भेजा गया है. देखने वाली बात यह होगी कि आगामी दिनों में इस आदेश के क्रम में जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है.

Intro:नोट - कल से ही खबर लगभग पूर्ण थी लेकिन मोबाइल हैंग कर रहा था, आज स्वतः मोबाइल ने ठीक से कार्य करना शुरू किया तब खबर का प्रेषण किया जा रहा है

Opening P2C

सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए कुशीनगर के एक विद्यालय के साथ ही प्रदेश के 38 विद्यालयों पर हाईकोर्ट ने गम्भीर रुख अख्तियार कर लिया है. सभी जगहों की अलग अलग दाखिल जनहित याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बीते 20 सितम्बर को दिए गए अपने आदेश में कुशीनगर के एक विद्यालय को सरकारी भूमि से हटाने का आदेश जारी किया है. बता दें कि कुशीनगर में सरकारी जमीन पर काबिज एक सपा नेता के इस विद्यालय की खबर सिर्फ ईटीवी भारत ने कुछ दिन पहले ही चलाया था


Body:vo जिला मुख्यालय पडरौना से कुछ ही दूरी पर स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य गाँव बड़हरा में सिंचाई विभाग की काफी जमीन खाली पड़ी है, सूचना के मुताबिक इसी जमीन के एक बड़े हिस्से पर एक राजनीतिक दल से जुड़े नेता ने कागजी हेराफेरी करके अपना नाम दर्ज करा लिया था

नाम दर्ज होने के बाद उन्होंने विभागीय मिलीभगत से उक्त जमीन पर पहले चहारदीवारी चलवायी और फिर धीरे धीरे उस पर सीबीएसई बोर्ड की मान्यता लेकर विशालकाय विद्यालय भवन खड़ा कर लिया

गाँव के ही एक शिकायतकर्ता की सूचना पर ईटीवी भारत ने बीते मई महीने की 16 तारीख को अवैध कब्जा कर चल रहे इस विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया, इसके बाद तहसील प्रशासन ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए उक्त जमीन पर सिंचाई विभाग का नाम अंकित करा तो दिया लेकिन प्रशासन की तरफ से विद्यालय को बंद कराने की दिशा में कोई कदम नही उठाया गया

प्रदेश के 39 विद्यालयों से जुड़े मामलों की रिट याचिका संख्या 4400/19 की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय भनोट जे बीते 20 सितम्बर को अपना विस्तृत आदेश जारी किया, इसी रिट याचिका के अन्तर्गत ही कुशीनगर से जुड़े रिट संख्या 10099/19 की सुनवाई पूरी हुई

बड़हरा गाँव के शिकायतकर्ता एजाज अंसारी ने ईटीवी भारत को बताया कि जब जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन में सुनवाई नही हुई तो मैंने हाईकोर्ट जाकर जनहित याचिका दाखिल कर दी जिसके क्रम में सुनवाई करने के बाद बीते 20 सितम्बर को फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने सरकारी भूमि से इस विद्यालय को हटाने का फरमान जारी कर दिया है और सभी सम्बन्धित पक्षों को नोटिस देकर अनुपालन का आदेश दिया

बाइट - एजाज अंसारी, जनहित याचिकाकर्ता






Conclusion:vo न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश की प्रति स्टेट आफ उत्तर प्रदेश द्वारा शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिलाधिकारी कुशीनगर सहित छः अन्य लोगों को याचिकाकर्ता की तरफ से भेजा गया है, देखने वाली बात आगामी दिनों में यह होगी कि इस आदेश के क्रम में जिला प्रशासन क्या कदम उठाता है.

End P2C

सूर्य प्रकाश राय
कुशीनगर
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