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योगी की कंबल योजना पर अधिकारी ग्रहण, तहसीलदार को डीएम हुक्म का इंतजार - कंबल वितरण योजना

उत्तर प्रदेश के कौशांबी में सीएम योगी की कंबल वितरण योजना की धज्जियां उड़ रही हैं. गरीबों का कहना है कि हमें कंबल देने के लिए यहां बुलाया जाता है और फिर कहते हैं कंबल नहीं हैं. डीएम की अनुमति के बाद कंबल बांटे जाएंगे.

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इंतजार के बाद भी नहीं मिला कंबल.
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Published : Dec 27, 2019, 7:57 PM IST

कौशांबी: प्रदेश की योगी सरकार ने गरीबों को सर्दी से बचाने के लिए कंबल वितरण योजना शुरू की. इस योजना के तहत सूबे के हर जिले में जरूरतमंदों को कंबल बांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं कौशांबी जिले के आलाधिकारी सरकार की इस योजना को पलीता लगा रहे हैं. दरअसल शुक्रवार को तहसील परिसर में गरीब कंबल की आस में घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन जिम्मेदारों ने कंबल न होने की बात कहकर उन्हें खाली हाथ लौटा दिया.

इंतजार के बाद भी नहीं मिला कंबल.

घंटों इंतजार, फिर भी नहीं मिला कंबल
मामाला मंझनपुर तहसील परिसर का है. तहसील परिसर में मौजूद लोगों का कहना है कि उन्हें कंबल देने के लिए बुलाया गया था. घंटों इंतजार करने के बाद भी कंबल नहीं होने की बात कहकर हमें वापस जाने को कहा गया है.

कंबल हैं लेकिन गरीबों को नहीं दे रहे
कंबल लेने तहसील पहुंचे वृद्ध विश्वनाथ का कहना है कि कंबल की आस में मैं तीन-चार दिन से आ रहा हूं. मेरे सामने कंबल आए हैं, लेकिन हमें कंबल नहीं दे रहे हैं और झूठ बोलकर वापस जाने को कह रहे हैं. तहसीलदार साहब कहते हैं कि डीएम का हुक्म मिले तो कंबल बांट दें.

जब कंबल नहीं थे तो हमें क्यों बुलाया
घंटों इंतजार के बाद भी कंबल न मिलने से नाराज सुमित्रा देवी ने कहा कि कंबल नहीं है, तो हमें इतनी सर्दी में क्यों बुलाया गया. हम भीषण सर्दी में अपने बच्चों को घर पर छोड़कर आए. यहां अलाव की भी व्यवस्था भी नहीं है. गम घंटों से यहां कंबल का इंतजार कर रहे हैं.

जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं
इस मामले पर ईटीवी भारत ने जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की. अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं हुए. उनका कहना है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, इसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है.

कौशांबी: प्रदेश की योगी सरकार ने गरीबों को सर्दी से बचाने के लिए कंबल वितरण योजना शुरू की. इस योजना के तहत सूबे के हर जिले में जरूरतमंदों को कंबल बांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं कौशांबी जिले के आलाधिकारी सरकार की इस योजना को पलीता लगा रहे हैं. दरअसल शुक्रवार को तहसील परिसर में गरीब कंबल की आस में घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन जिम्मेदारों ने कंबल न होने की बात कहकर उन्हें खाली हाथ लौटा दिया.

इंतजार के बाद भी नहीं मिला कंबल.

घंटों इंतजार, फिर भी नहीं मिला कंबल
मामाला मंझनपुर तहसील परिसर का है. तहसील परिसर में मौजूद लोगों का कहना है कि उन्हें कंबल देने के लिए बुलाया गया था. घंटों इंतजार करने के बाद भी कंबल नहीं होने की बात कहकर हमें वापस जाने को कहा गया है.

कंबल हैं लेकिन गरीबों को नहीं दे रहे
कंबल लेने तहसील पहुंचे वृद्ध विश्वनाथ का कहना है कि कंबल की आस में मैं तीन-चार दिन से आ रहा हूं. मेरे सामने कंबल आए हैं, लेकिन हमें कंबल नहीं दे रहे हैं और झूठ बोलकर वापस जाने को कह रहे हैं. तहसीलदार साहब कहते हैं कि डीएम का हुक्म मिले तो कंबल बांट दें.

जब कंबल नहीं थे तो हमें क्यों बुलाया
घंटों इंतजार के बाद भी कंबल न मिलने से नाराज सुमित्रा देवी ने कहा कि कंबल नहीं है, तो हमें इतनी सर्दी में क्यों बुलाया गया. हम भीषण सर्दी में अपने बच्चों को घर पर छोड़कर आए. यहां अलाव की भी व्यवस्था भी नहीं है. गम घंटों से यहां कंबल का इंतजार कर रहे हैं.

जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं
इस मामले पर ईटीवी भारत ने जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की. अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं हुए. उनका कहना है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, इसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है.

Intro:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सर्दी से बचने के लिए कंबल वितरण योजना का शुभारंभ किया। हर जिले में जगह-जगह कंबल बटवा भी गया। लेकिन कौशांबी में उनके अधिकारी इस योजनाओं का मजाक उड़ाते नजर आ रहे हैं। इसकी बानगी उस समय दिखाई दी जब कई महिलाएं और पुरुष तहसील पहुंचकर कंबल की मांग करने लगी। महिलाओं का आरोप है कि उन्हें कंबल के लिए बुला तो लिया जाता है मगर दिया नहीं जाता। जिससे उन्हें सर्दियों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वह कैमरे के सामने आने से कतराते रहे।


Body:मामला मंझनपुर तहसील का है। जहां उपजिलाधिकारी के यहां महिलाएं ठंड से राहत पाने के लिए कंबल की उम्मीद में आस में काफी समय तक बैठी ठंड में थुठुरती रही मगर किसी को भी कंबल नहीं दिया। जिससे गरीब और असहाय को बगैर कंबल के ही वापस लौटना पड़ा। जिससे लोग काफी मायूस दिखे। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें कंबल वितरण के नाम पर तहसील बुलाया गया था।शीतलहर चलने के बावजूद भी वह लोग कंबल मिलने की आस में तहसील पहुंचे। जिसके बाद काफी देर से उन्हें बैठाया गया है मगर कंबल नहीं दिया जा रहा है। साथ ही यहां पास अलाव आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिससे ठंड हवाओं में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बाइट-- विश्वनाथ कंबल लेने पहुचे वृद्ध

बाइट-- सुमित्रा देवी कंबल लेने पहुची महिला


Conclusion:ग्रामीणों को कंबल ना मिलने के मामले में जब जिम्मेदार अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो जिले का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले में बोलने से कतराते नजर आए। अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी इसके बाद ही कुछ बताया जा सकता है।

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