कुशीनगरः जिले में नारायणी नदी (narayani river) के आसपास रह रहे लोग सचेत हो जाएं. नदी में बाढ़ आने की आशंका है. नदी का जलस्तर (water level) अचानक से बढ़ गया है. दरअसल, कुशीनगर (kushinagar) में वाल्मीकिनगर बैराज से नारायणी नदी में 38 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे नदी में उफान आ गया है.
बाल्मीकि नगर बैराज द्वारा मंगलवार की सुबह ही अत्याधिक मात्रा में पानी डिस्चार्ज किया गया था. अचानक इतना पानी छोड़े जाने से नारायणी नदी (narayani river) उफान पर आने लगी. इससे नारायणी नदी के किनारे बसे गांव सालिकपुर, महादेवा सहित अन्य गांवों में बाढ़ (flood) की आशंका तेज हो गई है.
बताते चलें कि नेपाल की पहाड़ियों पर निरंतर हो रही बरसात से नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. इससे साथ ही वाल्मीकि नगर बैराज द्वारा मंगलवार सुबह 6:00 बजे 99 हजार 664 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया. वहीं, 12:00 बजे 1लाख 83हजार400 क्यूसेक तथा शाम 6:00 बजे 2 लाख 10 हजार 900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. मंगलवार देर रात 09:00 बजे तक नारायणी में 3 लाख 38 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया. इससे नदी लबालब भग गई.
पानी का स्तर बढ़ने और लगातार बारिश के मौसम से नारायणी नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. सनद रहे कि वाल्मीकि नगर बैराज से छितौनी वगहा रेलपुल तक पानी के पहुंचने में लगभग 8 घंटे का समय लगता है. इससे नारायणी नदी के किनारे बसे गांव सालिगपुर, महदेवा, नारायणपुर, शिवपुर, मरिचहवा गांव में पानी के पहुंचने की आशंका प्रबल हो गई है तो वहीं, छितौनी बांध पर पानी का दबाव पड़ने की आशंका दिखाई देने लगी है.
बाढ़ की आशंका को देखते हुए नदी के आसपास के गांवों में चेतावनी जारी कर दी गई है. लोगों को सावधान किया जा रह है. यह भी आशंका है कि बुधवार रात तक पानी की स्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है.
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इस संबंध में सहायक अभियंता बाढ़खंड राजेंद्र पासवान का कहना है कि छितौनी बांध पर 4 अभियंता लगे हुए हैं, जो पानी की स्थिति का आंकलन कर रहे हैं. इतने डिस्चार्ज पर बांध को कोई खतरा नहीं है. हालांकि स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
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