कौशांबी: जिले की पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने ठाकुर जी (भगवान कृष्ण) की प्राचीन अष्टधातु की मूर्ति के साथ 10 तस्करों को गिरफ्तार किया है. बरामद की गई अष्टधातु की मूर्ति की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 95 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना (Superintendent of Police Hemraj Meena) ने बताया कि शुक्रवार की भोर महेवाघाट पुलिस (Bhor Mahewaghat Police) को मुखबिर से सूचना मिली कि यमुना ब्रिज के पास तस्करों का एक गैंग मौजूद है. पुलिस ने घेराबंदी कर दस तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. तलाशी के दौरान आरोपियों के पास से एक अष्टधातु की मूर्ति और कई मूर्तियों के टूटे हुए अवशेष बरामद किए. इनकी कीमत 95 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
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तस्करों ने बताया कि उन्होंने इस मूर्ति को 12 से 15 वर्ष पहले एक गांव से चुराया था, जिसके बाद उन्होंने बांदा जनपद के बबेरू थाना अंतर्गत अछाह गांव में मिट्टी में इन इसे दबा दिया था. तस्कर रामप्रसाद ने बताया कि उसके दो साथियों की मौत होने के बाद वह 3 वर्ष पूर्व इस मूर्ति को बेचने के लिए निकले थे, लेकिन विफल होने पर उन्होंने उसे चित्रकूट जनपद में रैपुरा थाना के भुजौली गांव में रखा था. वह वृहस्पतिवार की रात उसे केरल के एक व्यापारी को बेचने के लिए राजापुर निकले थे, जिसके बाद वह यमुना ब्रिज पर खरीदार का इंतजार कर रहे थे और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
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बता दें कि गिरफ्तार किए गए दस तस्करों में से कौशाम्बी जिले के रहने वाले उस्मान उल्ला उर्फ चांद बाबू, जितेंद्र कुमार, विपिन कुमार शुक्ला, बांदा के रहने वाले रामकिशोर विश्वकर्मा, चित्रकूट के मुसद्दर, ननका, नीरज विश्वकर्मा, रामप्रसाद विश्वकर्मा, बाबूजी सोनकर और संतोष कुमार पटेल शामिल हैं. पुलिस ने इन तस्करों के खिलाफ लिखापढ़ी कर जेल भेज दिया.