कौशाम्बी: सूबे की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम करने की बात कर रही है. वहीं सरकारी मुलाजिम सीएम के आदेशों को दरकिनार कर गलत तरीके से पैसे कमा रहे हैं. कौशांबी में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां लेखपाल पर ग्रामीणों ने कृषि के लिए ज़मीन पट्टा देने के नाम पर वसूली करने का आरोप लगाया. प्रथम दृष्टया मामला सही पाये जाने पर एसडीएम ने लेखपाल को सस्पेंड कर दिया है.
जनपद के चायल तहसील के गौहानी गांव में सूर्य नारायण मिश्रा लेखपाल के पद पर तैनात हैं. आरोप है कि लेखपाल ने ग्रामीणों से कृषि पट्टा के नाम लाखों रुपये ऐंठा था. काफी दिन तक आरोपी लेखपाल ने ग्रामीणों को कागज तैयार करने और लिखा पढ़ी करने के नाम पर टहलता रहा, लेकिन जब काफी दिन तक उन्हें पट्टा नहीं मिला तो ग्रामीणों ने चायल एसडीएम ज्योति मौर्या से शिकायत की.
ग्रामीणों से शिकायत मिलने के बाद एसडीएम ने प्राथमिक जांच कराई तो लेखपाल पर लगाए गए आरोप सच साबित हुए. एसडीएम ने भ्रष्टाचार में संलिप्त गौहानी गांव के लेखपाल सूर्य नारायण मिश्रा को सस्पेंड कर दिया और जांच नायब तहसीलदार को सौंपी है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपी लेखपाल पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
लेखपाल पर हुई कार्रवाई से चायल तहसील के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. एसडीएम ज्योति मौर्या ने बताया कि लेखपाल सूर्य नारायण मिश्रा के खिलाफ पट्टे के नाम पर पैसा लेने की शिकायत ग्रामीणों ने की थी. प्रथम दृष्टया आरोप सब सच साबित हुए. लेखपाल को सस्पेंड कर जांच नायब तहसीलदार को सौंपी गई है. उन्होंने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप यदि कोई भी कर्मचारी कार्य नहीं करेगा तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.