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कौशांबी: अफवाहों के चलते खुली दुकानें, बंद कराने में घंटों परेशान रही पुलिस

कौशांबी जिले मंझनपुर में लोगों के बीच एक फॉर्म की वजह से भ्रम फैल गया. इस भ्रम के चलते दुकानदारों ने मार्केट की सभी दुकानें खोल दीं. सूचना पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दुकानों को बंद करवाया.

पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दुकानों को बंद करवाया.
पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दुकानों को बंद करवाया.
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Published : May 7, 2020, 6:49 PM IST

कौशांबी: लॉकडाउन के बीच कई जगह पर व्यापारियों को सरकार ने जरूरी दुकान खोलने की अनुमति दी है. बताया जा रहा है कि कौशांबी जिले में बुधवार को व्यापार मंडल ने दुकानदारों से फॉर्म भरवाया, जिसमें कुछ शर्तों के साथ दुकान खोलने की अनुमति दी गई थी.

उस फॉर्म पर उप जिलाधिकारी के सिग्नेचर (हस्ताक्षर) और मोहर भी थे. अनुमति मिलने के बाद गुरुवार को मुख्यालय की ज्यादातर दुकानें खुल गईं. अचानक पुलिस दुकानें बंद करवाने लगी और लोगों से एसडीएम की मोहर साइन वाले फॉर्म को भी वापस ले लिया. एसडीएम की मोहर और साइन वाले फॉर्म लोगों को मिले कैसे इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

मंझनपुर में लोगों में फैला भ्रम
जिला मुख्यालय मंझनपुर में लोगों में भ्रम फैल गया. इस भ्रम के चलते लोगों ने मार्केट की सभी दुकानें खोल दीं, जिसके चलते मार्केट में लंबे समय के बाद खुली दुकानें देख लोगों की भीड़ लगने लगी. मामले की जानकारी जैसे ही जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को हुई उन्होंने तुरंत पुलिस को निर्देश दिया कि वह दुकान बंद कराएं.

दुकान बंद कराने पहुंची पुलिस को दुकानदारों ने एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा के स्टोनो द्वारा दिए गए फॉर्म को दिखाना शुरू किया. इसके बाद पुलिस ने दुकानदारों से उन फॉर्म को वापस ले लिया. लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें यह फॉर्म मंझनपुर के एसडीएम राजेश चंदा के स्टोनो से मिले हैं.

एसडीएम मंझनपुर की मोहर के साथ सिग्नेचर
इस फार्म पर एसडीएम मंझनपुर की मोहर के साथ सिग्नेचर भी थे, जिसके बाद पुलिस घंटों हलकान रही और मार्केट की सभी दुकानों को बंद करा दिया. केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को 6:00 बजे तक खोलने का आदेश दिया. इस पूरे मामले में जिले के आलाधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते रहे.

कौशांबी: लॉकडाउन के बीच कई जगह पर व्यापारियों को सरकार ने जरूरी दुकान खोलने की अनुमति दी है. बताया जा रहा है कि कौशांबी जिले में बुधवार को व्यापार मंडल ने दुकानदारों से फॉर्म भरवाया, जिसमें कुछ शर्तों के साथ दुकान खोलने की अनुमति दी गई थी.

उस फॉर्म पर उप जिलाधिकारी के सिग्नेचर (हस्ताक्षर) और मोहर भी थे. अनुमति मिलने के बाद गुरुवार को मुख्यालय की ज्यादातर दुकानें खुल गईं. अचानक पुलिस दुकानें बंद करवाने लगी और लोगों से एसडीएम की मोहर साइन वाले फॉर्म को भी वापस ले लिया. एसडीएम की मोहर और साइन वाले फॉर्म लोगों को मिले कैसे इस बारे में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

मंझनपुर में लोगों में फैला भ्रम
जिला मुख्यालय मंझनपुर में लोगों में भ्रम फैल गया. इस भ्रम के चलते लोगों ने मार्केट की सभी दुकानें खोल दीं, जिसके चलते मार्केट में लंबे समय के बाद खुली दुकानें देख लोगों की भीड़ लगने लगी. मामले की जानकारी जैसे ही जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को हुई उन्होंने तुरंत पुलिस को निर्देश दिया कि वह दुकान बंद कराएं.

दुकान बंद कराने पहुंची पुलिस को दुकानदारों ने एसडीएम मंझनपुर राजेश चंद्रा के स्टोनो द्वारा दिए गए फॉर्म को दिखाना शुरू किया. इसके बाद पुलिस ने दुकानदारों से उन फॉर्म को वापस ले लिया. लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें यह फॉर्म मंझनपुर के एसडीएम राजेश चंदा के स्टोनो से मिले हैं.

एसडीएम मंझनपुर की मोहर के साथ सिग्नेचर
इस फार्म पर एसडीएम मंझनपुर की मोहर के साथ सिग्नेचर भी थे, जिसके बाद पुलिस घंटों हलकान रही और मार्केट की सभी दुकानों को बंद करा दिया. केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को 6:00 बजे तक खोलने का आदेश दिया. इस पूरे मामले में जिले के आलाधिकारी कुछ भी बोलने से कतराते रहे.

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