कौशांबी: कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद प्रदेश सरकार के रोजगार देने के दावे के बीच महिला हेल्पलाइन चलाने वाली आशा ज्योति केंद्र की महिलाएं बेराजगार हो गई हैं. प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई 181 हेल्पलाइन सेवा अधिकारियों की लापरवाही के कारण बंद हो गई है. हेल्पलाइन में काम करने वाली महिलाओं ने सीएम योगी को पत्र लिखकर हेल्पलाइन को शुरू करने की मांग की है.
इस सुविधा के तहत कौशांबी जिले में 4 प्रशिक्षित महिलाओं की तैनाती की गई और उन्हें आवागमन के लिए वाहन की सुविधा भी मुहैया कराई गई. हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक जिले में 747 महिलाओं की मदद की जा चुकी है. केंद्र में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि पिछले 11 महीनों से वेतन नहीं मिला है. वहीं जब इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों से बात की जाती है, तो वे बहानेबाजी करते हैं. इतना ही नहीं कंपनी ने हेल्पलाइन बंद कर सभी को निकालने का नोटिस भी दे दिया है, लेकिन अभी तक बकाया वेतन नहीं दिया गया है.
वहीं नोटिस और बकाया वेतन नहीं मिलने के कारण महिलाएं काफी परेशान हैं. महिलाओं का आरोप है कि एक ओर सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात करती है. वहीं दूसरी ओर कोरोना संकट में बेरोजगार किया जा रहा है. आशा ज्योति केंद्र से न्याय पाने वाली महिलाओं और उनके अभिभावकों ने भी सरकार से हेल्पलाइन को शुरू करने की मांग की है.