कुशीनगर: जनपद में 4 अक्टूबर को हुए युवक के कथित अपहरण और फिरौती की सूचना फर्जी निकली. युवक ने स्वयं के अपहरण की झूठी कहानी रचते हुए 50 हजार की फिरौती की मांग की थी. शुक्रवार को पुलिस ने मामले का खुलासा किया है. फिलहाल, पुलिस मामले में अग्रिम कार्रवाई कर रही है.
गौरतलब है कि विशुनपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत किरत पट्टी निवासी रामलखन यादव का बेटा हरकेश यादव (18) स्नातक का छात्र है. वह पडरौना में किराए पर कमरा लेकर कम्प्यूटर की पढ़ाई करता है. परिजनों के मुताबिक मां जानधीर देवी की तबीयत खराब होने के कारण हरकेश पांच दिन पहले घर आया था. 4 अक्टूबर को रुपयों की आवश्यकता होने पर हरकेश दुदही स्थित एसबीआई बैंक से पैसे निकालने के लिए सुबह घर से गया था. शाम तक जब बेटा हरकेश घर वापस नहीं लौटा तो चाची यशोदा देवी ने शाम करीब 4 बजे फोन किया. जिस पर हरकेश ने बैंक से पैसा निकालने और बारिश में घिरे होने की बात बताते हुए घर जल्द आने की बात कही. इसके बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया.
देर रात तक छात्र हरकेश जब घर नहीं पहुंचा तो परिजनों के हाथ-पांव फूलने शुरू हो गए. परिजनों ने रात में ही हरकेश की खोजबीन शुरू कर दी. लेकिन, काफी देर तक खोजबीन के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लगा. गुरुवार की सुबह चाची यशोदा ने हरकेश को व्हाट्सएप पर परिजनों के परेशान होने का मैसेज किया. जिस पर कुछ देर बाद हरकेश के अपहरण किए जाने और 50 हजार रुपए की फिरौती की मांग का मैसेज वापस आया. मैसेज को देखने के बाद परिजनों के होश उड़ गए. मैसेज में 48 घंटे के अंदर फिरौती की रकम उपलब्ध कराने की मांग बदमाशों ने की थी. परिजनों ने तत्काल इसकी सूचना विशुनपुरा पुलिस को दी. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने छात्र के अपहरण का मुकदमा पंजीकृत कर लिया और जांच में जुट गई. जिले की पुलिस टीम अलग-अलग जगहों पर छात्र की तलाश कर रही थी. लेकिन जब खुलासा हुआ तो अपहरण की कहानी ही फर्जी निकली. पुलिस ने छात्र को सकुशल बरामद कर लिया है.
एसपी धवल जायसवाल ने अपहण का खुलासा करते हुए बताया कि विशुनपुरा थाना क्षेत्र के कीरतपट्टी गांव निवासी रामलखन यादव चेन्नई में मजदूरी करते हैं. घर में पत्नी और दो बेटे रहते हैं. बड़ा बेटा हरकेश यादव बीए प्रथम वर्ष का छात्र है. वह पडरौना में रहकर पढ़ाई करता है. परिवार के खर्च के लिए पिता ही हरकेश के खाते में ही रुपये भेजते हैं. तीन माह पहले उन्होंने 40 हजार रुपये उसके खाते में भेजे थे. हरकेश उस रुपये को दोगुना करने के लालच में एक चाइनीज एप में सट्टा लगा दिया और हार गया. उधर, घर के लोग हरकेश से रुपये मांगने लगे, लेकिन वह चकमा देता रहा.
पांच दिन पहले वह पडरौना से घर पहुंचा. मां के इलाज कराने के जब उससे रुपए मांगे गए तो वह बैंक से रुपए निकालने की बात कह कर घर साइकिल से निकल गया. इसके बाद उसने अपने अपहरण की कहानी रची. पूछताछ में हरकेश ने बताया कि चाची यशोदा देवी के मोबाइल पर 50 हजार रुपये की फिरौती की मांग की थी. इसके बाद वह साइकिल ट्रेन पर लादकर बिहार प्रांत के थावे चला गया. जहां रात स्टेशन पर बिताई और सुबह अपहरण की सूचना दी और छोड़ने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की.
वहीं, पुलिस ने दादा धनराज की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कर लिया और टीम गठित कर हरकेश की खोजबीन शुरू करदी.पुलिस के मुताबिक वह बार-बार मोबाइल फ्लाइट मोड में डाल दे रहा था और उसके बाद मोबाइल कुछ क्षण के लिए खोलकर रुपये मांग रहा था. उधर, पुलिस भी यह मैसेज देखकर घबरा जा रही थी. सर्विलांस की मदद से हरकेश की लोकेशन बिहार के थावे में मिली. जिसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने थावे मंदिर के पास साइकिल सहित हरकेश को पकड़ लिया.
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