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निजी अस्पताल के स्टाफ द्वारा लगाई सुई से बच्चे की मौत का आरोप, परिजनों ने किया प्रदर्शन

पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मुजाहिदा खास के रहने वाले जंत्रीप्रसाद ने पडरौना नगर में संचालित एक निजी अस्पताल के स्टाफ पर अपने एक माह के पोते प्रिंस की मौत का आरोप लगाया. वह परिजनों और मृत बच्चे के शव के साथ धरने पर बैठ गए.

निजी अस्पताल के स्टाफ द्वारा लगाई सुई से मासूम की मौत का आरोप, परिजनों ने किया प्रदर्शन
निजी अस्पताल के स्टाफ द्वारा लगाई सुई से मासूम की मौत का आरोप, परिजनों ने किया प्रदर्शन
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Published : Sep 3, 2021, 7:35 AM IST

कुशीनगर : जिले के पडरौना नगर में संचालित एक निजी अस्पताल के सामने कुछ लोगों ने डॉक्टरों की गलत सुई से मासूम की मौत का आरोप लगाया. इसके साथ ही बच्चे को जिंदा बताते हुए गोरखपुर रेफर करने और सभी बिल व पर्ची को गायब कर परिजनों को न देने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार देर शाम विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले में कोई भी तहरीर न मिलने की बात कहती नजर आई.

पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मुजाहिदा खास के रहने वाले जंत्रीप्रसाद ने पडरौना नगर में संचालित एक निजी अस्पताल के स्टाफ पर अपने एक माह के पोते प्रिंस की मौत का आरोप लगाया. वह परिजनों और मृत बच्चे के शव के साथ धरने पर बैठ गए. परिजनों ने बताया कि प्रिंस की तबियत खराब होने पर अगस्त माह की 22 तारीख को उक्त अस्पताल में इलाज के लिए उसे भर्ती कराया गया.

यहां 30 अगस्त को बच्चे को डॉक्टर ने ठीक करने की बात बताकर इलाज का खर्च एक लाख पचहत्तर हजार रुपये जमा करने को कहा. इसके लिए उन्होंने अपने खेत को बेचकर अस्पताल की फीस भरी. पोते को अस्पताल से डिस्चार्ज कराया. अस्पताल से डिस्चार्ज होते वक्त बच्चे को डॉक्टर द्वारा दी गयी सुई को रोज लगवाना था. इसके लिए उसे उसके ननिहाल मटियरवा भेज दिया गया.

यह भी पढ़ें : 14 साल पुराने छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने आरोपी को सुनाई सात साल की सजा

आज सूचना मिली कि इंजेक्शन लगाने अपने नानी के साथ आए प्रिंस की तबियत सुई लगने के बाद खराब हो गयी. उसे गोरखपुर के लिए रेफर किया गया. अस्पताल के एम्बुलेंस से जिला अस्पताल छोड़ एम्बुलेंस चालक इलाज की सारी रसीद लेकर निकल गया.

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने पोते प्रिंस को मृत घोषित कर दिया. आरोप लगाया कि अस्पताल की ओर उनके दिए हुए पैसों की भी कोई रसीद नहीं दी गयी. इलाज का पर्चा भी प्रिंस की मौत के बाद नहीं दिया गया.

मृत प्रिंस की नानी शोभा ने भी बताया कि अस्पताल के स्टाफ ने इंजेक्शन लगाया जिसके बाद बच्चे की तबीयत और खराब हो गयी. डॉक्टर ने उन्हें एंबुलेंस से गोरखपुर ले जाने की बात कहीं. एंबुलेंस चालक उन्हें गोरखपुर की जगह जिला अस्पताल छोड़कर फरार हो गया. यहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

निजी अस्पताल के स्टाफ द्वारा लगाई सुई से मासूम की मौत का आरोप, परिजनों ने किया प्रदर्शन

जब इस संबंध में निजी अस्पताल के डॉक्टर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे का इलाज पहले उनके यहां हुआ था. आज परिजन गंभीर हालत में बच्चे को लाए थे. वहां से उन्होंने गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. ये लोग उसे जिला अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत की बात पता चली. कहा कि पेमेंट पर्ची की बात गलत है. हमारे यहां से इलाज के तुरंत बाद इलाज के पेमेंट की पर्ची दी जाती है.

इस मामले में अस्पताल पहुंचे सीओ सदर संदीप वर्मा से इस मामले में बात करने की कोशिश की गई. उन्होंने बताया कि परिजनों ने किसी तरह की कोई तहरीर नहीं दी. अस्पताल पर विरोध की सूचना पर वे लोग पहुंचे. पर यहां कोई खास बात पता नहीं चली. यदि परिजनों द्वारा कोई तहरीर दी जाती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

कुशीनगर : जिले के पडरौना नगर में संचालित एक निजी अस्पताल के सामने कुछ लोगों ने डॉक्टरों की गलत सुई से मासूम की मौत का आरोप लगाया. इसके साथ ही बच्चे को जिंदा बताते हुए गोरखपुर रेफर करने और सभी बिल व पर्ची को गायब कर परिजनों को न देने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार देर शाम विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले में कोई भी तहरीर न मिलने की बात कहती नजर आई.

पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मुजाहिदा खास के रहने वाले जंत्रीप्रसाद ने पडरौना नगर में संचालित एक निजी अस्पताल के स्टाफ पर अपने एक माह के पोते प्रिंस की मौत का आरोप लगाया. वह परिजनों और मृत बच्चे के शव के साथ धरने पर बैठ गए. परिजनों ने बताया कि प्रिंस की तबियत खराब होने पर अगस्त माह की 22 तारीख को उक्त अस्पताल में इलाज के लिए उसे भर्ती कराया गया.

यहां 30 अगस्त को बच्चे को डॉक्टर ने ठीक करने की बात बताकर इलाज का खर्च एक लाख पचहत्तर हजार रुपये जमा करने को कहा. इसके लिए उन्होंने अपने खेत को बेचकर अस्पताल की फीस भरी. पोते को अस्पताल से डिस्चार्ज कराया. अस्पताल से डिस्चार्ज होते वक्त बच्चे को डॉक्टर द्वारा दी गयी सुई को रोज लगवाना था. इसके लिए उसे उसके ननिहाल मटियरवा भेज दिया गया.

यह भी पढ़ें : 14 साल पुराने छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने आरोपी को सुनाई सात साल की सजा

आज सूचना मिली कि इंजेक्शन लगाने अपने नानी के साथ आए प्रिंस की तबियत सुई लगने के बाद खराब हो गयी. उसे गोरखपुर के लिए रेफर किया गया. अस्पताल के एम्बुलेंस से जिला अस्पताल छोड़ एम्बुलेंस चालक इलाज की सारी रसीद लेकर निकल गया.

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने पोते प्रिंस को मृत घोषित कर दिया. आरोप लगाया कि अस्पताल की ओर उनके दिए हुए पैसों की भी कोई रसीद नहीं दी गयी. इलाज का पर्चा भी प्रिंस की मौत के बाद नहीं दिया गया.

मृत प्रिंस की नानी शोभा ने भी बताया कि अस्पताल के स्टाफ ने इंजेक्शन लगाया जिसके बाद बच्चे की तबीयत और खराब हो गयी. डॉक्टर ने उन्हें एंबुलेंस से गोरखपुर ले जाने की बात कहीं. एंबुलेंस चालक उन्हें गोरखपुर की जगह जिला अस्पताल छोड़कर फरार हो गया. यहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

निजी अस्पताल के स्टाफ द्वारा लगाई सुई से मासूम की मौत का आरोप, परिजनों ने किया प्रदर्शन

जब इस संबंध में निजी अस्पताल के डॉक्टर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे का इलाज पहले उनके यहां हुआ था. आज परिजन गंभीर हालत में बच्चे को लाए थे. वहां से उन्होंने गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. ये लोग उसे जिला अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत की बात पता चली. कहा कि पेमेंट पर्ची की बात गलत है. हमारे यहां से इलाज के तुरंत बाद इलाज के पेमेंट की पर्ची दी जाती है.

इस मामले में अस्पताल पहुंचे सीओ सदर संदीप वर्मा से इस मामले में बात करने की कोशिश की गई. उन्होंने बताया कि परिजनों ने किसी तरह की कोई तहरीर नहीं दी. अस्पताल पर विरोध की सूचना पर वे लोग पहुंचे. पर यहां कोई खास बात पता नहीं चली. यदि परिजनों द्वारा कोई तहरीर दी जाती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

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