कुशीनगर: खड्डा तहसील क्षेत्र में नारायणी नदी के भैंसहा घाट पर पीपा का पुल बनने से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी है. आजादी के 73 साल बाद बने इस पुल से नदी के उस पार रहने वाली एक बड़ी आबादी के बीच हर्ष का माहौल है. मीडिया से बात करते हुए क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि आयात-निर्यात के दौर शुरू होने के बाद यह पुल विकास की नई इबारत लिखेगा.
विकास की नई गाथा लिखेगा यह पुल
क्षेत्रीय भाजपा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कहा कि इस इलाके से सटे नेपाल के बाल्मीकि नगर और नारायणी नदी का पौराणिक इतिहास रहा है. यहां आवागमन की असुविधा को देखते हुए बीमार लोग काफी परेशानी उठाते थे. प्रसव पीड़िताओं को अलग समस्याओं से जूझना पड़ता था. इस पुल के बनने से ये सब समस्या तो दूर होगी ही, साथ ही आगामी दिनों में जब आयात-निर्यात का काम शुरू होगा, तो ये पुल विकास की एक नई गाथा लिखेगा.
उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद नारायणी नदी में आने वाली प्रतिवर्ष के बाढ़ की समस्याओं से जूझने वाले इस इलाके में पहली बार किसी ने पीपा का पुल बनवाने की पहल की है. डिप्टी सीएम ने कहा कि पीपा के पुल से शुरुआत हो रही है. आगे यहां पक्का पुल भी बनेगा.
डिप्टी सीएम ने पुल का किया उद्घाटन
नेपाल से निकलकर महराजगंज और कुशीनगर होते हुए आगे की ओर बहने वाली नारायणी नदी में बने पीपा पुल का डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने रविवार को उद्घाटन किया. इस मौके पर ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक की पहल पर हुए इस शुरुआत को सराहा. लोगों ने कहा कि पुल बनने मात्र से बिहार और महराजगंज जिले से लोगों का सीधा जुड़ाव होगा और बेटियों के शादी-विवाह करने में भी आसानी होगी.
ग्रामीणों ने दी प्रतिक्रिया
ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीण अंचल से जुड़े लोगों ने कहा कि पहले नाव और डेंगी के सहारे हमलोगों को नदी में इस पार से उस पार जाना पड़ता था. अब काफी आसानी होगी. ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल के बन जाने से नदी के उस पार अब विकास की रफ्तार तेज होगी. बेटियों की शादी-विवाह करने में जो दिक्कतें खड़ी होती थी, उसका भी समाधान होगा.
ग्रामीणों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महराजगंज के सोहगीबरवा क्षेत्र और बिहार के 40 से 50 गांव अब सीधे इस पुल के बन जाने से जुड़ जाएंगे और विकास की रफ्तार तेज होगी.
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