ETV Bharat / state

'आयुष्मान भारत योजना' ने बुजुर्ग को दिखाई जीने की राह, हुआ सफल कूल्हा प्रत्यारोपण

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत दिव्यांग बुजुर्ग का सफल कूल्हा प्रत्यारोपण ऑपरेशन किया गया. इस पूरी प्रक्रिया में सारा खर्चा 'आयुष्मान भारत योजना' के अंतर्गत निशुल्क हुआ है.

author img

By

Published : Jan 30, 2020, 2:41 AM IST

ETV Bharat
बुजुर्ग सुंदरलाल.

कौशांबी: करंट लगने से दिव्यांग हो चुके जिले के रहने वाले एक गरीब परिवार के बुजुर्ग को फिर से जीने की राह मिली है. 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत बुजुर्ग के कूल्हे का ऑपरेशन किया गया. कूल्हे की हड्डी का सफल ऑपरेशन होने के बाद दिव्यांग बुजुर्ग फिर से चलने-फिरने लगा. बुजुर्ग ने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है.

जानकारी देते डॉक्टर.

दरअसल, मामला सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव निवासी बुजुर्ग सुंदरलाल का है. बता दें कि सुंदरलाल तीन साल पहले करंट की चपेट में आ गए थे, जिसकी वजह से धीरे-धीरे सुंरदलाल के पैर ने काम करना बंद कर दिया और वह दिव्यांग हो गए. सुंदरलाल ने अस्पतालों में दिखाया, लेकिन पैसों के अभाव में अच्छे अस्पताल में नहीं दिखा सके.

'आयुष्मान भारत योजना' ने बांधी उम्मीद
इसी बीच सुंदरलाल को 'आयुष्मान भारत योजना' का कार्ड मिल गया. इसके बाद सुंदरलाल की मुलाकात डॉ. विकास केसरवानी से हुई, जो राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हड्डी जोड़ एवं स्पाइन रोग विशेषज्ञ रह चुके हैं. डॉ. विकास ने जांच कराई तो पता चला कि उनके कूल्हे की नस सूख रही है. सुंदरलाल का गोल्डन कार्ड बना होने के कारण 'आयुष्मान भारत योजना' के पैनल में शामिल लवकुश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां कूल्हे का ऑपरेशन डॉ. विकास ने किया. ऑपरेशन के बाद सुंदरलाल के कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया. सुंदरलाल अब अपने पैरों में चलते-फिरते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में खर्चा लगभग 75,000 रुपये आया, जो कि 'आयुष्मान भारत योजना' के अंतर्गत निशुल्क हुआ.

इसे भी पढ़ें-सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां

सुंदरलाल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया. इसका सारा खर्च 'आयुष्मान भारत योजना' के अंतर्गत उन्हें मिला है. अब वह चल फिर सकते हैं. कौशांबी जिले में यह पहला कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन हुआ है.
-लवकुश मौर्य, प्रबंधक लवकुश हॉस्पिटल

कौशांबी: करंट लगने से दिव्यांग हो चुके जिले के रहने वाले एक गरीब परिवार के बुजुर्ग को फिर से जीने की राह मिली है. 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत बुजुर्ग के कूल्हे का ऑपरेशन किया गया. कूल्हे की हड्डी का सफल ऑपरेशन होने के बाद दिव्यांग बुजुर्ग फिर से चलने-फिरने लगा. बुजुर्ग ने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है.

जानकारी देते डॉक्टर.

दरअसल, मामला सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव निवासी बुजुर्ग सुंदरलाल का है. बता दें कि सुंदरलाल तीन साल पहले करंट की चपेट में आ गए थे, जिसकी वजह से धीरे-धीरे सुंरदलाल के पैर ने काम करना बंद कर दिया और वह दिव्यांग हो गए. सुंदरलाल ने अस्पतालों में दिखाया, लेकिन पैसों के अभाव में अच्छे अस्पताल में नहीं दिखा सके.

'आयुष्मान भारत योजना' ने बांधी उम्मीद
इसी बीच सुंदरलाल को 'आयुष्मान भारत योजना' का कार्ड मिल गया. इसके बाद सुंदरलाल की मुलाकात डॉ. विकास केसरवानी से हुई, जो राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हड्डी जोड़ एवं स्पाइन रोग विशेषज्ञ रह चुके हैं. डॉ. विकास ने जांच कराई तो पता चला कि उनके कूल्हे की नस सूख रही है. सुंदरलाल का गोल्डन कार्ड बना होने के कारण 'आयुष्मान भारत योजना' के पैनल में शामिल लवकुश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां कूल्हे का ऑपरेशन डॉ. विकास ने किया. ऑपरेशन के बाद सुंदरलाल के कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया. सुंदरलाल अब अपने पैरों में चलते-फिरते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में खर्चा लगभग 75,000 रुपये आया, जो कि 'आयुष्मान भारत योजना' के अंतर्गत निशुल्क हुआ.

इसे भी पढ़ें-सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां

सुंदरलाल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया. इसका सारा खर्च 'आयुष्मान भारत योजना' के अंतर्गत उन्हें मिला है. अब वह चल फिर सकते हैं. कौशांबी जिले में यह पहला कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन हुआ है.
-लवकुश मौर्य, प्रबंधक लवकुश हॉस्पिटल

Intro:कौशांबी जिले में करंट से अपाहिज हो चुके बुजुर्ग को फिर से जीने की राह मिल गई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत एक गरीब परिवार के बुजुर्ग का कूल्हे के ऑपरेशन के बाद चलने फिरने में समर्थ हुआ है। यह ऑपरेशन एक निजी हॉस्पिटल में हुआ। कूल्हे की हड्डी का सफल ऑपरेशन के बाद अपाहिज बुजुर्ग वापस चलने फिरने लगा। जिसके बाद बुजुर्ग ने केंद्र की मोदी सरकार का शुक्रिया कहां है। वही कौशाम्बी जिले का यह पहला सफल कूल्हा प्रत्यारोपण ऑपरेशन हुआ है। इस अपने सफल ऑपरेशन के बाद लोगों को अब जिले के बाहर इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा।


Body:सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव निवासी सुंदरलाल को 3 साल पहले करंट लगा था। वह मरहम पट्टी करा रहा था। शुरु में इलाज के बाद तो कुछ दिन ठीक रहा, लेकिन धीरे-धीरे पर काम करना बंद कर दिया। जिससे वह अपाहिज हो गए। साथ ही पैरो में तेज दर्द भी होता था। सुंदरलाल ने अपने स्तर पर अस्पतालों में दिखाया लेकिन पैसों के अभाव में अच्छे अस्पताल में नहीं दिखा सके। जिसके कारण उन्हें आराम नहीं मिला। इसी बीच सुंदरलाल को आयुष्मान भारत का कार्ड मिल गया। जिसके बाद सुंदरलाल की मुलाकात डॉक्टर विकास केसरवानी से हुई। जो राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हड्डी जोड़ एवं स्पाइन रोग विशेषज्ञ रह चुके हैं। डॉक्टर विकास ने जांच कराया तो पता चला कि उनके कूल्हे की नस सुख रही है। सुंदर लाल का गोल्डन कार्ड बना होने के कारण आयुष्मान भारत योजना के पैनल में शामिल लव कुश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जिस का ऑपरेशन डॉक्टर विकास ने किया। ऑपरेशन के बाद सुंदरलाल के कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया। सुंदरलाल अब अपने पैरों में चलता फिरता है। इस पूरी प्रक्रिया में खर्चा लगभग ₹75000 आया जो कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत निशुल्क हुआ। आयुष्मान भारत की वजह से सुंदरलाल को जीने की नई उम्मीद मिली।

बाइट-- सुंदर लाल मरीज


Conclusion:डॉ विकास शंकर केसरवानी के मुताबिक सुंदर लाल काफी दिनों पहले करंट लगने की वजह से उसके कूल्हे की ब्लड की नसें सूख गई थी। जिससे हड्डियों में गड्ढे हो गए थे। उनका ऑपरेशन कर कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया। जिसके बाद अब वह चल फिर सकते हैं।

बाइट -- डॉ विकास शंकर केशरवानी ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर।

हॉस्पिटल के प्रबंधक लव-कुश मौर्य के मुताबिक सुंदरलाल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिनका कूल्हे का कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया। इसका सारा खर्च आयुष्मान भारत के अंतर्गत उन्हें मिला है। अब वह चल फिर सकते हैं। कौशांबी जिले में यह पहला कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन हुआ है।

बाइट -- लवकुश मौर्य प्रबंधक लवकुश हॉस्पिटल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.