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कुशीनगर: जलमग्न गांवों तक नहीं पहुंची सरकारी मदद

यूपी के कुशीनगर में निर्माणाधीन रेल लाइन बांध का 30 मी. हिस्सा टूटने से नदी के पानी का बहाव तेज हो गया है. इससे प्रभावित गांवों के लोगों की सुध लेने प्रशासन का कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा.

submerged villages no govt facility reached
जलमग्न गांवों तक नहीं पहुंची कोई सुविधा
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Published : Jul 22, 2020, 5:41 PM IST

कुशीनगर: जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में निर्माणाधीन रेल लाइन बांध का 30 मी. हिस्सा टूटने के बाद से नदी के पानी का बहाव तेज हो गया है. टूटे हिस्से को बांधने का कोई सरकारी प्रयास होता नहीं दिख रहा है. इस कारण टूटे हिस्से से नारायणी नदी के पानी ने 6 गांवों के जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. तहसीलदार का कहना है कि प्रभावित गांवों की क्षति का आंकलन राजस्व कर्मियों के माध्यम से कराया जा रहा है. इस खबर को मंगलवार को सबसे पहले ईटीवी भारत ने दिखाया और अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया था.

जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में निर्माणाधीन रेल लाइन बांध के टूटने का घटनाक्रम पूरे 24 घंटे बीत चुका है. नारायणी नदी का पानी टूटे हिस्से से निकलते हुए इलाके में तेजी से फैल रहा है. बीती रात से इस इलाके के 6 गांवों के लोग अचानक आई इस आफत से परेशान हैं. प्रशासन का कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि इनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है.

ठीक करने का नहीं हुआ प्रयास
निर्माणाधीन रेल लाइन के टूटे हिस्से से पानी की तेज धार निकल रही है, लेकिन इस गैप को भरने के लिए प्रशासन ने कोई तैयारी शुरू नहीं की है. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो मंगलवार से ही नदी के जलस्तर में कमी दिख रही है. इस कारण गैप को आसानी से भरा जा सकता है.

बढ़े जलस्तर का दिखा असर
बिहार प्रांत की सीमा में पड़ने वाले श्रीपतनगर गांव के सामने यूपी के इलाके में रेलवे के इस बांध का 30 मीटर हिस्सा बह जाने से पानी का रुख गांवों की तरफ हो गया है. नगर पंचायत छितौनी के खास टोला, बसवडिया टोला, बलुआ टोला, नरकहवा ग्राम सभा के स्कूल टोला, महतो टोला, दरगौली ग्राम सभा के बेलवनिया टोला तक रात भर में पानी ने अपना प्रभाव दिखा दिया है. बीच में पड़ने वाले चलतवा नाला से निकलकर एनएच 28 बी के दोनों तरफ जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है.

छोटी सी लापरवाही से बड़ा नुकसान
टूटे हिस्से से निकले जल प्रवाह के कारण क्षेत्र का लगभग 250 एकड़ केला सहित धान और गन्ने की फसल जलमग्न हो गई है. सूचना के मुताबिक छितौनी के खास टोला में पांच रिहायशी घर, नरकहवा टोला में 7 रिहायशी घर भी पानी में ढह गए हैं.

भाजपा नेता आनंद कुशवाहा और प्रधान जगमोहन कुशवाहा ने बताया कि अचानक हुए इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र जलभराव से जूझ रहा है. लोगों को बाहर निकालने के लिए तहसील प्रशासन से नाव की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अभी कोई जिम्मेदार अधिकारी जलभराव से परेशान लोगों के बीच नहीं आया है.


लेखपाल गांव में पहुंचकर क्षति का अनुमान लगा रहे हैं. उनकी रिपोर्ट आने के बाद पानी से घिरे लोगों के बीच राहत सामग्री आदि का डीएम के निर्देश पर वितरित कराया जाएगा. क्षतिग्रस्त इलाकों पर कार्य जोरों पर किया जा रहा है.
-एसके राय, तहसीलदार

कुशीनगर: जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में निर्माणाधीन रेल लाइन बांध का 30 मी. हिस्सा टूटने के बाद से नदी के पानी का बहाव तेज हो गया है. टूटे हिस्से को बांधने का कोई सरकारी प्रयास होता नहीं दिख रहा है. इस कारण टूटे हिस्से से नारायणी नदी के पानी ने 6 गांवों के जनजीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. तहसीलदार का कहना है कि प्रभावित गांवों की क्षति का आंकलन राजस्व कर्मियों के माध्यम से कराया जा रहा है. इस खबर को मंगलवार को सबसे पहले ईटीवी भारत ने दिखाया और अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया था.

जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में निर्माणाधीन रेल लाइन बांध के टूटने का घटनाक्रम पूरे 24 घंटे बीत चुका है. नारायणी नदी का पानी टूटे हिस्से से निकलते हुए इलाके में तेजी से फैल रहा है. बीती रात से इस इलाके के 6 गांवों के लोग अचानक आई इस आफत से परेशान हैं. प्रशासन का कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि इनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है.

ठीक करने का नहीं हुआ प्रयास
निर्माणाधीन रेल लाइन के टूटे हिस्से से पानी की तेज धार निकल रही है, लेकिन इस गैप को भरने के लिए प्रशासन ने कोई तैयारी शुरू नहीं की है. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो मंगलवार से ही नदी के जलस्तर में कमी दिख रही है. इस कारण गैप को आसानी से भरा जा सकता है.

बढ़े जलस्तर का दिखा असर
बिहार प्रांत की सीमा में पड़ने वाले श्रीपतनगर गांव के सामने यूपी के इलाके में रेलवे के इस बांध का 30 मीटर हिस्सा बह जाने से पानी का रुख गांवों की तरफ हो गया है. नगर पंचायत छितौनी के खास टोला, बसवडिया टोला, बलुआ टोला, नरकहवा ग्राम सभा के स्कूल टोला, महतो टोला, दरगौली ग्राम सभा के बेलवनिया टोला तक रात भर में पानी ने अपना प्रभाव दिखा दिया है. बीच में पड़ने वाले चलतवा नाला से निकलकर एनएच 28 बी के दोनों तरफ जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ रहा है.

छोटी सी लापरवाही से बड़ा नुकसान
टूटे हिस्से से निकले जल प्रवाह के कारण क्षेत्र का लगभग 250 एकड़ केला सहित धान और गन्ने की फसल जलमग्न हो गई है. सूचना के मुताबिक छितौनी के खास टोला में पांच रिहायशी घर, नरकहवा टोला में 7 रिहायशी घर भी पानी में ढह गए हैं.

भाजपा नेता आनंद कुशवाहा और प्रधान जगमोहन कुशवाहा ने बताया कि अचानक हुए इस घटनाक्रम के कारण क्षेत्र जलभराव से जूझ रहा है. लोगों को बाहर निकालने के लिए तहसील प्रशासन से नाव की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अभी कोई जिम्मेदार अधिकारी जलभराव से परेशान लोगों के बीच नहीं आया है.


लेखपाल गांव में पहुंचकर क्षति का अनुमान लगा रहे हैं. उनकी रिपोर्ट आने के बाद पानी से घिरे लोगों के बीच राहत सामग्री आदि का डीएम के निर्देश पर वितरित कराया जाएगा. क्षतिग्रस्त इलाकों पर कार्य जोरों पर किया जा रहा है.
-एसके राय, तहसीलदार

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