कौशांबी: करंट लगने से दिव्यांग हो चुके जिले के रहने वाले एक गरीब परिवार के बुजुर्ग को फिर से जीने की राह मिली है. 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत बुजुर्ग के कूल्हे का ऑपरेशन किया गया. कूल्हे की हड्डी का सफल ऑपरेशन होने के बाद दिव्यांग बुजुर्ग फिर से चलने-फिरने लगा. बुजुर्ग ने इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
दरअसल, मामला सिराथू तहसील के मलाकसद्दी गांव निवासी बुजुर्ग सुंदरलाल का है. बता दें कि सुंदरलाल तीन साल पहले करंट की चपेट में आ गए थे, जिसकी वजह से धीरे-धीरे सुंरदलाल के पैर ने काम करना बंद कर दिया और वह दिव्यांग हो गए. सुंदरलाल ने अस्पतालों में दिखाया, लेकिन पैसों के अभाव में अच्छे अस्पताल में नहीं दिखा सके.
'आयुष्मान भारत योजना' ने बांधी उम्मीद
इसी बीच सुंदरलाल को 'आयुष्मान भारत योजना' का कार्ड मिल गया. इसके बाद सुंदरलाल की मुलाकात डॉ. विकास केसरवानी से हुई, जो राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हड्डी जोड़ एवं स्पाइन रोग विशेषज्ञ रह चुके हैं. डॉ. विकास ने जांच कराई तो पता चला कि उनके कूल्हे की नस सूख रही है. सुंदरलाल का गोल्डन कार्ड बना होने के कारण 'आयुष्मान भारत योजना' के पैनल में शामिल लवकुश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां कूल्हे का ऑपरेशन डॉ. विकास ने किया. ऑपरेशन के बाद सुंदरलाल के कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया. सुंदरलाल अब अपने पैरों में चलते-फिरते हैं. इस पूरी प्रक्रिया में खर्चा लगभग 75,000 रुपये आया, जो कि 'आयुष्मान भारत योजना' के अंतर्गत निशुल्क हुआ.
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सुंदरलाल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया. इसका सारा खर्च 'आयुष्मान भारत योजना' के अंतर्गत उन्हें मिला है. अब वह चल फिर सकते हैं. कौशांबी जिले में यह पहला कूल्हा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन हुआ है.
-लवकुश मौर्य, प्रबंधक लवकुश हॉस्पिटल