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जांच रिपोर्ट में देरी पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण ने जतायी नाराजगी - कौशाम्बी का समाचार

कौशाम्बी के पिपरी इलाके के निजी मेडिकल कॉलेज के गेट पर तीन साल की मासूम की मौत के बाद जांच रिपोर्ट न आने पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नाराजगी जतायी है. प्रयागराज की मासूम की मौत को करीब तीन दिन बीत चुके हैं.

जांच रिपोर्ट में देरी पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण ने जतायी नाराजगी
जांच रिपोर्ट में देरी पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण ने जतायी नाराजगी
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Published : Mar 9, 2021, 9:23 AM IST

Updated : Mar 9, 2021, 10:06 AM IST

कौशाम्बीः जिले की पिपरी इलाके के निजी मेडिकल कॉलेज के गेट पर प्रयागराज की मासूम खुशी की मौत हो गयी थी. मासूम की मौत के करीब 3 दिन बीत गये, लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नाराजगी बतायी है. आयोग की सदस्य डॉक्टर नीता साहू ने कहा कि इस मामले में सरकार किसी भी दोषी पाये जाने वाले को छोड़ेगी नहीं. तीन साल की खुशी की जिंदगी जिसकी लापरवाही से गयी, उसे सजा जरूर मिलेगी. वहीं मामले की जांच करने वाले दो सदस्यीय कमेटी ने समय से जांच पूरी कर रिपोर्ट न देने की शिकायत भी उन्होंने आयोग के अध्यक्ष से कर दी है.

रिपोर्ट में देरी पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण ने जतायी नाराजगी

जांच रिपोर्ट में देरी और लापरवाही पर जताई नाराजगी

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉक्टर नीता साहू ने कहा कि डीएम ने 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. इसके बावजूद जांच रिपोर्ट आने में देरी होने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने में देर होना साबित करता है कि अफसर मामले को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि जांच करने वाले अफसर रिपोर्ट देने में देर कर सकते हैं. लेकिन कोई भी किसी दोषी को बचा नहीं सकता है. इसके साथ ही उनका कहना है कि अफसरों से जांच में देरी होने की वजह पता कर जल्द ही रिपोर्ट देने के लिए आयोग की ओर से अफसरों को निर्देश दिया जायेगा. इस मामले के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए आयोग के अध्यक्ष को भी डॉक्टर नीता साहू पत्र लिखेंगी.

ये है पूरा मामला

बीते शुक्रवार को कौशाम्बी के पिपरी इलाके में अस्पताल के गेट पर इलाज के अभाव में तीन साल की मासूम ने दम तोड़ दिया था. प्रयागराज के करेंहदा इलाके में रहने वाले मुकेश का आरोप है कि निजी मेडिकल कॉलेज यूनाइटेड मेडिसिटी में उनकी बेटी का इलाज दो हफ्ते से ज्यादा समय तक हुआ था. अस्पताल में पीडियाट्रिक सर्जन न होने के बावजूद उनकी मासूम बच्ची की दो बार सर्जरी की गयी थी. इसके बाद भी जब बच्ची की हालत नहीं सुधरी तो उसे दूसरे हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन दूसरे अस्पतालों ने लड़की की गंभीर हालत देखकर हाथ खड़े कर दिये. जिसके बाद परिजन मासूम को लेकर एक बार यूनाइटेड मेडिसिटी पहुंचे. जहां उनको बच्ची को लेकर निजी मेडिकल कॉलेज में घुसने भी नहीं दिया गया. जिसके बाद अस्पताल के गेट पर ही बच्ची ने तड़प कर दम तोड़ दिया. इस दौरान बच्ची के परिजनों ने तड़पती हुई बच्ची का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वॉयरल कर दिया. जिसमें उन लोगों ने दिखाया कि किस तरह से अस्पताल ने बच्ची के खुले घाव के साथ उन्हें बाहर कर दिया था.

वीडियो वॉरल होने पर प्रशासन ने दिये थे जांच के आदेश

शुक्रवार को हुई इस घटना का वीडियो वॉयरल होने के बाद डीएम प्रयागराज भानु चंद्र गोस्वामी ने मामले की जांच के लिए एडीएम और सीएमओ की जांच कमेटी बनाकर 24 घंटे में जांच करने का आदेश दिया था. लेकिन जांच आदेश के तीसरे दिन भी रिपोर्ट नहीं आ सकी है. जिसको लेकर अब जांच कमेटी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. जांच में देरी कर लीपापोती करने का आरोप लगाया जा रहा है. वहीं जांच रिपोर्ट आने में देर होने पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने भी नाराज़गी जाहिर करते हुए जांच में लापरवाही की बात कही है.

मासूम के इंसाफ के लिए आंदोलन करेगी एसपी

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सर्किट हाउस में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य नीता साहू को ज्ञापन दिया. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह व पूर्व उपाध्यक्ष अदील हमज़ा ने ज्ञापन देकर निजी मेडिकल कॉलेज पर कार्रवाई की मांग की. सपा नेताओं ने आयोग की सदस्य को बताया कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से मासूम बच्ची की जान चली गयी है. क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने पीडियाट्रिक सर्जन न होने के बावजूद दो बार बच्ची का ऑपरेशन अस्पताल में किया है. दो बार बच्ची का ऑपरेशन न करने पर भी उसे लाभ नहीं मिला तो निजी मेडिकल कॉलेज ने बच्ची को किसी दूसरे अस्पताल ले जाने को कह दिया. वहीं दूसरे हॉस्पिटल में भी बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसका इलाज नहीं कर पाए तो माता पिता फिर से लेकर बच्ची को निजी मेडिकल कॉलेज ले गए. लेकिन यूनाइटेड मेडिसिटी ने इस बार बच्ची को हॉस्पिटल में घुसने भी नहीं दिया गया. जिसके बाद घंटो तड़पने के बाद बच्ची ने अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया था. अब समाजवादी छात्र सभा के छात्रों और सपा नेताओं ने आयोग की सदस्य को ज्ञापन देकर कार्रवाई किये जाने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि मासूम की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं की गयी तो मासूम को इंसाफ दिलाने के लिए सपाई सड़कों पर आंदोलन करेंगे.

कौशाम्बीः जिले की पिपरी इलाके के निजी मेडिकल कॉलेज के गेट पर प्रयागराज की मासूम खुशी की मौत हो गयी थी. मासूम की मौत के करीब 3 दिन बीत गये, लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नाराजगी बतायी है. आयोग की सदस्य डॉक्टर नीता साहू ने कहा कि इस मामले में सरकार किसी भी दोषी पाये जाने वाले को छोड़ेगी नहीं. तीन साल की खुशी की जिंदगी जिसकी लापरवाही से गयी, उसे सजा जरूर मिलेगी. वहीं मामले की जांच करने वाले दो सदस्यीय कमेटी ने समय से जांच पूरी कर रिपोर्ट न देने की शिकायत भी उन्होंने आयोग के अध्यक्ष से कर दी है.

रिपोर्ट में देरी पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण ने जतायी नाराजगी

जांच रिपोर्ट में देरी और लापरवाही पर जताई नाराजगी

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉक्टर नीता साहू ने कहा कि डीएम ने 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था. इसके बावजूद जांच रिपोर्ट आने में देरी होने पर नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने में देर होना साबित करता है कि अफसर मामले को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं. उनका ये भी कहना है कि जांच करने वाले अफसर रिपोर्ट देने में देर कर सकते हैं. लेकिन कोई भी किसी दोषी को बचा नहीं सकता है. इसके साथ ही उनका कहना है कि अफसरों से जांच में देरी होने की वजह पता कर जल्द ही रिपोर्ट देने के लिए आयोग की ओर से अफसरों को निर्देश दिया जायेगा. इस मामले के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए आयोग के अध्यक्ष को भी डॉक्टर नीता साहू पत्र लिखेंगी.

ये है पूरा मामला

बीते शुक्रवार को कौशाम्बी के पिपरी इलाके में अस्पताल के गेट पर इलाज के अभाव में तीन साल की मासूम ने दम तोड़ दिया था. प्रयागराज के करेंहदा इलाके में रहने वाले मुकेश का आरोप है कि निजी मेडिकल कॉलेज यूनाइटेड मेडिसिटी में उनकी बेटी का इलाज दो हफ्ते से ज्यादा समय तक हुआ था. अस्पताल में पीडियाट्रिक सर्जन न होने के बावजूद उनकी मासूम बच्ची की दो बार सर्जरी की गयी थी. इसके बाद भी जब बच्ची की हालत नहीं सुधरी तो उसे दूसरे हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन दूसरे अस्पतालों ने लड़की की गंभीर हालत देखकर हाथ खड़े कर दिये. जिसके बाद परिजन मासूम को लेकर एक बार यूनाइटेड मेडिसिटी पहुंचे. जहां उनको बच्ची को लेकर निजी मेडिकल कॉलेज में घुसने भी नहीं दिया गया. जिसके बाद अस्पताल के गेट पर ही बच्ची ने तड़प कर दम तोड़ दिया. इस दौरान बच्ची के परिजनों ने तड़पती हुई बच्ची का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वॉयरल कर दिया. जिसमें उन लोगों ने दिखाया कि किस तरह से अस्पताल ने बच्ची के खुले घाव के साथ उन्हें बाहर कर दिया था.

वीडियो वॉरल होने पर प्रशासन ने दिये थे जांच के आदेश

शुक्रवार को हुई इस घटना का वीडियो वॉयरल होने के बाद डीएम प्रयागराज भानु चंद्र गोस्वामी ने मामले की जांच के लिए एडीएम और सीएमओ की जांच कमेटी बनाकर 24 घंटे में जांच करने का आदेश दिया था. लेकिन जांच आदेश के तीसरे दिन भी रिपोर्ट नहीं आ सकी है. जिसको लेकर अब जांच कमेटी पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. जांच में देरी कर लीपापोती करने का आरोप लगाया जा रहा है. वहीं जांच रिपोर्ट आने में देर होने पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने भी नाराज़गी जाहिर करते हुए जांच में लापरवाही की बात कही है.

मासूम के इंसाफ के लिए आंदोलन करेगी एसपी

समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सर्किट हाउस में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य नीता साहू को ज्ञापन दिया. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह व पूर्व उपाध्यक्ष अदील हमज़ा ने ज्ञापन देकर निजी मेडिकल कॉलेज पर कार्रवाई की मांग की. सपा नेताओं ने आयोग की सदस्य को बताया कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से मासूम बच्ची की जान चली गयी है. क्योंकि अस्पताल प्रशासन ने पीडियाट्रिक सर्जन न होने के बावजूद दो बार बच्ची का ऑपरेशन अस्पताल में किया है. दो बार बच्ची का ऑपरेशन न करने पर भी उसे लाभ नहीं मिला तो निजी मेडिकल कॉलेज ने बच्ची को किसी दूसरे अस्पताल ले जाने को कह दिया. वहीं दूसरे हॉस्पिटल में भी बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसका इलाज नहीं कर पाए तो माता पिता फिर से लेकर बच्ची को निजी मेडिकल कॉलेज ले गए. लेकिन यूनाइटेड मेडिसिटी ने इस बार बच्ची को हॉस्पिटल में घुसने भी नहीं दिया गया. जिसके बाद घंटो तड़पने के बाद बच्ची ने अस्पताल के बाहर ही दम तोड़ दिया था. अब समाजवादी छात्र सभा के छात्रों और सपा नेताओं ने आयोग की सदस्य को ज्ञापन देकर कार्रवाई किये जाने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि मासूम की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं की गयी तो मासूम को इंसाफ दिलाने के लिए सपाई सड़कों पर आंदोलन करेंगे.

Last Updated : Mar 9, 2021, 10:06 AM IST
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