कौशांबी: जिले में अफीम की खेती किए जाने का मामला प्रकाश में आया है. जहां पुलिस ने सात विश्वा में अफीम की खेती करने वाले तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने खेती को नष्ट करवाने और मामले की जांच के लिए एनसीबी लखनऊ को सूचित किया. एनसीबी के निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू कर दिया है.
पुलिस अधीक्षक बृजेश श्रीवास्तव के मुताबिक, मामला महेवाघाट थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव का है, जहां महेवाघाट पुलिस बृहस्पतिवार की शाम पैदल गस्त कर रही थी. जैसे ही पुलिस भगतपुरवा चौराहे के पास पहुंची तो रानीपुर गांव के रहने वाला दिनेश पुलिस को देख कर भागने लगा. पुलिस ने दिनेश को पकड़ कर तलाशी लिया तो उसके पास से 4.5 किलोग्राम अफीम के हरे फल बरामद हुआ, जिस पर महेवाघाट पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ किया तो दिनेश ने अफीम की खेती करने की बात कबूली. पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में पाया कि दिनेश कुमार द्वारा 6 विश्वा खेत में अफीम की खेती की गई है, जिसमे अफीम के फल लगे है और वह पूरी तहर से अफीम उत्पादन के लिए तैयार है.
वही गांव के ही रामनरेश ने 1/4 विश्वा और अभिमन्यु सिंह द्वारा आधा विश्वा खेत मे अफीम की खेती की गई है. पुलिस ने दिनेश प्रदीप और अभिमन्यु को हिरासत में ले लिया और मामले की सूचना एनसीबी लखनऊ को दिया. सूचना मिलने पर एनसीबी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की गहनता से जांच किया. पुलिस अधीक्षक बृजेश श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि एनसीबी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि उपरोक्त तीनों खेतों में करीब 80 से 90 किलो अफीम का उत्पादन हो सकता है. अफीम से प्रोसेसिंग के उपरांत करीब 10 से 12 किलो हीरोइन का उत्पादन किया जा सकता है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 10 से 12 करोड़ रुपये होती है. कहा कि इन तीनों व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा रहा है और साथ में जांच कराई जा रही है कि अफीम की खेती किन लोगों के कहने पर की थी.
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