ETV Bharat / state

गोवंश की मौत में दोषी पाए गए सचिव को किया गया निलंबित - गोवंश की मौत के दोषी सचिव को डीएम ने किया निलंबित

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में अस्थायी गोशाला में हुई गोवंशों की मौत के मामले में दोषियों पर कार्रवाई शुरु कर दी गई है. इस मामले में सचिव को निलंबित कर दिया गया है, जबकि प्रधान को सोकॉल नोटिस भेजकर डीएम ने जवाब मांगा है.

गोवंश की हुई मौत के मामले सचिव को किया गया निलंबित
author img

By

Published : Sep 6, 2019, 12:59 PM IST

कौशांबी: जिले की एक अस्थायी गोशाला में कुछ दिन पहले हुई गोवंश की मौत के मामले में दोषियों पर कार्यवाही शुरू हो गई है. गोवंश की मौत के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने पूरे मामले की जांच जिला विकास अधिकारी को दी थी. डीडीओ के जांच में प्रधान और ग्राम विकास सचिव दोषी पाये गए.

गोवंश की हुई मौत के मामले सचिव को किया गया निलंबित

मुख्य विकास अधिकारी ने डीडीओ की जांच पर दोषी पाए गए सचिव को सस्पेंड कर दिया है. वहीं प्रधान के मामले में जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की गई है. इस पर जिलाधिकारी ने प्रधान को सोकॉल नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. अधिकारियों का कहना है कि गोशालाओ में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

गोवंशों की देखरेख में लापरवाही करने वाले बक्शें नहीं जाएंगे

  • मामला बरौलहा गांव स्थित अस्थाई गोशाला में 57 मवेशी रखे गए थे.
  • इनमें से चार मवेशियों की कुछ दिन पहले खून की कमी के चलते मौत हो गई थी.
  • ग्राम निधि के खाते से पचास हजार रुपये मवेशी की देखरेख व खानपान के लिए जारी किए गए थे.
  • आरोप है कि बीमार पशुओं का इलाज नहीं कराया गया, जिस कारण गोवंश की मौत हो गई थी.
  • सीडीओ इंद्रसेन ने मामले की जांच डीडीओ से कराई तो मामला सही पाया गया.

सीडीओ के निर्देश पर डीपीआरओ गोपाल जी ओझा ने सचिव सुनील यादव को निलंबित कर दिया है. वहीं ग्राम प्रधान विमला पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिख अवगत कराया. जिलाधिकारी ने प्रधान को सोकॉल नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

बरौलहा गांव में एक अस्थाई गोशाला है. गोशाला में अनियमितता की डीडीओ द्वारा जांच की गई तो प्रधान व सचिव दोषी पाए गए. मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर सचिव को निलंबित कर दिया गया है. प्रधान पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को अवगत कराया गया. जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधान को सोकॉल नोटिस जारी की गई है.
-गोपाल जी ओझा, जिला पंचायती राज अधिकारी

कौशांबी: जिले की एक अस्थायी गोशाला में कुछ दिन पहले हुई गोवंश की मौत के मामले में दोषियों पर कार्यवाही शुरू हो गई है. गोवंश की मौत के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने पूरे मामले की जांच जिला विकास अधिकारी को दी थी. डीडीओ के जांच में प्रधान और ग्राम विकास सचिव दोषी पाये गए.

गोवंश की हुई मौत के मामले सचिव को किया गया निलंबित

मुख्य विकास अधिकारी ने डीडीओ की जांच पर दोषी पाए गए सचिव को सस्पेंड कर दिया है. वहीं प्रधान के मामले में जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की गई है. इस पर जिलाधिकारी ने प्रधान को सोकॉल नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. अधिकारियों का कहना है कि गोशालाओ में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

गोवंशों की देखरेख में लापरवाही करने वाले बक्शें नहीं जाएंगे

  • मामला बरौलहा गांव स्थित अस्थाई गोशाला में 57 मवेशी रखे गए थे.
  • इनमें से चार मवेशियों की कुछ दिन पहले खून की कमी के चलते मौत हो गई थी.
  • ग्राम निधि के खाते से पचास हजार रुपये मवेशी की देखरेख व खानपान के लिए जारी किए गए थे.
  • आरोप है कि बीमार पशुओं का इलाज नहीं कराया गया, जिस कारण गोवंश की मौत हो गई थी.
  • सीडीओ इंद्रसेन ने मामले की जांच डीडीओ से कराई तो मामला सही पाया गया.

सीडीओ के निर्देश पर डीपीआरओ गोपाल जी ओझा ने सचिव सुनील यादव को निलंबित कर दिया है. वहीं ग्राम प्रधान विमला पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिख अवगत कराया. जिलाधिकारी ने प्रधान को सोकॉल नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

बरौलहा गांव में एक अस्थाई गोशाला है. गोशाला में अनियमितता की डीडीओ द्वारा जांच की गई तो प्रधान व सचिव दोषी पाए गए. मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर सचिव को निलंबित कर दिया गया है. प्रधान पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को अवगत कराया गया. जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधान को सोकॉल नोटिस जारी की गई है.
-गोपाल जी ओझा, जिला पंचायती राज अधिकारी

Intro:कौशाम्बी जिले की एक अस्थायी गौशाला में कुछ दिन पहले हुई गौवंश की मौत के मामले में दोषियों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। गौवंश की मौत के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने पूरे मामले की जांच जिला विकास अधिकारी को दी थी। डीडीओ के जांच में प्रधान और ग्राम विकास सचिव दोषी पाये गये। मुख्य विकास अधिकारी ने डीडीओ की जांच पर दोषी पाए गए सचिव को सस्पेंड कर दिया है और प्रधान के मामले में जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित किया जिस पर जिलाधिकारी ने प्रधान को सो काल नोटिस भेज जवाब मांगा है। अधिकारियों का कहना है कि गौशालाओ में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही किया जाएगा। अधिकारियों की इस कार्यवाही से जिले के अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।


Body:मामला बरौलहा गांव स्थित अस्थाई गौशाला का है। जहां पर बरौलहा की गौशाला में 57 मवेशी रखे गए थे। इनमें से चार मवेशियों की कुछ दिन पहले मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि पशुओं में खून की कमी थी। ग्राम निधि के खाते से पचास हजार रुपए मवेशी की देखरेख व खानपान के लिए जारी किए गए थे। लेकिन बीमार पशुओं का इलाज नहीं कराया गया। जिससे गौवंश की मौत हो गई थी। गोवंश की मौत की खबर फैली तो प्रशासन हरकत में आया। सीडीओ इंद्रसेन ने मामले की जांच डीडीओ से कराई तो मामला सही पाया गया। इस पर सीडीओ के निर्देश पर जिला पंचायती राज अधिकारी गोपाल जी ओझा ने सचिव सुनील यादव को निलंबित कर दिया जबकि इसी मामले में ग्राम प्रधान विमला पर कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिख अवगत कराया। जिलाधिकारी ने प्रधान को सोकाल नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सही जवाब न मिलने पर प्रधान की निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। इसी के साथ अधिकारियों ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि गौशालाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


Conclusion:जिला पंचायती राज अधिकारी गोपाल जी ओझा के मुताबिक बरौलहा गांव में एक अस्थाई गौशाला है। गौशाला में अनियमितता की डीडीओ द्वारा जांच की गई तो प्रधान व सचिव दोषी पाए गए। मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर सचिव को निलंबित कर दिया गया है। प्रधान पर कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। जिस पर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधान को सोकॉल नोटिस जारी की गई है।

बाइट-- गोपाल जी ओझा जिला पंचायती राज अधिकारी कौशांबी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.