कुशीनगर: जिले के तहसील खड्डा क्षेत्र में बनाई गई वृहद गौशाला का अपर जिला अधिकारी देवी दयाल वर्मा ने मंगलवार को निरीक्षण किया. निरीक्षण में चार गोवंशीय पशु गंभीर रूप से बीमार मिले. 126 पशुओं की टैगिंग नहीं हो सकी. एडीएम ने पशुओं की टैगिंग कराने के निर्देश दिए. इस दौरान एडीएम ने बाउंड्रीवॉल के चारों तरफ लगी जालियों की जर्जर स्थिति और टूटे स्थानों को ठीक कराने की भी बात कही. हरे चारे की बोआई के लिए जिम्मेदारों को निर्देश दिए.
आवारा गोवंशीय पशुओं की देख-रेख के लिए कुशीनगर जिला प्रशासन से संचालित वृहद गौशाला का अपर जिलाधिकारी देवी दयाल वर्मा ने औचक निरीक्षण किया. खड्डा तहसील के कोप जंगल में बनी वृहद गौशाला में निरीक्षण कर उन्होंने बताया कि त्योहारों को देखते हुए अक्सर जिम्मेदारों से लापरवाही बरतने की संभावना बढ़ जाती है. इसी को देखते हुए वृहद गो आश्रय स्थल कोप जंगल का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण में मौके पर 4 गोवंश गंभीर रूप से बीमार थे, जिनका इलाज चल रहा है. मौके पर 601 पशु पाए गए. जिनमें 425 पशुओं की टैगिंग हुई है. जबकि, 126 गोवंश की टैगिंग अभियान चलाकर कराई जानी है.
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मौके पर भूसे का अनुमानित स्टॉक 100 क्विंटल था, जबकि प्रतिदिन हरा चारा और भूसा मिलाकर 40 क्विंटल की खपत है. पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था संतोषजनक थी. सफाई व्यवस्था में कुछ लापरवाही दिखी. इस पर ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए गए. गौशाला की बाउंड्रीवॉल के चारों ओर लगी जाली जर्जर और कई जगह से टूटी हुई थी, जिससे कुत्ते और अन्य जंगली जानवर घुस आते हैं और गोवंश को क्षति पहुंचाते हैं. इसकी एक सप्ताह में मरम्मत कराने को कहा गया है. आगामी जाड़े के मौसम को देखते हुए पशुओं को शीत से बचाने के लिए तत्काल तैयारी करने के निर्देश दिए गए.
वृहद गौ आश्रय स्थल पर 7 पशु चिकित्सा अधिकारी और पशुधन प्रसार अधिकारी हैं. जिनकी बारी-बारी से ड्यूटी लगती है. जिम्मेदारों ने बताया कि इसके लिए 5 एकड़ का क्षेत्र हरे चारे को चिह्नित किया गया है. उसमें ध्यान फाउंडेशन के हरे चारे की तैयारी के लिए अभी से बुवाई करने का निर्देश दिया गया है. निरीक्षण के समय भूषण, गोवर्धन,शंभू, गोविंद, विभा देवी और अजय कुमार यादव प्रशिक्षु व लेखपाल अभिमन्यु मिश्रा मौजूद थे.
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