कौशांबी: जिले की एक अस्थायी गोशाला में कुछ दिन पहले हुई गोवंश की मौत के मामले में दोषियों पर कार्यवाही शुरू हो गई है. गोवंश की मौत के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने पूरे मामले की जांच जिला विकास अधिकारी को दी थी. डीडीओ के जांच में प्रधान और ग्राम विकास सचिव दोषी पाये गए.
मुख्य विकास अधिकारी ने डीडीओ की जांच पर दोषी पाए गए सचिव को सस्पेंड कर दिया है. वहीं प्रधान के मामले में जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की गई है. इस पर जिलाधिकारी ने प्रधान को सोकॉल नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. अधिकारियों का कहना है कि गोशालाओ में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
गोवंशों की देखरेख में लापरवाही करने वाले बक्शें नहीं जाएंगे
- मामला बरौलहा गांव स्थित अस्थाई गोशाला में 57 मवेशी रखे गए थे.
- इनमें से चार मवेशियों की कुछ दिन पहले खून की कमी के चलते मौत हो गई थी.
- ग्राम निधि के खाते से पचास हजार रुपये मवेशी की देखरेख व खानपान के लिए जारी किए गए थे.
- आरोप है कि बीमार पशुओं का इलाज नहीं कराया गया, जिस कारण गोवंश की मौत हो गई थी.
- सीडीओ इंद्रसेन ने मामले की जांच डीडीओ से कराई तो मामला सही पाया गया.
सीडीओ के निर्देश पर डीपीआरओ गोपाल जी ओझा ने सचिव सुनील यादव को निलंबित कर दिया है. वहीं ग्राम प्रधान विमला पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिख अवगत कराया. जिलाधिकारी ने प्रधान को सोकॉल नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
बरौलहा गांव में एक अस्थाई गोशाला है. गोशाला में अनियमितता की डीडीओ द्वारा जांच की गई तो प्रधान व सचिव दोषी पाए गए. मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर सचिव को निलंबित कर दिया गया है. प्रधान पर कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को अवगत कराया गया. जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधान को सोकॉल नोटिस जारी की गई है.
-गोपाल जी ओझा, जिला पंचायती राज अधिकारी