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कोरोना संकट: महिला हेल्पलाइन नंबर 181 बंद, 11 माह से नहीं मिला वेतन - women helpline number 181

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में कोरोना संकट में आशा ज्योति केंद्र की महिलाएं बेरोजगार हो गई हैं. महिलाएं प्रदेश सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन नंबर 181 में काम करती थी, जिसका संचालन एक निजी कंपनी करती थी. कंपनी ने महिलाओं को पिछले 11 माह से वेतन नहीं दिया है.

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महिला हेल्पलाइन नंबर 181 बंद.
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Published : Jun 14, 2020, 10:17 PM IST

कौशांबी: कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद प्रदेश सरकार के रोजगार देने के दावे के बीच महिला हेल्पलाइन चलाने वाली आशा ज्योति केंद्र की महिलाएं बेराजगार हो गई हैं. प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई 181 हेल्पलाइन सेवा अधिकारियों की लापरवाही के कारण बंद हो गई है. हेल्पलाइन में काम करने वाली महिलाओं ने सीएम योगी को पत्र लिखकर हेल्पलाइन को शुरू करने की मांग की है.

महिला हेल्पलाइन नंबर 181 बंद होने से बेरोजगार हुई महिलाएं.
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 8 मार्च 2016 को महिला हेल्पलाइन नंबर 181 लांच किया था. प्रदेश सरकार के महिला एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की देखरेख में हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा था. सरकार ने 108 का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी को महिला हेल्पलाइन नंबर 181 के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी थी.


इस सुविधा के तहत कौशांबी जिले में 4 प्रशिक्षित महिलाओं की तैनाती की गई और उन्हें आवागमन के लिए वाहन की सुविधा भी मुहैया कराई गई. हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक जिले में 747 महिलाओं की मदद की जा चुकी है. केंद्र में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि पिछले 11 महीनों से वेतन नहीं मिला है. वहीं जब इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों से बात की जाती है, तो वे बहानेबाजी करते हैं. इतना ही नहीं कंपनी ने हेल्पलाइन बंद कर सभी को निकालने का नोटिस भी दे दिया है, लेकिन अभी तक बकाया वेतन नहीं दिया गया है.

वहीं नोटिस और बकाया वेतन नहीं मिलने के कारण महिलाएं काफी परेशान हैं. महिलाओं का आरोप है कि एक ओर सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात करती है. वहीं दूसरी ओर कोरोना संकट में बेरोजगार किया जा रहा है. आशा ज्योति केंद्र से न्याय पाने वाली महिलाओं और उनके अभिभावकों ने भी सरकार से हेल्पलाइन को शुरू करने की मांग की है.

कौशांबी: कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के बाद प्रदेश सरकार के रोजगार देने के दावे के बीच महिला हेल्पलाइन चलाने वाली आशा ज्योति केंद्र की महिलाएं बेराजगार हो गई हैं. प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई 181 हेल्पलाइन सेवा अधिकारियों की लापरवाही के कारण बंद हो गई है. हेल्पलाइन में काम करने वाली महिलाओं ने सीएम योगी को पत्र लिखकर हेल्पलाइन को शुरू करने की मांग की है.

महिला हेल्पलाइन नंबर 181 बंद होने से बेरोजगार हुई महिलाएं.
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 8 मार्च 2016 को महिला हेल्पलाइन नंबर 181 लांच किया था. प्रदेश सरकार के महिला एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की देखरेख में हेल्पलाइन का संचालन किया जा रहा था. सरकार ने 108 का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी को महिला हेल्पलाइन नंबर 181 के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी थी.


इस सुविधा के तहत कौशांबी जिले में 4 प्रशिक्षित महिलाओं की तैनाती की गई और उन्हें आवागमन के लिए वाहन की सुविधा भी मुहैया कराई गई. हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक जिले में 747 महिलाओं की मदद की जा चुकी है. केंद्र में काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि पिछले 11 महीनों से वेतन नहीं मिला है. वहीं जब इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों से बात की जाती है, तो वे बहानेबाजी करते हैं. इतना ही नहीं कंपनी ने हेल्पलाइन बंद कर सभी को निकालने का नोटिस भी दे दिया है, लेकिन अभी तक बकाया वेतन नहीं दिया गया है.

वहीं नोटिस और बकाया वेतन नहीं मिलने के कारण महिलाएं काफी परेशान हैं. महिलाओं का आरोप है कि एक ओर सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात करती है. वहीं दूसरी ओर कोरोना संकट में बेरोजगार किया जा रहा है. आशा ज्योति केंद्र से न्याय पाने वाली महिलाओं और उनके अभिभावकों ने भी सरकार से हेल्पलाइन को शुरू करने की मांग की है.

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