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कौशांबीः रक्षाबंधन पर कैदियों ने अपनी बहनों को दिए पौधे

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में जेल में बंद कैदियों ने रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने आईं बहनों को उपहार में फलदार वृक्ष दिया. शासन का मानना है कि इस कार्यक्रम के द्वारा महिलाओं में वृक्ष लगाने के प्रति झुकाव बढ़ेगा.

रक्षाबंधन पर कैदियों ने अपनी बहनों को दिए पौधे.
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Published : Aug 16, 2019, 2:31 AM IST

कौशांबीः जिला जेल में बंद कैदियों ने अपनी बहनों से राखी बंधवाकर उन्हें उपहार में कभी न खत्म होने वाला पौधा दिया. भाई के हाथों से पौधे के रूप में मिले उपहार को पाकर बहनें खुश दिख रहीं थीं. महिलाओं ने इस अनूठी मिसाल को सराहा और इन पौधों को भाई की यादगार बताया.

रक्षाबंधन पर कैदियों ने अपनी बहनों को दिए पौधे.


जेल में महिलाओं की भीड़

रक्षाबंधन के दिन कौशाम्बी जिला जेल में महिलाओं की काफी भीड़ रही. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए काफी उत्सुक दिख रहीं थी. जेल के अंदर पहुंचकर बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांध कर तिलक लगाया. इसके बदले में भाइयों ने उपहार के तौर पर अपनी बहनों को पौधा दिया. पौधा देने के बाद कैदियों ने अपनी बहनों से पौधा लगाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की अपील की.

गिफ्ट बहनों को हमेशा याद रहेगा

राखी बांधने के बदले में जेल में बंद बंदियों के हाथों बहनों को पौधे दिलवाकर पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया गया है. रक्षाबंधन के दिन बहनों को भेंट स्वरूप पौधा देकर हरियाली को बनाए रखने का भी संकल्प लिया गया. महिलाएं अपने भाइयों के द्वारा दिए गए उपहार को संभाल कर रखती हैं. इसीलिए वह इन पौधों को अपने घर में लगाएंगी, जिससे पर्यावरण को हरा-भरा बनेगा.

बीएस मुकुंद, जेल अधीक्षक

कौशांबीः जिला जेल में बंद कैदियों ने अपनी बहनों से राखी बंधवाकर उन्हें उपहार में कभी न खत्म होने वाला पौधा दिया. भाई के हाथों से पौधे के रूप में मिले उपहार को पाकर बहनें खुश दिख रहीं थीं. महिलाओं ने इस अनूठी मिसाल को सराहा और इन पौधों को भाई की यादगार बताया.

रक्षाबंधन पर कैदियों ने अपनी बहनों को दिए पौधे.


जेल में महिलाओं की भीड़

रक्षाबंधन के दिन कौशाम्बी जिला जेल में महिलाओं की काफी भीड़ रही. बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए काफी उत्सुक दिख रहीं थी. जेल के अंदर पहुंचकर बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांध कर तिलक लगाया. इसके बदले में भाइयों ने उपहार के तौर पर अपनी बहनों को पौधा दिया. पौधा देने के बाद कैदियों ने अपनी बहनों से पौधा लगाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की अपील की.

गिफ्ट बहनों को हमेशा याद रहेगा

राखी बांधने के बदले में जेल में बंद बंदियों के हाथों बहनों को पौधे दिलवाकर पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया गया है. रक्षाबंधन के दिन बहनों को भेंट स्वरूप पौधा देकर हरियाली को बनाए रखने का भी संकल्प लिया गया. महिलाएं अपने भाइयों के द्वारा दिए गए उपहार को संभाल कर रखती हैं. इसीलिए वह इन पौधों को अपने घर में लगाएंगी, जिससे पर्यावरण को हरा-भरा बनेगा.

बीएस मुकुंद, जेल अधीक्षक

Intro:उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला जेल में बंद कैदियों ने अपनी बहनों को एक अनोखा उपहार दिया। रक्षाबंधन के दिन जेल में बंद कैदियों ने राखी बांधने आई बहनों से राखी बंधवा कर उन्हें उपहार में फलदार वृक्ष दिया। भाइयों के हाथों से पौधे के रूप में मिले उपहार को पाकर महिलाएं खुश दिख रही थी। उन्होंने इस अनूठी मिसाल को सराहा और इन पौधों को भाई की यादगार बताया। जेल अधीक्षक ने छोटे बड़े पौधे को उपहार के तौर पर भेंट करवाया ताकि पर्यावरण के प्रति समाज को संदेश दिया जा सके। और दिन-ब-दिन दूषित होते जा रहे वातावरण को सुधारा जा सके। जेल अधीक्षक के मुताबिक महिलाएं अपने भाई से मिले उपहार को सहेज कर रखती हैं और वह इस पेड़ को भी अपने घरों में यादगार बनाने के लिए लगाएगी।


Body:रक्षाबंधन के दिन कौशाम्बी की जिला जेल में महिलाओं की काफी भीड़ रही। बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधने के लिए काफी उत्सुक दिख रही थी। जेल के अंदर पहुंचकर बहनों ने भाइयों की कलाई में राखी बांध का तिलक लगाएं। बदले में भाइयों ने उपहार के तौर पर अपनी बहनों को पौधा दिया। पौधा देने के बाद कैदियों ने अपनी बहनों से उसे लगाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की अपील की। राखी बांधने के बदले में भाइयों से उपहार में फलदार पौधे मिलने के बाद बहने खुश दिखी। उन्होंने इन पौधों को रोपित कर अपने सगे भाइयों जैसी सेवा करने का संकल्प भी लिया। जेल में अपने भाइयों से रखी बांधने आई बहनों को नगद रुपये की जगह पौधा दिए जाने पर लोगों ने इसकी सराहना की और कहा कि यह गिफ्ट हमेशा उन्हें याद रहेगा क्योंकि ये एक पेड़ के रूप में हमेशा उनके पास रहेगा।


बाइट-- संगीता देवी जेल में बंद कैदी को राखी बांधने वाली महिला


Conclusion:कौशांबी जिला जेल के जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद के मुताबिक जेल में बंद बंदियों के हाथों बहनों को पौधे दिलवाकर पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया गया है। रक्षाबंधन के पर्व के दिन बहनों को भेंट स्वरूप पौध देकर हरियाली को बनाए रखने का भी संकल्प लिया गया। महिलाएं अपने भाइयों के द्वारा दिया गया उपहार को संभाल कर रखती हैं इसीलिए वह या पेड़ अपने घर में लगाएंगी और इसे संभाल कर भी रखेंगी। जिसके साथ पर्यावरण को भी हरा-भरा बनाया जा सकेगा।

बाइट-- बीएस मुकुंद जेल अधीक्षक जिला कारागार कौशाम्बी
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