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कुशीनगर में पूर्व मंत्री राधेश्याम बोले, मेरे साथ अप्रिय घटना हुई तो जिला प्रशासन होगा जिम्मेदार - Former minister Radheshyam in Kushinagar

कुशीनगर में पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह ने एसपी और डीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारी मेरे राजनैतिक प्रतिद्वंद्वीओं से मिलकर मेरी हत्या करा सकते हैं.

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Published : Oct 29, 2022, 1:59 PM IST

कुशीनगर: पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह (Former minister Radheshyam in Kushinagar) ने एसपी और डीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मंत्री अपनी सरकारी सुरक्षा हटाए जाने से खासा नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वह किसानों और जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाते हैं. इससे जिले के अधिकारी उनसे नाराज है.

अधिकारियों ने कई बार लोगों की आवाज उठाने पर उन्हें रोकने का प्रयास किया है. पडरौना के एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री राधेश्याम ने कहा कि (Radheshyam Singh allegation on SP and DM) अगर उनके साथ कोई अनहोनी या अप्रिय घटना होगी तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा. इस मामले में एसपी धवल जैसवाल और डीएम एसराज लिंगम को ही अभियुक्त बनाने की बात कही. 1994 से लेकर अब तक मेरे ऊपर कई बार हत्या करने की कोशिश से हमला हो चुका है. इसके चलते हमेशा से सरकारी सुरक्षा मिलती रही है. वहीं, गरीबों की आवाज बनने पर जिले के डीएम और एसपी हमसे खार खाए हुए हैं. इसी वजह से अब हमारी सुरक्षा को लेकर शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट नहीं लगाई गई हैं. मंत्री राधेश्याम को भय है कि अधिकारी उनके राजनैतिक प्रतिद्वंद्वीओं के साथ मिलकर उनकी हत्या करा सकते हैं.

मीडिया से बात करते पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह


पढ़ें- फैमिली कोर्ट परिसर में महिला वकीलों में मारपीट, Video Viral

पूर्व राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि कप्तानगंज शुगरमिल पर किसानों को 44 करोड़ का भुगतान नहीं हुआ था. इसके चलते किसानों ने शुगरमिल बंद करने का ऐलान किया था. उन्होंने किसानों के साथ मिलकर धरना देने की घोषणा की थी. इसके बाद डीएम, एडीएम और जिले के कई अधिकारी धारा 144 का हवाला देने लगे. लेकिन जब सत्ता दल के नेता कोई सम्मेलन या कार्यक्रम करते हैं, तो उनको कोई परमिशन नहीं लेनी पड़ती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा में कहते है कि विपक्ष कोई सकारात्मक मुद्दा उठाएं, तो हम विचार करेंगे. शुगरमिल चलाने और किसानों को करोड़ो का भुगतान से बड़ा मुद्दा कोई मुद्दा नहीं हो सकता है. जिले के अधिकारियों को किसानों की समस्याएं नहीं दिखती और न आवाज उठाने देना चाहते है. अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर उल्ट हमपर ही केस कर दिया. ताकि हम किसानों और सरकार के कुनीतियों पर आवाज न उठा सकें.

पढ़ें- धर्म परिवर्तन की कोशिश का मामला: दिल्ली के पादरी समेत 9 के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

कुशीनगर: पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह (Former minister Radheshyam in Kushinagar) ने एसपी और डीएम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मंत्री अपनी सरकारी सुरक्षा हटाए जाने से खासा नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वह किसानों और जनहित के मुद्दों पर आवाज उठाते हैं. इससे जिले के अधिकारी उनसे नाराज है.

अधिकारियों ने कई बार लोगों की आवाज उठाने पर उन्हें रोकने का प्रयास किया है. पडरौना के एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री राधेश्याम ने कहा कि (Radheshyam Singh allegation on SP and DM) अगर उनके साथ कोई अनहोनी या अप्रिय घटना होगी तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा. इस मामले में एसपी धवल जैसवाल और डीएम एसराज लिंगम को ही अभियुक्त बनाने की बात कही. 1994 से लेकर अब तक मेरे ऊपर कई बार हत्या करने की कोशिश से हमला हो चुका है. इसके चलते हमेशा से सरकारी सुरक्षा मिलती रही है. वहीं, गरीबों की आवाज बनने पर जिले के डीएम और एसपी हमसे खार खाए हुए हैं. इसी वजह से अब हमारी सुरक्षा को लेकर शासन को भेजी जाने वाली रिपोर्ट नहीं लगाई गई हैं. मंत्री राधेश्याम को भय है कि अधिकारी उनके राजनैतिक प्रतिद्वंद्वीओं के साथ मिलकर उनकी हत्या करा सकते हैं.

मीडिया से बात करते पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह


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पूर्व राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह ने कहा कि कप्तानगंज शुगरमिल पर किसानों को 44 करोड़ का भुगतान नहीं हुआ था. इसके चलते किसानों ने शुगरमिल बंद करने का ऐलान किया था. उन्होंने किसानों के साथ मिलकर धरना देने की घोषणा की थी. इसके बाद डीएम, एडीएम और जिले के कई अधिकारी धारा 144 का हवाला देने लगे. लेकिन जब सत्ता दल के नेता कोई सम्मेलन या कार्यक्रम करते हैं, तो उनको कोई परमिशन नहीं लेनी पड़ती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा में कहते है कि विपक्ष कोई सकारात्मक मुद्दा उठाएं, तो हम विचार करेंगे. शुगरमिल चलाने और किसानों को करोड़ो का भुगतान से बड़ा मुद्दा कोई मुद्दा नहीं हो सकता है. जिले के अधिकारियों को किसानों की समस्याएं नहीं दिखती और न आवाज उठाने देना चाहते है. अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर उल्ट हमपर ही केस कर दिया. ताकि हम किसानों और सरकार के कुनीतियों पर आवाज न उठा सकें.

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